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धोनी की आलोचना पर भड़का ये दिग्गज, कहा- एक गेंद न खेलने वाले भी कर रहे कमेंट

विश्व कप में धीमी बल्लेबाजी के कारण धोनी की आलोचना हो रही है और कयास लगाए जा रहे हैं कि वह टूर्नामेंट के समाप्त होने के बाद वह संन्यास ले सकते हैं.

महेंद्र सिंह धोनी (तस्वीर- रॉयटर्स) महेंद्र सिंह धोनी (तस्वीर- रॉयटर्स)
अजीत तिवारी
  • नई दिल्ली,
  • 07 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 10:32 PM IST

भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी रविवार को 38 साल के हो गए. मौजूदा विश्व कप में उनके प्रदर्शन के कारण उनकी आलोचना हो रही है और माना जा रहा है कि वह कभी भी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह सकते हैं. लेकिन, उनके लंबे समय से दोस्त और मैनेजर अरुण पांडे का कहना है कि धोनी में अभी भी अपने आलोचकों का मुंह बंद करने की क्षमता है.

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धोनी को जन्मदिन की बधाई देते हुए पांडे ने कहा, "मैं अपने दोस्त और दिग्गज क्रिकेटर एम.एस. धोनी पर पिक्चराइज हुए गीत 'बेसब्रियां' से शुरुआत करना चाहूंगा क्योंकि इसमें धोनी की यात्रा बहुत खूबसूरती से दिखाई गई है जो संघर्ष, उपलब्धियों और आलोचनाओं से भरी हुई है."

विश्व कप में धीमी बल्लेबाजी के कारण धोनी की आलोचना हो रही है और कयास लगाए जा रहे हैं कि वह टूर्नामेंट के समाप्त होने के बाद वह संन्यास ले सकते हैं.

पांडे ने कहा, "उन्होंने अपने करियर में बहुत लंबा सफर तय किया है. उन्होंने सबसे पहले अपनी पहचान बनाने के लिए लड़ाई लड़ी, उसके बाद खुद की आर्थिक रूप से मदद की और क्रिकेट में लगातार आगे बढ़े. 2011 में उन्होंने टीम को विश्व कप का खिताब दिलाया और फिर नए खिलाड़ियों के आने के कारण उन्हें अपने फॉर्म को भी बेहतरीन रखना पड़ा. यह सब देखते हुए यह कहा जा सकता है कि उनका करियर बेहद रोमांचक रहा है."

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रिहिटी स्पोर्ट्स के चेयरमैन अरुण पांडे ने कहा, "इसलिए शायद उन्होंने इतनी आलोचना के बाद उम्मीद नहीं खोई है. धोनी को करियर में सराहना एवं आलोचना दोनों झेलनी पड़ी है और यह भी कुछ ऐसे लोगों से भी जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में शायद एक गेंद तक नहीं खेली है."

वह मानते हैं कि उनके दोस्त में अभी खुद को बेहतर करते हुए वापसी करने का माद्दा है.

पांडे ने कहा, "लोग इस बारे में बात कर रहे हैं कि धोनी के अच्छे दिन जा चुके हैं और उन्हें संन्यास ले लेना चाहिए, लेकिन हम यह जानते हैं कि धोनी को कभी कमतर नहीं आंका जा सकता है. उन्होंने हमें बार-बार दिखाया कि वे, भारतीय क्रिकेट के फीनिक्स की तरह, राख से फिर उठते हैं और मजबूत व बेहतर होकर आगे आ सकते हैं."

धोनी ने 2004 में अपने वनडे डेब्यू किया था और पिछले 15 साल से भारतीय क्रिकेट का अहम चेहरा बने हुए हैं.

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