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Sunil Gavaskar: जब इस वर्ल्ड रिकॉर्ड को बनाने से चूक गए थे सुनील गावस्कर, भारतीय फैन्स को अब भी है मलाल

सुनील गावस्कर का शुमार दुनिया के महानतम खिलाड़ियों में किया जाता है. गावस्कर ने साल 1979 में इंग्लैंड के खिलाफ ओवल टेस्ट में 221 रनों की पारी खेली थी. गावस्कर यदि तीन रन और बना लेते तो वह वेस्टइंडीज के जॉर्ज हेडली के वर्ल्ड रिकॉर्ड को तोड़ देते.

सुनील गावस्कर (@Getty Images) सुनील गावस्कर (@Getty Images)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 10:00 AM IST

सुनील गावस्कर का शुमार दुनिया के महानतम खिलाड़ियों में किया जाता है. 74 साल के गावस्कर ने भारत को अपने दम पर कई मैच जिताए. उनकी बल्लेबाजी के फैन विपक्षी प्लेयर्स भी हुआ करते थे. इसी कड़ी में गावस्कर ने आज (4 सितंबर) ही के दिन साल 1979 में लंदन के ओवल मैदान पर अपनी बेहतरीन बल्लेबाजी से अंग्रेजों की नाक में दम कर दिया था.

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तब गावस्कर केवल दो रन से टेस्ट क्रिकेट की चौथी पारी में सर्वोच्च स्कोर का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने से चूक गए थे. उस मैच में भारत को भी जीत की दहलीज पर पहुंचकर ड्रॉ से संतोष करना पड़ा था. मुकाबले में भारत के सामने 438 रनों का मुश्किल लक्ष्य था. तब किसी ने भी विश्वास नहीं किया था कि पांचवें दिन जब मैच ड्रॉ समाप्त होगा तो भारतीय टीम लक्ष्य से केवल नौ रन दूर होगी. यह संभव हो पाया गावस्कर की 221 रनों की पारी से. गावस्कर अपनी इस पारी के दौरान आठ घंटे 10 मिनट तक क्रीज पर रहे और उन्होंने 443 गेंदों का सामना करके 21 चौके लगाए.

यदि गावस्कर तीन रन बनाते तो टूट जाता रिकॉर्ड

सुनील गावस्कर यदि तीन रन और बना लेते तो वह वेस्टइंडीज के जॉर्ज हेडली के रिकॉर्ड को तोड़ देते. हेडली ने साल 1930 में इंग्लैंड के खिलाफ किंग्सटन में 223 रन बनाए थे, जो चौथी पारी में किसी बल्लेबाज का सबसे बड़ा स्कोर था. यह रिकॉर्ड आज भी हेडली के नाम पर है. हालांकि न्यूजीलैंड के नाथन एस्टल ने 2002 में क्राइस्टचर्च में इंग्लैंड के खिलाफ गावस्कर की रन संख्या को पार करने के बाद 222 रन पर आउट हो गए थे.

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सुनील गावस्कर ने इस पारी के चलते टीम को जीत की स्थिति में ला खड़ा कर दिया था, लेकिन उनके आउट होते ही भारतीय पारी लड़खड़ा गई और उसने आखिर में आठ विकेट पर 429 रन बनाकर बमुश्किल मैच ड्रॉ कराया. चौथी पारी में भारत की शुरुआत शानदार रही. गावस्कर और चेतन चौहान ने चौथे दिन भारत का स्कोर बिना किसी नुकसान के 76 रन पर पहुंचाया.

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भारत को पांचवें दिन जीत के लिए 362 रन बनाने थे. पांचवें दिन लंच तक स्कोर बिना किसी नुकसान के 169 रन था. ये दोनों बल्लेबाज दूसरे सत्र में इसे 213 रन तक ले गए. चौहान के 80 रन पर आउट होने के बाद गावस्कर और दिलीप वेंगसरकर (52) स्कोर को 366 रन तक ले गए. तब भारत लक्ष्य से 76 रन दूर था. वेंगसरकर के आउट होने के बाद गुंडप्पा विश्वनाथ की जगह कपिल देव आए जो खाता भी नहीं खोल पाए. जब भारत का स्कोर 389 रन था तो इयान बॉथम अपने अगले स्पेल के लिए आए. उस स्पेल में बॉथम ने गावस्कर की शानदार पारी का अंत कर दिया.

गावस्कर भले ही हेडली के वर्ल्ड रिकॉर्ड से चूक गए थे, लेकिन चौथी पारी में सर्वोच्च स्कोर का भारतीय रिकॉर्ड अब भी उनके नाम पर है. उनसे पहले यह रिकॉर्ड विजय हजारे (122 बनाम वेस्टइंडीज, मुंबई 1949) के नाम पर था. गावस्कर के बाद भारतीय बल्लेबाजों में केएल राहुल (149), दिलीप वेंगसरकर (नाबाद 146), विराट कोहली (141) का नंबर आता है.

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चौथी पारी में सर्वोच्च स्कोर बनाने वाले टॉप-5 बल्लेबाज:
223- जॉर्ज हेडली (वेस्टइंडीज) Vs इंग्लैंड, किंग्स्टन 1930
222- नाथन एस्टल (न्यूजीलैंड) Vs इंग्लैंड, क्राइस्टचर्च 2002
221- सुनील गावस्कर (भारत) Vs इंगलैंड, ओवल 1979
219- बिल एड्रिच (इंग्लैंड) Vs साउथ अफ्रीका, डरबन 1939
214*- गॉर्डन ग्रीनिज (वेस्टइंडीज) Vs इंग्लैंड, लॉर्ड्स 1984

गावस्कर का ऐसा रहा इंटरनेशनल रिकॉर्ड

सुनील गावस्कर ने 16 साल (1971-1987) के अपने टेस्ट करियर में कुल 125 टेस्ट मैच खेले. इस दौरान उन्होंने 34 शतक की मदद से 10,122 रन बनाए थे. इस दौरान उनकी बल्लेबाजी औसत 51.12 की रही थी. सुनील गावस्कर ने 108 वनडे इंटरनेशनल में भी भारत के लिए भाग लिया, जिसमें उन्होंने 35.13 की औसत से 3092 रन बनाए. वनडे इंटरनेशनल में उनके बल्ले एक ही शतक निकला, जो 107वें मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ आया था.

 

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