
इंग्लैंड के खिलाफ जारी पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ की शुरुआत भारत के लिए शानदार रही थी. पहला मैच भारत लगभग जीत चुका था, अगर बारिश खलल ना डालती तो. उसके बाद लॉर्ड्स टेस्ट मैच में ऐतिहासिक जीत दर्ज की गई और तीसरे टेस्ट मैच में भारत को शर्मनाक हार झेलनी पड़ी. विश्व चैम्पियनशिप 2021-2023 की पहली सीरीज़ में भारत के लिए लंबी सीरीज आई और इसमें एक कमी है, जो हर किसी को खल रही है.
बेस्ट बॉलर को बैठना पड़ा है बाहर
टीम इंडिया ने ये तीनों मैच मौजूदा वक्त में अपने सबसे बेहतरीन बॉलर रविचंद्रन अश्विन के बिना खेले हैं. टेस्ट रैंकिंग को देखें, तो आर. अश्विन इस वक्त नंबर दो के बॉलर हैं, उनसे आगे सिर्फ पैट कमिंस हैं. टॉप 10 में सिर्फ आर. अश्विन ही इकलौते भारतीय हैं, लेकिन उन्होंने तीनों टेस्ट मैच नहीं खेले हैं. हालांकि, अब जिस तरह के हालात बन रहे हैं उससे ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि इंग्लैंड के खिलाफ चौथे और पांचवें टेस्ट में अश्विन को मौका मिल सकता है.
कप्तान विराट कोहली और टीम मैनेजमेंट की ओर से चार तेज़ गेंदबाज और रविंद्र जडेजा के कॉम्बिनेशन को मौका दिया गया. जिसमें जडेजा की बैटिंग को तवज्जो दी गई, विराट कोहली ने टॉस या प्रेस कॉन्फ्रेंस के वक्त इस बात का जिक्र किया है कि रविचंद्रन अश्विन टॉप 12 तक में थे, लेकिन प्लेइंग 11 में वह जगह नहीं बना पाए, जिसका कारण मैच और पिच कंडीशन को कहा गया.
हालांकि, तीसरे टेस्ट के प्रदर्शन के बाद टीम इंडिया ईशांत शर्मा को बाहर का रास्ता दिखा सकती है. ऐसे में उनकी जगह पर रविचंद्रन अश्विन को मौका मिल सकता है. अगर ऐसा होता है तो टीम इंडिया तीन तेज गेंदबाज और अश्विन-जडेजा के साथ मैदान में उतर सकती है, जो पिछले कुछ सालों में टीम इंडिया के लिए विनिंग फॉर्मूला भी रहा है. इसके अलावा अश्विन को जडेजा की जगह रिप्लेस भी किया जा सकता है, अगर टीम मैनेजमेंट चार फास्ट बॉलर्स के साथ ही जाना चाहता है तो.
इंग्लैंड में रविचंद्रन अश्विन
इंग्लैंड की कंडीशन में हमेशा ही तेज और स्विंग गेंदबाज के लिए फायदेमंद रही है. ऐसे में किसी स्पिनर्स को मौका मिलना वहां पर अपने आप में ही स्पेशल होता है. ऐसे में रविचंद्रन अश्विन को रैंकिंग में नंबर दो का गेंदबाज होने के बाद भी बाहर बैठना पड़ रहा है. लेकिन अगर आर. अश्विन के रिकॉर्ड्स को देखें, तो इंग्लैंड में उनका हाल कुछ ज्यादा बुरा नहीं है.
टेस्ट मैच | पारी | विकेट्स | औसत |
7 | 11 | 18 | 28.11 |
अपने 2018 के दौरे के दौरान आर. अश्विन ने 4 टेस्ट मैच में कुल 11 विकेट लिए थे, जबकि 2014 के दौरे पर 2 मैच में उन्होंने 3 विकेट्स लिए थे. बॉलिंग के अलावा अगर आर. अश्विन की बल्लेबाजी को देखें, तो पिछले कुछ समय में उनकी बल्लेबाजी में काफी सुधार आया है जो टेस्ट मैच में काफी फायदेमंद साबित हुई है. इसी साल की शुरुआत में हुआ ऑस्ट्रेलिया का दौरा इसका सबूत है और इंग्लैंड के खिलाफ भारत में खेली गई सीरीज में भी आर. अश्विन चमके थे.
आईपीएल खोलेगा टी-20 वर्ल्ड कप का रास्ता?
भले ही अभी रविचंद्रन अश्विन को टेस्ट टीम की प्लेइंग 11 से भी बाहर बैठना पड़ रहा हो, लेकिन वह लंबे वक्त से इंडिया के व्हाइट बॉल क्रिकेट से बाहर हैं. यानी वनडे और टी20 की टीम से अश्विन को लंबे वक्त से बाहर किया हुआ है. लेकिन अब जब पिछले कुछ वक्त में कुलदीप यादव, युजवेंद्र चहल की बॉलिंग उतनी इम्पैक्टफुल नहीं रही है.
साथ ही हाल ही में वॉशिंगटन सुंदर के चोटिल होने की खबर आई है. ऐसे में इस बात को लेकर चर्चा शुरू होने लगी है कि क्या रविचंद्रन अश्विन के लिए टी20 वर्ल्ड कप का रास्ता खुल सकता है. खास बात ये है कि टेस्ट सीरीज के बाद आईपीएल होना है और आईपीएल यूएई में हो रहा है, जहां पर उसके तुरंत बाद टी20 वर्ल्ड कप हो रहा है.
ऐसे में अगर आईपीएल में रविचंद्रन अश्विन कमाल दिखा पाते हैं, तो उनके लिए टी20 वर्ल्ड कप का रास्ता खुल सकता है. जो टीम इंडिया के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. आर. अश्विन ने टीम इंडिया के लिए अपना आखिरी टी20 2017 में वेस्टइंडीज़ के खिलाफ खेला था, अश्विन ने अपना आखिरी वनडे भी उसी साल में खेला था.
मैच | विकेट्स |
46 टी-20 | 52 |
111 वनडे | 150 |
79 टेस्ट | 413 |