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IND vs AUS: टेस्ट कैप पाकर इमोशनल हुए मयंक, कहा- पूरी जिंदगी संभाल कर रखूंगा

Mayank Agarwal Ind Vs Aus बुधवार को मयंक अग्रवाल ने अपने पदार्पण टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 76 रनों की प्रभावी पारी खेली.

Mayank Agarwal (BCCI) Mayank Agarwal (BCCI)
aajtak.in
  • मेलबर्न,
  • 26 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 5:11 PM IST

मयंक अग्रवाल पिछले एक साल से भारत के लिए पदार्पण करने का इंतजार कर रहे थे. लेकिन, जब उनका यह सपना हकीकत में बदला तो उन पर भावनाएं हावी होने लगीं, जिससे कर्नाटक के इस बल्लेबाज के लिए अपने काम पर ध्यान लगाना मुश्किल हो गया. मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर बुधवार को अपने पदार्पण टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 76 रनों की प्रभावी पारी खेलने वाले अग्रवाल ने कहा, ‘भारत के लिए पदार्पण करना शानदार अहसास था. जब मुझे कैप मिली, तो मुझ पर भावनाएं हावी थीं. मैं अपने बाकी जीवन में इसे सहेजकर रखूंगा. पहला विचार नंबर 295 था (अग्रवाल की भारतीय कैप का नंबर).’

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लेकिन, इस मौके पर भावनाएं आप पर हावी हो सकती हैं विशेषकर तब, जब आपने ढेरों रन बनाए हों और भारत की ओर से पदार्पण का लंबे समय से इंतजार कर रहे हों. अग्रवाल ने कहा, ‘भावनाओं को काबू में रखकर एकाग्रता बनाए रखना आसान नहीं था, लेकिन ऐसा करने की जरूरत थी. मैं अपनी योजनाओं पर कायम रहा और स्वयं से कहता रहा, ‘मुझे एक योजना को लागू करना है और मैं इस पर कायम रहूंगा. यह काफी बड़ा अवसर था और मैंने जैसी शुरुआत की उसकी खुशी है.’

रन जड़ रहे थे मयंक अग्रवाल, मजाक उड़ा रहे थे कंगारू कमेंटेटर

अग्रवाल को सीनियर खिलाड़ियों ने पदार्पण टेस्ट में छाप छोड़ने की शुभकामनाएं दीं, जिससे वह काफी खुश हैं. उन्होंने कहा, ‘यह बड़ा मंच और बड़ा मौका है. सीनियर खिलाड़ी मेरे पास आए और बोले कि जितना बड़ा दिन होता है, छाप छोड़ने का उतना ही बड़ा मौका भी होता है.’ अग्रवाल टेस्ट पदार्पण में अर्धशतक जड़ने वाले सिर्फ सातवें भारतीय सलामी बल्लेबाज हैं. उनका यह स्कोर ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर टेस्ट पदार्पण करते हुए भारतीय बल्लेबाजों के बीच सर्वश्रेष्ठ स्कोर है.

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अग्रवाल पिछले एक साल से लगातार भारतीय टीम में जगह बनाने की दौड़ में बने हुए थे और इस दौरान लगातार घरेलू मैचों और ए दौरों पर खेलते रहे, जिससे लय बनी रही. इस 27 साल के सलामी बल्लेबाज ने कहा, ‘जब मुझे वेस्टइंडीज के खिलाफ चुना गया, तो मैं काफी खुश था. यह मेरे लिए बड़ा लम्हा था. इसके बाद चीजें मेरे हाथ में नहीं थीं. मैं खेलूंगा या नहीं या मुझे चुना जाएगा या नहीं, यह मेरे हाथ में नहीं है.’

अग्रवाल को अपने टेस्ट करियर का आगाज एमसीजी पर करने की खुशी है. उन्होंने कहा, ‘मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि जो भी हुआ और जो भी होगा, मैं काफी स्पेशल महसूस कर रहा हूं. मैं काफी भाग्यशाली हूं, क्योंकि मैंने अपना पदार्पण एमसीजी में किया. हर खिलाड़ी को रणजी ट्रॉफी में रन बनाने होते हैं. मैंने भी यह किया और इसे लेकर मैं काफी खुश हूं.’

अग्रवाल ने कहा, ‘मैंने काफी कुछ सीखा. जब आप पांच साल रणजी ट्रॉफी खेले हों और भारत के प्रत्येक हिस्से में खेले हों, तो आप इससे काफी कुछ सीखते हो. आपको अलग अलग स्थितियों का सामना करना होता है और यह हमेशा काफी सीखने वाला होता है.’ एमसीजी की सपाट पिच पर असमान उछाल के बारे में पूछने पर अग्रवाल ने कहा, ‘मैं पिच के बारे में शिकायत नहीं करूंगा. मुझे लगता है कि यह बल्लेबाजी के लिए अच्छी थी. शुरू में गेंदबाजों को थोड़ी मदद मिल रही थी और पिच धीमी थी. लेकिन लंच के बाद यह थोड़ी तेज हो गई.’

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भारत ने पहले दिन 2.41 रन प्रति ओवर की गति से दो विकेट पर 215 रन बनाए, लेकिन अग्रवाल ने इसका श्रेय घरेलू गेंदबाजों की कसी हुई गेंदबाजी को दिया. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि उन्होंने शानदार गेंदबाजी की. उन्होंने काफी ढीली गेंद नहीं फेंकीं, उन्होंने कसी हुई गेंदबाजी की और वे आक्रामक भी थे, इसलिए उन्होंने जिस तरह की गेंदबाजी की उसे देखते हुए मुझे लगता है कि हम अच्छा खेले.’

अग्रवाल ने अपने सलामी जोड़ीदार हनुमा विहारी की भी तारीफ की, जिन्होंने रन तो काफी नहीं बनाए, लेकिन नई गेंद का सामना करते हुए 66 गेंदें खेलीं. उन्होंने कहा, ‘हनुमा विहारी अच्छे खिलाड़ी हैं. उन्होंने रणजी ट्रॉफी में ढेरों रन बनाए हैं. उन्होंने ‘ए’ टीम की ओर से रन बनाए हैं और तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए तिहरा शतक जड़ा है. वह काफी गेंद खेलने में सफल रहे जो अच्छा है.’

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