
बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान की फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ अलग-अलग कारणों के वजह से सुर्खियां बटोर रही है. पहले फिल्म को बायकॉट करने की बात चली, फिर मिक्स रिव्यू सामने आए लेकिन यह लगातार चर्चा में बनी हुई है. लाल सिंह चड्ढा को लेकर लोगों में क्रेज़ बढ़ रहा है, तो हम आपको एक अलग लाल सिंह की कहानी बताते हैं. लाल सिंह, जो भारत के पहले सिख क्रिकेटर थे.
आज़ादी से पहले मलेशिया में जन्मे लाल सिंह ने भारत के लिए सिर्फ एक टेस्ट मैच खेला है. एक बेहतरीन फील्डर माने जाने वाले लाल सिंह ने इंग्लैंड के खिलाफ 1932 में टेस्ट मैच खेला था, जो भारतीय टीम का पहला टेस्ट मैच था.
भारत की नौसिखिया टीम जब इंग्लैंड के खिलाफ पहली बार उसकी सरजमीं पर मैच खेलने पहुंची, तो लाल सिंह ने अपनी अलग पहचान बनाई. इंग्लैंड जहां क्रिकेट पैदा हुए, उसके सामने भारत की टीम खेल रही थी. अनुभव, स्किल और अन्य सभी पैमानों पर उस वक्त टीम बड़ी कमज़ोर थी, लेकिन लाल सिंह की फील्डिंग ने हर किसी को हैरान किया.
लॉर्ड्स में खेले गए इस टेस्ट मैच में लाल सिंह ने दोनों पारियों में बल्लेबाजी की, पहली पारी में 15 रन और दूसरी पारी में 29 रन बनाए. इसके अलावा उन्होंने एक कैच भी पकड़ा. पहली पारी में इंग्लैंड के बल्लेबाज फ्रैंक वूली को लाल सिंह ने रनआउट किया था, बॉल सीधा उनके हाथ में गई और पिकअप एंड थ्रो मोड में उन्होंने इंग्लिश बल्लेबाज को रनआउट कर दिया. दूसरी पारी में उन्होंने अमर सिंह के साथ मिलकर भारत के लिए 74 रनों की पार्टनरशिप भी की थी.
लाल सिंह का जन्म मलेशिया के कुआलालंपुर में 16 दिसंबर, 1909 को हुआ था. जबकि 19 नवंबर 1985 में उन्होंने अंतिम सांस ली थी. भारत के लिए एक टेस्ट मैच खेलने के अलावा उन्होंने 32 फर्स्ट क्लास मैच भी खेले थे, जिनमें उनके नाम 1123 रन थे. इसमें 1 शतक, 5 अर्धशतक शामिल थे जबकि उनका औसत 25 के करीब था.