
क्रिकेट के खेल में खासकर टेस्ट क्रिकेट में पिच की अहम भूमिका होती है. यदि पिच पर घास छोड़ दी जाती है, तो तेज गेंदबाजों को मदद मिलना स्वाभाविक होता है और ऐसी परिस्थिति में बल्लेबाजों के लिए रन बनाना मुश्किल होता है. आमतौर सीमित ओवर्स क्रिकेट में पिचें काफी सपाट होती है, जहां बल्लेबाज जमकर रन बनाते नजर आते हैं.
मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (MCC) ने काफी सारे नियम बनाए हैं, जिससे क्रिकेट को समझने और खेलने के दौरान कोई परेशानी न हो. एमसीसी के इन नियमों में पिच को लेकर भी नियम शामिल हैं. आइए जानते हैं क्रिकेट के छठे नियम के बारे में-
नियम 6- द पिच (The Pitch)
6.1 पिच का क्षेत्र (area)
पिच मैदान के अंदर एक आयताकार एरिया होता है जिसकी लंबाई 22 गज / 20.12 मीटर और चौड़ाई 10 फीट / 3.05 मीटर होती है. पिच के दोनों छोर पर बॉलिंग क्रीज और काल्पनिक रेखाएं (imaginary lines) होती हैं, जो दो मिडिल स्टंप के केंद्रों को मिलाने वाली काल्पनिक रेखा के समानांतर और दोनों ओर 5 फीट / 1.52 मीटर की दूरी पर काल्पनिक बिंदुओं से जुड़ी हुई रहती हैं. यदि पिच के नजदीक को कृत्रिम (artificial) पिच है जो मिडिल स्टंप से 5 फीट / 1.52 मीटर के करीब है, तो उस तरफ का एरिया दोनों पिचों को जोड़ने वाले बिंदु तक ही माना जाएगा.
6.2 खेलने के लिए पिच की अनुकूलता (Fitness)
अंपायर खेलने के लिए पिच की अनुकूलता के एकमात्र निर्णायक होंगे.
6.3 चयन और तैयारी
मैच से पहले पिच के चयन और तैयारी के लिए ग्राउंड अथॉरिटी जिम्मेदार होंगे. मैच के दौरान अंपायर इसके उपयोग और -रख-रखाव को नियंत्रित करेंगे.
6.4 पिच में बदलाव
मैच के दौरान पिच को तब तक नहीं बदला जाएगा जब तक कि अंपायर यह तय नहीं कर लेते कि इस पर खेलना खतरनाक या अनुचित है. उसके बाद ही दोनों कप्तानों की सहमति से पिच में बदलाव होगा.
6.5 नॉन-टर्फ पिच
नॉन-टर्फ पिच का उपयोग किए जाने की स्थिति में कृत्रिम सतह का माप इस प्रकार होना चाहिए:
लंबाई - न्यूनतम 58 फीट/17.68 वर्ग मीटर
चौड़ाई - कम से कम 6 फीट/1.83 मीटर