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भाग्य का धनी, अपने मन का कप्तान 'महेंद्र सिंह धोनी'

किसी को पता नहीं कि धोनी ने अंग्रेजी की कविता ‘इनविक्टस’ पढ़ी थी या नहीं या उन्होंने हॉलीवुड अभिनेता मोर्गन फ्रीमैन की आवाज में यह सुना कि नहीं कि मैं अपने भाग्य का मालिक हूं, मैं अपनी आत्मा का कप्तान हूं.

धोनी की कप्तानी को ना धोनी की कप्तानी को ना
BHASHA
  • नई दिल्ली,
  • 05 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 1:36 PM IST

करिश्माई कप्तान रहे महेंद्र सिंह धोनी ने कप्तानी के अपने कार्यकाल के दौरान अपनी आत्मा की आवाज पर सही समय पर सही निर्णय करने की क्षमता का अद्भुत उदाहरण पेश किया और एक बार फिर से उन्होंने अपने भारत के सीमित ओवरों के कप्तान पद से हटने का फैसला करके अपने इस कौशल को दिखाकर हर किसी को ‘स्टंप’ आउट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

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किसी को पता नहीं कि धोनी ने अंग्रेजी की कविता ‘इनविक्टस’ पढ़ी थी या नहीं या उन्होंने हॉलीवुड अभिनेता मोर्गन फ्रीमैन की आवाज में यह सुना कि नहीं कि मैं अपने भाग्य का मालिक हूं, मैं अपनी आत्मा का कप्तान हूं. कविता का भाव भिन्न हो सकता है लेकिन उसकी भावना कहीं न कहीं जुड़ी हुई है, धोनी ने बुधवार रात जब अपना फैसला सार्वजनिक किया तो उनके मन में कहीं न कहीं ऐसे भाव बने होंगे.

गावस्कर ने भी उठाया था ऐसा कदम
सुनील गावस्कर के बाद किसी भी भारतीय क्रिकेटर ने इस तरह की शिष्टता और दूरदर्शिता का परिचय नहीं दिया जैसा कि झारखंड के इस क्रिकेटर ने बुधवार को बीसीसीआई के जरिये सीमित ओवरों की कप्तानी छोड़ने की घोषणा करके दिया. जब गावस्कर ने कप्तानी से हटने का फैसला किया तो उन्होंने 1985 में बेंसन एंड हेजेस विश्व चैंपियनशिप जीती थी, इसके बाद जब उन्होंने संन्यास लिया तो चिन्नास्वामी स्टेडियम में 1987 में 96 रन की जानदार पारी खेली थी. ये ऐसे दौर थे जबकि लोग उनसे और खेलने की उम्मीद कर रहे थे.

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रिकॉर्ड का लालच नहीं
खिलाड़ियों को हम अमूमन यह कहते हुए सुनते हैं कि हम रिकॉर्ड के लिये नहीं खेलते लेकिन कितने इस पर अमल करते हैं. धोनी के मामले में हालांकि यह साबित होता है कि वह रिकॉर्ड के लिये नहीं खेलते, धोनी ने जब टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया तो वह देश की तरफ से 100 टेस्ट मैच खेलने से केवल दस टेस्ट दूर थे लेकिन उन्होंने अपनी दिल की आवाज सुनी और उस पर विश्वास किया. वहीं वनडे में भी वह 199 मैचों की कप्तानी कर चुके थे चाहते तो 200 का आंकड़ा छू सकते थे लेकिन ऐसा नहीं किया क्योंकि वह जानते थे कि विराट कोहली पद संभालने के लिये तैयार हैं और फैसला लेना का यही सही समय है.

गौरतलब है कि भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे कामयाब कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने वनडे और टी-20 की कप्तानी छोड़ने का फैसला किया है. हालांकि धोनी वनडे और टी-20 मैच खेलते रहेंगे. धोनी इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली वनडे और टी-20 मैचों में चयन के लिए भी उपलब्ध रहेंगे. आपको बता दें कि धोनी टेस्ट क्रिकेट से पहले ही संन्यास ले चुके हैं.

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