
भारतीय क्रिकेट के इतिहास में आज का दिन (18 जून) बेहद खास है. इसी दिन 37 साल पहले 1983 वर्ल्ड कप के दौरान कपिल देव ने नाबाद 175 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली थी. यह वनडे क्रिकेट में किसी भारतीय का पहला शतक था. इतना ही नहीं, यह उस वक्त वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में किसी भी बल्लेबाज की सबसे बड़ी पारी भी थी. उनकी उस पारी को याद कर आज भी फैंस रोमांचित हो उठते हैं. हालांकि कपिल देव की उस ऐतिहासिक पारी को सिर्फ वही लोग देख पाए, जो उस वक्त स्टेडियम में मौजूद थे. दुर्भाग्य से इस मैच का लाइव प्रसारण हुआ नहीं हुआ.
इंग्लैंड में खेले गए 1983 वर्ल्ड कप के पहले ही दिन डंकन फ्लेचर के हरफनमौला प्रदर्शन के बूते ऑस्ट्रेलिया को हरा चुकी जिम्बाब्वे की टीम ने भारत की शुरुआत बिगाड़ दी थी. सुनील गावस्कर और के. श्रीकांत की सलामी जोड़ी बिना कोई रन बनाए पवेलियन लौट गई. विकेटों का गिरना जारी रहा. मोहिंदर अमरनाथ (5), संदीप पाटिल (1) और यशपाल शर्मा (9) ने सस्ते में विकेट गंवाए. यानी 17 रनों पर 5 विकेट खोकर भारतीय टीम मुश्किल में थी.
इसके बाद जो भी हुआ वह इतिहास बन गया. कप्तान कपिल देव ने रोजर बिन्नी (22) के साथ 60, मदन लाल (17) के साथ 62 और सैयद किरमानी (नाबाद 24) के साथ 126 रनों की नाबाद साझेदारी कर 60 ओवरों की पारी में भारत को 266/8 के स्कोर पर पहुंचा दिया. कपिल देव ने 138 गेंदों में नाबाद 175 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली. उन्होंने अपनी पारी में 16 चौके और 6 छक्के जड़े.
... लेकिन कपिल देव की इस पारी का लुत्फ टनब्रिज वेल्स में नेविल मैदान में मौजूद दर्शक ही उठा सके क्योंकि बीबीसी टेक्नीशियन हड़ताल पर थे, जिससे इस मैच का टीवी पर प्रसारण नहीं हो पाया था. जाहिर है कपिल देव की यह ऐतिहासिक पारी सिर्फ वही लोग देख पाए, जो उस वक्त स्टेडियम में मौजूद थे.
कपिल की शतकीय पारी से भारत ने 266 रनों का स्कोर बनाया, जो जिम्बाब्वे के लिए काफी ज्यादा साबित हुआ. जवाब में जिम्बाब्वे की टीम 235 (57 ओवर) रनों पर सिमट गई और भारत ने 31 रनों से जीत हासिल की. कपिल का शतक उनकी शानदार नेतृत्व क्षमता का उदाहरण था, क्योंकि एक हफ्ते बाद ही भारतीय टीम वेस्टइंडीज को फाइनल में मात देकर विश्व कप चैम्पियन बन गई.
कपिल देव ने तब वनडे इतिहास का सबसे बड़ा स्कोर बनाने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया था. कपिल से पहले न्यूजीलैंड के ग्लैन टर्नर ने 1975 में 171 रनों की नाबाद पारी खेली थी. हालांकि, कपिल देव का रिकॉर्ड भी ज्यादा वक्त नहीं चला और अगले ही साल 1984 में वेस्टइंडीज के बल्लेबाज विवियन रिचर्ड्स ने इंग्लैंड के खिलाफ 189 रनों की नाबाद पारी खेलकर सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया. हालांकि अब वनडे में कई दोहरे शतक बन चुके हैं, जिसकी शुरुआत सचिन तेंदुलकर के बल्ले से 2010 में हुई. वनडे में सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर का रिकॉर्ड रोहित शर्मा (264) के नाम है.