
किसी भी बड़े टूर्नामेंट में जाने से पहले ऐसे खिलाड़ी चुने जाते हैं, जो टीम की रणनीति में फिट बैठ सकें. 2019 के विश्व कप में टीम चयन और अहम मौकों पर टीम मैनेजमेंट के द्वारा लिए गए फैसलों पर सवाल उठे थे. तब के फैसले बाद में भी परेशान करते रहे. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 3 मुकाबलों की वनडे सीरीज में हार टीम इंडिया के लिए एक 'वेक-अप कॉल' की तरह ही थी. टीम इंडिया ने इस हार के बाद अपने टीम सेलेक्शन में थोड़ा सुधार कर भविष्य के लिए सोचने की तरफ कदम रख दिया है. टीम में 35 साल के रविचंद्रन अश्विन को वेस्टइंडीज के खिलाफ मौका न मिलना भी इसी की एक झलक है. हालांकि इसके पीछे चोट को एक वजह बताई गई है, लेकिन अश्विन के लिए वनडे क्रिकेट में रास्ते लगभग बंद होते नजर आ रहे हैं.
कम समय में होगी टीम इंडिया की तैयारी
2023 विश्व कप में ज्याद वक्त नहीं है, अक्टूबर 2023 में खेले जाने वाले विश्व कप से पहले टीम इंडिया इस फॉर्मेट में मौजूदा FTP के हिसाब से ज्यादा मुकाबले नहीं खेलने वाली है. 2023 विश्व कप तक टीम इंडिया के पास लगभग 25 मैचों का समय है. टीम चयन से लेकर मैदान पर प्रदर्शन से जुड़ी खामियों से निपटने के लिए काफी कम समय बाकी रह गया है. भारत के साथ बाकी टीमों ने भी 2019 के बाद वनडे फॉर्मेट पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया है.
विश्व कप को ध्यान में वेस्टइंडीज के खिलाफ टीम इंडिया युवाओं को आजमाना चाहती है. इसी कड़ी में टीम इंडिया ने एक बार फिर से कुलदीप यादव, और वॉशिंगटन सुंदर, युजवेंद्र चहल के साथ 21 वर्षीय रवि बिश्नोई को वनडे और टी-20 दोनों फॉर्मेट में मौका दिया है. इसके साथ ही टीम इंडिया तेज गेंदबाजी में भी युवाओं को आजमाना चाह रही है. आवेश खान, मोहम्मद सिराज, प्रसिद्ध कृष्षा, हर्षल पटेल, टी नटराजन जैसे गेंदबाजों को टीम मैनेजमेंट जैसे गेंदबाजों को बैक-अप के तौर पर देखा जा रहा है.
स्पिनर्स पर रहेगा टीमों का जोर
अगला विश्व कप भारतीय विकेटों पर खेला जाना है, ऐसे में स्पिन गेंदबाजों का रोल काफी अहम हो जाता है. वेस्टइंडीज के खिलाफ टीम मैनेजमेंट ने रविचंद्रन अश्विन को मौका नहीं दिया है. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ लगभग 5 साल बाद टीम वनडे खेल रहे रविचंद्रन अश्विन बुरी तरह से फ्लॉप रहे. पार्ल की जिस विकेट पर केशव महाराज और तबरेज शम्सी एक के बाद एक विकेट निकाल रहे थे उस विकेट पर रविचंद्रन अश्विन 2 पारियों में सिर्फ 1 विकेट झटक पाए. दूसरे वनडे में अश्विन रन रोकने में भी नाकाम रहे. IPL और रेड बॉल क्रिकेट में अच्छे प्रदर्शन का इनाम पाने वाले रविचंद्रन अश्विन को टी-20 फॉर्मेट में तो थोड़ी सफलता मिली, लेकिन वनडे में उनकी वापसी फ्लॉप रही.
अश्विन दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ
पहला वनडे: 10 ओवर 53 रन 1 विकेट
दूसरा वनडे: 10 ओवर 1 मेडेन 68 रन 0 विकेट
बतौर ऑलराउंडर बैलेंस में फिट नहीं बैठते अश्विन
टी-20 फॉर्मेट के जरिए वनडे टीम में वापसी करने वाले अश्विन की मौजूदा टीम इंडिया (वनडे) में जगह को लेकर बहस बरकरार है. अश्विन ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ नंबर 7 पर बल्लेबाजी भी की थी और उन्होंने एक ऑलराउंडर की अनुपस्थिति में वह रोल अदा किया. उनका रिकॉर्ड बड़े टूर्नामेंट के लिए उन्हें बतौर स्पिन ऑलराउंडर टीम में बनाए रखने की तरफ इशारा नहीं करते हैं. अश्विन का वनडे में बल्लेबाजी औसत 16 का ही है. ऐसे में जिस बैटिंग पोजिशन में टीम को एक बेहतर फिनिशर की तलाश है उस रोल के लिए अश्विन कतई फिट नहीं बैठते हैं. गेंदबाजी में अश्विन के पास किसी भी मुकाबले को पलटने का माद्दा है, लेकिन बतौर बल्लेबाज नबर 7 पर टीम मैनेजमेंट भी अश्विन पर कम आत्मविश्वास दिखाएगा. प्लेइंग इलेवन में भी अश्विन के बतौर ऑलराउंडर होने के बाद टीम का बैलेंस गड़बड़ाया नजर आता है. इसक वक्त टीम की कमजोरी मध्यक्रम और निचला क्रम ही है.
अश्विन बतौर बल्लेबाज (वनडे)
मैच: 113
पारी: 63
रन: 707
औसत: 16.44
हाफ सेंचुरी: 1
युवाओं को मिले मौके
बतौर गेंदबाज भी टीम इंडिया के लिए किसी युवा पर इस वक्त दांव खेलना ज्यादा मुनासिब होगा. 2019 विश्व कप तक साथ खेलने वाले कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल ने अपनी गेंदबाजी के दम पर भारतीय टीम को कई मुकाबलों में जीत दिलाई थी. दोनों एक मैच विनर बनकर उभरे, वहीं अश्विन इस फॉर्मेट में अभी तक खुद को साबित नहीं कर पाए हैं. अश्विन ने 113 वनडे मुकाबलों में सिर्फ 1 बार ही पारी में 4 विकेट झटके हैं. अश्विन ने वनडे में टेस्ट फॉर्मेट जैसा कोई खास प्रदर्शन नहीं किया है. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जानेमन मलान, टेम्बा बावुमा जैसे बल्लेबाज उन्हें काफी आसानी से खेल रहे थे.
टीम इंडिया अब भविष्य की ओर देखती नजर आ रही है. ऐसे में रविचंद्रन अश्विन की वनडे टीम में जगह पर टीम मैनेजमेंट का रुख वेस्टइंडीज के खिलाफ चयन के बाद सबके सामने आ गया है. कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल लंबे समय बाद एक साथ खेलते दिखेंगे, वहीं रवि बिश्नोई भी टी-20 फॉर्मेट में डेब्यू कर सकते हैं. बिश्नोई को लेकर फैंस उत्साहित नजर आ रहे हैं अंडर-19 और IPL में शानदार प्रदर्शन के बाद लंबे समय से रवि बिश्नोई को बड़े स्टेज पर एक मौके की तलाश थी. इसके अलावा वॉशिंगटन सुंदर भी टीम के साथ लगातार बने हुए हैं और वह टीम इंडिया के लिए नंबर 7 पर बतौर बल्लेबाज और ऑफ स्पिनर एक अच्छा विकल्प साबित हो सकते हैं.