
IPL's 'Impact Player' rule: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के आगामी सीजन से पहले इम्पैक्ट खिलाड़ी नियम पर फिर चर्चा शुरू हो गई है. विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे सीनियर खिलाड़ी इस नियम की आलोचना कर चुके हैं. उनका मानना है कि इससे हरफनमौलाओं का विकास रुकेगा तथा गेंद और बल्ले के बीच संतुलन भी नहीं रहेगा. दूसरी तरफ भारत के अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन की राय बिल्कुल अलग है.
37 साल के अश्विन का मानना है कि आईपीएल में इम्पैक्ट खिलाड़ी के नियम ने खेल को निष्पक्ष बनाया है और इससे रणनीति का महत्व बढ़ा है. यह नियम आईपीएल 2023 से लागू किया गया, जिसमें सभी टीमें अपनी पारी के दौरान एक खिलाड़ी (बल्लेबाज या गेंदबाज) को सब्स्टीट्यूट कर सकती हैं .
अश्विन ने भारत के पूर्व कप्तान कृष्णामाचारी श्रीकांत के तमिल यूट्यूब शो में कहा,‘मुझे लगता है कि यह नियम उतना बुरा नहीं है क्योंकि इससे रणनीति का महत्व बढ़ता है.’ ईएसपीएन क्रिकइन्फो ने शो के हवाले से कहा,‘दूसरा पक्ष यह है कि इससे हरफनमौलाओं को प्रोत्साहन नहीं मिलता. लेकिन उन्हें कौन रोक रहा है. इस पीढ़ी में वे ऐसा नहीं करते हैं (बल्लेबाज गेंदबाजी करें या गेंदबाज बल्लेबाजी).’
उन्होंने कहा,‘इम्पैक्ट खिलाड़ी का नियम उन्हें हतोत्साहित नहीं करता. वेंकटेश अय्यर को देखिए , वह लंकाशर के लिए इस समय शानदार प्रदर्शन कर रहा है. नए प्रयोग के लिए मौका है और इससे खेल निष्पक्ष बनता है.’ 2009 से आईपीएल खेल रहे अश्विन ने अब तक 212 मैचों में 180 विकेट निकाले हैं.
अश्विन ने कहा कि ओस होने पर इस नियम से खेल में संतुलन लाया जा सकता है. उन्होंने कहा,‘जब ओस के कारण मैच एकतरफा हो जाते हैं तो बाद में गेंदबाजी करने वाली टीम के पास जवाब में अतिरिक्त विकल्प रहता है. अगर आप बाद में बल्लेबाजी कर रहे हैं तो अतिरिक्त गेंदबाज की जगह बल्लेबाज को उतारा जा सकता है. इससे शाहबाज अहमद, शिवम दुबे, ध्रुव जुरेल जैसे खिलाड़ियों को मौके मिले हैं.’