
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के प्रमुख एहसान मनी का कहना है कि भारत के साथ उनके देश के द्विपक्षीय क्रिकेट संबंध बहाल करने में आईसीसी को मदद करनी चाहिए, क्योंकि यह उसकी जिम्मेदारी है.
मनी ने ‘डॉन’ अखबार को दिये इंटरव्यू में कहा,‘मैं इसके बारे में पहले ही आईसीसी में अनौपचारिक स्तर पर बात कर चुका हूं. अब मैं पीसीबी में हूं और इसे अधिक प्रभावी ढंग से रखूंगा, ताकि आईसीसी सभी देशों के बीच द्विपक्षीय सीरीज सुनिश्चित करे.’
उन्होंने कहा ,‘भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय क्रिकेट नहीं होता है, तो वे आईसीसी टूर्नामेंट में हमारे साथ क्यों खेलते हैं.’ भारत और पाकिस्तान ने 2007 के बाद से पूरी द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेली है. पाकिस्तानी टीम 2012-13 में भारत दौरे पर आई थी, लेकिन उस समय कुछ ही मैच खेले गए थे.
भारत ने 2008 के मुंबई आतंकी हमले के बाद से पाकिस्तान से द्विपक्षीय टेस्ट सीरीज नहीं खेली है. पीसीबी ने बीसीसीआई से सात करोड़ डॉलर के मुआवजे की मांग की है, जिस पर आईसीसी की विवाद निपटान समिति ने अभी फैसला नहीं सुनाया है.
पीसीबी ने कहा है कि बीसीसीआई ने सहमति पत्र का सम्मान नहीं किया है. भारतीय बोर्ड का कहना है कि कानूनी तौर पर वह इसे मानने को बाध्य नहीं है. मनी ने कहा,‘दुर्भाग्य की बात है और आईसीसी के इतिहास में यह कभी नहीं हुआ कि दो क्रिकेट बोर्ड एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हों. मैं आईसीसी प्रमुख होता तो बातचीत के जरिये यह मामला सुलझाने की कोशिश करता.’
उन्होंने यह भी कहा कि आईसीसी की समिति यदि मुआवजे का दावा खारिज कर देती है, तो वह भारत से बात करने की कोशिश जारी रखेंगे. उन्होंने कहा,‘मेरा इरादा क्रिकेट के लिए भीख मांगने का नहीं है, बल्कि बराबरी के दर्जे से बात करने का है. हमें एक-दूसरे के साथ चलना होगा और हम खेलने के लिए तैयार हैं.’