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युवा क्रिकेटरों को धोनी की झिड़की, कहा- सीखने के लिए गलती करना जरूरी नहीं

धोनी ने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट आईपीएल से अलग है. आईपीएल में बहुत प्रेशर नहीं होता, वहां आप बड़े बड़े शॉट खेल सकते हैं. अगर आप 14 में पांच या छह मैच खेलते हैं तो भी आप अपनी टीम को आगे ले जा सकते हैं.

पंकज श्रीवास्तव
  • नई दिल्ली,
  • 19 जून 2016,
  • अपडेटेड 8:35 AM IST

टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने जिम्बाब्वे के खिलाफ पहले टी20 मुकाबले में हार के बाद कहा कि उन्हें उम्मीद है युवा क्रिकेटर इस हार के बाद अपनी गलतियों से सीख लेंगे. महत्वपूर्ण मौके पर अपने विकेट गंवाने वाली युवा भारतीय टीम को इस मुकाबले में दो रनों से हार का सामना करना पड़ा.

धोनी ने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट आईपीएल से अलग है. आईपीएल में बहुत प्रेशर नहीं होता, वहां आप बड़े बड़े शॉट खेल सकते हैं. अगर आप 14 में पांच या छह मैच खेलते हैं तो भी आप अपनी टीम को आगे ले जा सकते हैं. लेकिन यहां थोड़ा अलग है. यहां उन्हें व्यक्तिगत रूप से बताना होता है कि किस मौके पर क्या करना है. और हां, इसी तरह आप सीखते हैं. यह जरूरी नहीं है कि सीखने के लिए गलती की जाए.’ साथ ही धोनी ने यह भी कहा कि मैच का नतीजा साबित करता है कि सभी अंतरराष्ट्रीय टीमों का सम्मान किया जाना चाहिए.

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‘सीखने का मौका है, बशर्ते सीख लें’
महेंद्र सिंह धोनी को उम्मीद है कि युवा खिलाड़ी इस मैदान में होने वाले दूसरे मैच में ये गलतियां नहीं दोहराएंगे. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि हमने भले ही मैच गंवा दिया हो, जो निराशाजनक है, लेकिन युवाओं के लिए यह सीख लेने का मौका है, बशर्ते वे इससे सीख लें.’ धोनी ने कहा, ‘आपको इसे गंभीरता से लेना होगा क्योंकि जब भी आप देश का प्रतिनिधित्व करते हो, जब भी आपको लगातार कुछ समय भारतीय टीम का हिस्सा होने का मौका मिलता है तो कुछ दबाव महसूस होता है. और ऐसे समय में इस तरह के दौरे उन्हें दबाव कम करने में सचमुच मदद करेंगे.’

अंतिम गेंद पर चौका मारने में नाकाम रहे धोनी
कप्तान खुद अपनी टीम को जीत नहीं दिला सके जिससे भारतीय टीम अंतिम ओवर में आठ रन नहीं बना सकी जिसमें तेज गेंदबाज नेविले मादजिवा ने कसी गेंदबाजी की. उन्होंने कहा कि उन्हें इस मैच में जीत दिलाने का काम पूरा करना चाहिए थे लेकिन उन्हें अपने बल्लेबाजों से ज्यादा समझदारी की उम्मीद थी.

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धोनी ने कहा, ‘मुझे लगता है कि बल्लेबाजों को जिम्मेदारी लेनी चाहिए. कारण यह है कि कुछ बल्लेबाज क्रीज पर अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे और जमे हुए थे. जब आप लक्ष्य का पीछा कर रहे होते हो तो आपको इसे अंत तक ले जाना चाहिए और फिर शॉट खेलने की कोशिश करनी चाहिए. इस मैच में इसी चीज की कमी थी.’

‘धोनी ने कहा, यह टूर मेरे लिए नहीं’
दौरे के लिए दूसरे दर्जे की टीम चुनी गई थी जिसमें कई सीनियर खिलाड़ी अनुपस्थित हैं और धोनी ने कहा कि उभरते हुए खिलाड़ियों को इस मौके का पूरा फायदा उठाना चाहिए. कप्तान ने कहा कि वह छठे नंबर पर खेले ताकि अन्य खिलाड़ियों को क्रीज पर समय बिताने का मौका मिले.

उन्होंने कहा, ‘यह मेरे लिए नहीं है. अगर मुझे ऊपर के क्रम में बल्लेबाजी करनी होती तो मैं इस टीम के लिए आसानी से चौथे नंबर पर बल्लेबाजी कर सकता था. लेकिन इन युवाओं के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे इस नंबर पर बल्लेबाजी करें क्योंकि यह उनके लिए बढ़िया मौका है. मैं यहां पर सिर्फ इसलिए हूं कि उन्हें समझ सकूं और साथ ही उन्हें बता सकूं कि क्या किया जाना चाहिए.’

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