
Ravi Shastri on franchise cricket: पूर्व भारतीय कोच रवि शास्त्री ने टी20 द्विपक्षीय सीरीज में कटौती की मांग की है. उन्होंने कहा है कि इसकी जगह फ्रेंचाइजी क्रिकेट को बढ़ावा दिया जा सकता है. उनका यह विचार तब सामने आया है, जब क्रिकेट व्यस्त कार्यक्रम की समस्या से जूझ रहा है. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के अगले भविष्य दौरा कार्यक्रम (FTP) मसौदे के अनुसार टी20 क्रिकेट में काफी इजाफा होने वाला है और इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के लिए भी ढाई महीने की विशेष विंडो (टूर्नामेंट के आयोजन के लिए अलग से समय) होगी. मैच की संख्या में इजाफे के साथ कई प्रारूप में खेलने वाले खिलाड़ियों पर बोझ बढ़ रहा है.
तीनों प्रारूपों में खेलना अब व्यावहारिक नहीं?
इंग्लैंड के शीर्ष ऑलराउंडर बेन स्टोक्स ने सोमवार को वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास की घोषणा करके सभी को हैरान कर दिया. स्टोक्स ने कहा कि तीनों प्रारूपों में खेलना उनके लिए व्यावहारिक नहीं है. इसी महीने क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे इंटरनेशनल सीरीज से हटने का फैसला किया था, जिससे कि सुनिश्चित हो सके कि उनके खिलाड़ी नई घरेलू टी20 प्रतियोगिता के लिए उपलब्ध रहें.
टी20 में अब काफी फ्रेंचाइजी क्रिकेट हो रहा
शास्त्री ने टेलीग्राफ के स्पोर्ट्स पोडकास्ट पर कहा, ‘मैं द्विपक्षीय सीरीज की संख्या को लेकर थोड़ा सतर्क हूं, विशेषकर टी20 क्रिकेट में काफी फ्रेंचाइजी क्रिकेट हो रहा है, जिसे बढ़ावा दिया जा सकता है, फिर यह चाहे किसी भी देश में हो- भारत, वेस्टइंडीज या पाकिस्तान.’ उन्होंने कहा, ‘आप कम द्विपक्षीय सीरीज खेल सकते हो और फिर एक साथ विश्व कप में खेल सकते हो. इससे आईसीसी विश्व कप प्रतियोगिताओं की अहमियत बढ़ जाएगी. लोग इन्हें देखने को लेकर उत्सुक रहेंगे.’
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने भी व्यस्त क्रिकेट कार्यक्रम की आलोचना की. शास्त्री ने खेल के सबसे लंबे प्रारूप को बचाने के लिए दो टीयर के टेस्ट ढांचे का सुझाव दिया. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि दो टीयर की जरूरत है, नहीं तो टेस्ट क्रिकेट 10 साल में खत्म हो जाएगा.’
... खेल के सभी प्रारूप कैसे रहेंगे बरकरार?
स्त्री ने कहा, ‘आपको शीर्ष स्तर पर छह टीम की जरूरत है और दूसरे स्तर पर छह टीम और फिर आप क्वालिफाई करोगे. इन शीर्ष छह टीम को एक-दूसरे के खिलाफ अधिक खेलने का मौका मिलेगा क्योंकि कम टी20 क्रिकेट और सिर्फ फ्रेंचाइजी क्रिकेट होने से समय मिलेगा. इसी तरह खेल के सभी प्रारूप बरकरार रह सकते हैं.’