
महान सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर के 'सबसे बड़े पार्टनर' के रूप में पहचान बनाने वाले चेतन चौहान ने अपने क्रिकेट करियर (1969-1981) के दौरान खूब सुर्खियां बटोरीं. गावस्कर और चौहान की जोड़ी ने टेस्ट की 60 पारियों में 54.85 की औसत से 3127 रन बनाए. दोनों ने मिलकर कुल 11 शतकीय साझेदारियां कीं, जिनमें से 10 तो पहले विकेट के लिए रहीं. चेतन चौहान का आज (21 जुलाई) जन्मदिन है. उनका जन्म 1947 में बरेली में हुआ था. तीन साल पहले (16 अगस्त 2020 को) कोविड-19 महामारी से जूझने के बाद 73 साल की उम्र में उनका निधन हुआ था.
बिना शतक के बनाया था ये रिकॉर्ड
टेस्ट करियर में बिना शतक लगाए सबसे ज्यादा रन बनाने के रिकॉर्ड की बात करें, तो इस सूची में तीसरा नाम चेतन चौहान का है. भारत के इस पूर्व सलामी बल्लेबाज ने 40 टेस्ट मैचों में 2084 रन बनाए और उनका उच्चतम स्कोर 97 रहा. करियर में बिना शतक लगाए (1969-1981) दो हजार रन बनाने वाले वह दुनिया के पहले क्रिकेटर थे.
वैसे बिना शतक लगाए सबसे ज्यादा रन बनाने के रिकॉर्ड शेन वॉर्न के नाम है. उन्होंने (1992-2007) 145 टेस्ट मैचों में 3154 रन बनाए और उनका उच्चतम स्कोर 99 रहा था. इसके बाद श्रीलंका के निरोशन डिकवेला का नंबर आता है जिन्होंने अबतक (2014-2023) 54 टेस्ट मैचों में 2454 रन बनाए हैं. डिकवेला का उच्चतम स्कोर 96 रन रहा है.
...जब ओवल में की यादगार साझेदारी
चेतन चौहान ने सितंबर 1969 में न्यूजीलैंड के खिलाफ मुंबई में अपना डेब्यू टेस्ट मैच खेला था. मजे की बात है कि उन्होंने पहले 25 मिनट तक कोई रन नहीं बनाया, लेकिन उसके बाद न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज ब्रूस टेलर की गेंद पर चौका लगाकर खाता खोला और अगली गेंद पर छक्का जड़ा.
सुनील गावस्कर और चेतन चौहान के बीच 1979 के ओवल टेस्ट में हुई ओपनिंग पार्टनरशिप आज भी याद की जाती है. इंग्लैंड के खिलाफ 438 रनों के बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए दोनों ने पहले विकेट के लिए 213 रन जोड़े थे. तब चौहान 80 रन बनाकर आउट हुए, जबकि गावस्कर ने दोहरा शतक (221) जड़ा था. हालांकि भारतीय टीम 429/8 रन ही बना पाई और जीत हासिल करने से वंचित रह गई.
पार्टनर गावस्कर के बारे में ऐसा कहा था
यूट्यूब देखने वालों के लिए हालांकि चेतन से जुड़ा सबसे बड़ा पल वह रहा, जब गावस्कर ने मेलबर्न में भारत की शानदार जीत के दौरान डेनिस लिली के खराब बर्ताव से नाखुश होकर उन्हें मैदान से बाहर आने को कहा. पत्रकार चेतन से पूछते थे कि क्या गावस्कर आउट थे तो इस पर वह हंसने लग जाते थे. चेतन चौहान हालांकि अपने महान सलामी जोड़ीदार का काफी सम्मान करते थे. वह कहा करते थे, ‘गावस्कर बहुत बड़ा बल्लेबाज था. तुम बच्चों को कोई आइडिया नहीं है. हमारे से पूछो. दो हजार रन बनाने में कितनी परेशानी होती है और उसके दस हजार रन थे.'
चेतन का ऐसा रहा इंटरनेशनल रिकॉर्ड
चेतन चौहान ने भारत के लिए 40 टेस्ट मैचों में 31.57 के एवरेज से 2084 रन बनाए, जिसमें 16 अर्धशतक शामिल रहे. उन्होंने 7 वनडे इंटरनेशनल मैचों में 21.86 के एवरेज से 153 रन बनाए. चौहान ने अपना आखिरी टेस्ट 1980-81 में न्यूजीलैंड दौरे पर खेला था. उस दौरे के बाद चेतन का इंटरनेशनल क्रिकेट का सफर खत्म हो गया, लेकिन वह 1984/85 तक प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलते रहे.
चेतन चौहान महाराष्ट्र और दिल्ली की तरफ से रणजी ट्रॉफी खेले. पिता के ट्रांसफर होने के बाद 13 साल की उम्र में वह पुणे शिफ्ट हो गए थे. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, 'मुझे नहीं पता कि उन्होंने (चयनकर्ता) मेरे साथ ऐसा क्यों किया. मैं अच्छी लय में था. मेरा फॉर्म कई भारतीय खिलाड़ियों से अच्छा था, लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ अगली सीरीज के लिए मेरा चयन नहीं हुआ. इससे मैं हैरान रह गया था.'
शतक बनाने का कभी मलाल नहीं रहा
चेतन चौहान 12 साल के अपने इंटरनेशनल करियर कै दौरान कई उम्दा पारियां खेलीं, लेकिन कभी शतक नहीं बना पाए. हालांकि उन्हें इसका कभी मलाल नहीं रहा. अरुण जेटली स्टेडियम में दिल्ली का रणजी ट्रॉफी मैच देखने के दौरान एक बार उनसे यह पूछा गया कि 9 बार 80 और 97 रनों के बीच आउट होकर उन्हें कैसा लगा तो वह मुस्कुरा दिए थे. उन्होंने कहा था, 'यह संभवत: किस्मत थी, लेकिन मैंने देखा कि लोग शतक को लेकर मेरे से अधिक निराश हुए हैं. मुझे कोई मलाल नहीं है. मैं भारत के लिए 40 टेस्ट खेला और सुनील गावस्कर का सलामी जोड़दार रहा.'
चेतन चैहान टीम इंडिया के मैनेजर भी रह चुके हैं. 2001 में भारत-ऑस्ट्रेलिया सीरीज के दौरान वह उस भारतीय टीम के मैनेजर रहे, जिसने 2001 के ऐतिहासिक कोलकाता टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया को मात दी थी. 2007-08 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी वह मैनजर रहे, इसी दौरे में 'मंकीगेट विवाद' छाया था. चेतन चौहान ने राजनीति में भी हाथ आजमाया और वह भाजपा के टिकट पर 1991 और 1998 के चुनाव में लोकसभा सांसद बने थे. चेतन ने यूपी सरकार में मंत्री का पद भी संभाला था.