
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष एहसान मनी ने स्वीकार किया कि बीसीसीआई से 447 करोड़ रुपये के मुआवजे का दावा करने के लिए उनके दस्तावेज पुख्ता नहीं थे. यही वजह है कि वे आईसीसी की विवाद निपटान समिति के सामने यह मामला हार गए.
पीसीबी ने 2015 से 2023 के बीच छह द्विपक्षीय सीरीज खेलने के कथित सहमति पत्र का सम्मान नहीं करने पर बीसीसीआई से भारी मुआवजे की मांग की थी. बीसीसीआई का कहना रहा है कि तत्कालीन सचिव संजय पटेल के हस्ताक्षर वाले पत्र में सिर्फ मंशा जाहिर की गई थी और दोनों देशों के बीच तनाव को देखते हुए वे सरकार की अनुमति के बिना कभी नहीं खेल सकते थे.
मनी ने कहा,‘यह निराशाजनक है. मामला दर्ज करने से पहले पीसीबी ने इंग्लैंड में वकीलों से सलाह ली थी और उन्होंने सलाह दी थी कि हमारा मुआवजे का दावा मजबूत है. इसके बाद ही पीसीबी ने मामला दर्ज किया.’
आईसीसी के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि इस मामले में जोखिम हमेशा से था. उन्होंने कहा,‘जब मैंने पद संभाला तो मामला खत्म होने को था. अगर उस समय हम पीछे हट जाते, तो कमजोर लगते. लेकिन, अब जो भी स्थिति है, हमें उसका सामना करके आगे बढ़ना होगा.’
मनी ने यह भी कहा कि उनका निजी तौर पर मानना है कि आईसीसी के सदस्य देशों को यूं एक-दूसरे के खिलाफ मुकदमेबाजी की बजाय बातचीत से मसलों का हल निकालना चाहिए.