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R Ashwin Team India: WTC फाइनल से बाहर रहने पर आर. अश्विन ने तोड़ी चुप्पी, कप्तान और कोच का किया बचाव

अनुभवी स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल मुकाबले के लिए प्लेइंग-11 में शामिल नहीं किया गया था. अश्विन ने फाइनल मैच नहीं खेलने पर अपनी चुप्पी तोड़ी है. अश्विन ने कहा कि वह फाइनल मुकाबला खेलना पसंद करते, लेकिन यह कप्तान और कोच का निर्णय था.

रविचंद्रन अश्विन (@Getty Images) रविचंद्रन अश्विन (@Getty Images)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 जून 2023,
  • अपडेटेड 12:00 PM IST

टीम इंडिया को वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप (WTC) के फाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा था. इस हार के साथ ही टीम इंडिया का एक बार फिर आईसीसी खिताब जीतने का सपना चकनाचूर हो गया था. फाइनल मुकाबले में अनुभवी स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को प्लेइंग-11 में जगह नहीं मिल पाई थी, जिसे लेकर काफी सवाल खड़े हुए थे. अब आर. अश्विन फाइनल ना खेलने की निराशा को भुलाकर तमिलनाडु प्रीमियर लीग में डिंडीगुल ड्रैगन्स की कप्तानी कर रहे हैं.

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इसी बीच 36 साल के आर. अश्विन ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस को एक खास इंटरव्यू भी दिया. इसमें उन्होंने डब्यूटीसी फाइनल समेत कुछ अहम पहलुओं पर बात की. आर. अश्विन ने कहा कि वह फाइनल मुकाबला खेलना पसंद करते, लेकिन यह कप्तान रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ का निर्णय था. अश्विन ने अपने गेंदबाजी एक्शन में बदलाव की वजह भी बताई.

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वर्ल्ड के नंबर-1 टेस्ट गेंदबाज अश्विन ने कहा, 'मैं फाइनल में खेलना पसंद करता क्योंकि मैंने वहां पहुंचने में एक भूमिका निभाई है. यहां तक ​​कि पिछली बार फाइनल मुकाबले में मैंने चार विकेट हासिल किए और वास्तव में अच्छी गेंदबाजी की. 2018-19 से विदेशों में मेरी गेंदबाजी शानदार रही है और मैं टीम के लिए गेम जीतने में कामयाब रहा हूं.'

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कोच और कप्तान को लगा होगा कि...

अश्विन ने बताया, 'मैं इस निर्णय को कप्तान और कोच के नजरिए से देख रहा हूं. पिछली बार जब हम इंग्लैंड में थे, तो 2-2 से सीरीज ड्रॉ रहा था. उन्हें लगा होगा कि इंग्लैंड में 4 पेसर और 1 स्पिनर का संयोजन सटीक है .फाइनल मुकाबले से पहले उन्होंने यही सोचा होगा. समस्या एक स्पिनर के गेम में आने की है, यह चौथी पारी होनी चाहिए. चौथी पारी काफी महत्वपूर्ण पहलू है, हम इतना रन बनाने में सक्षम हों ताकि स्पिनर खेल में आ सके, यह पूरी तरह से मानसिकता की बात है.'

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अश्विन कहते हैं, 'मेरे लिए यह एक झटका नहीं है. मैं आगे बढ़ूंगा क्योंकि मैं इससे पहले भी गुजर चुका हूं. जब कोई आपको पहली बार नीचे गिराता है, तो आप अपना घुटना झटक करके रिएक्ट करते हैं. मुझे लगता है कि जीवन में कभी-कभी गिरते रहना चाहिए ताकि आप इसके अभ्यस्त हो जाएं और जान सकें कि कैसे वापस ऊपर उठना है. यही जीवन है और आपको ये सब सीखना होगा.'

मुझे 48 घंटे पहले पता चल गया था: अश्विन

अश्विन ने कहा, 'मुझे कुछ पूर्व सीनियर क्रिकेटरों का मैसेज मिलता रहता है, जिससे मैं हमेशा उत्साहित हो जाता हूं और तुरंत जवाब देता हूं. मुझे खुशी हुई कि उन्होंने मेरे बारे मे सोचा,लेकिन सच्चाई यह है कि ना मुझे खेलने का मौका नहीं मिला ना ही वर्ल्ड टाइटल हासिल हुआ. मुझे 48 घंटे पहले ही पता चल गया था कि मुझे नहीं खिलाया जाएगा, इसलिए मेरा पूरा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना था कि मैं खिताब जीतने में टीम की मदद कर सकूं क्योंकि मैंने फाइनल तक पहुंचने में अहम भूमिका निभाई थी.'

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अश्विन ने क्यों चेज क्या बॉलिंग एक्शन?

अश्विन ने अपने बॉलिंग एक्शन में बदलाव की भी वजह बताई. अश्विन कहते हैं, 'जब मैं बांग्लादेश से वापस आया, तो मैंने अपनी पत्नी से कहा कि ऑस्ट्रेलिया सीरीज मेरी आखिरी सीरीज बन सकती है क्योंकि मेरे घुटने में कुछ समस्या थी. मैंने वाइफ से कहा कि मैं अपने एक्शन में बदलाव करने की सोच रहा हूं क्योंकि गेंद की लैंडिग के समय मेरा घुटना थोड़ा मुड़ रहा था. बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे टेस्ट से सूजन बढ़ गया था. अंत में मैं अपने 2013-14 वाले बॉलिंग एक्शन पर लौट आया.'

 

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