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Virat Kohli Test Captaincy: आखिर क्यों ऋषभ पंत हैं कप्तानी के दावेदार, गावस्कर और युवराज का मिल चुका है सपोर्ट

विराट कोहली अब भारतीय क्रिकेट टीम के किसी भी फॉर्मेट में कप्तान नहीं रहे हैं. टी20 के बाद उन्होंने टेस्ट की कप्तानी छोड़ दी है. वनडे की कप्तानी से उन्हें हटा दिया गया था. टेस्ट के लिए नए कप्तान की तलाश की जा रही है...

Virat kohli and Rishabh pant test (Twitter) Virat kohli and Rishabh pant test (Twitter)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 18 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 7:48 AM IST
  • विराट कोहली ने छोड़ी टेस्ट की कप्तानी
  • रोहित शर्मा और केएल राहुल के नाम पर चर्चा
  • ऋषभ पंत भी कप्तानी की दावेदारी में आगे

विराट कोहली अब भारतीय क्रिकेट टीम के किसी भी फॉर्मेट में कप्तान नहीं रहे हैं. टी20 के बाद उन्होंने टेस्ट की कप्तानी छोड़ दी है. वनडे की कप्तानी से उन्हें हटा दिया गया था. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने वनडे और टी20 की कप्तानी तो रोहित शर्मा को सौंप दी है. अब टेस्ट के लिए नए कप्तान की तलाश की जा रही है. 

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नए टेस्ट के कप्तान के तौर पर लीजेंड सुनील गावस्कर और युवराज सिंह समेत कई ने विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत का नाम सुझाया है. उनका मानना है कि ऋषभ पंत युवा हैं और कप्तानी संभालने के लिए परफेक्ट प्लेयर हैं. ऐसे में आइए जानते हैं ऋषभ पंत क्यों हैं कप्तानी के दावेदार...

ऋषभ पंत को विकेटकीपर होने का फायदा

ऋषभ पंत विकेटकीपर बल्लेबाज हैं, जिसका उन्हें बड़ा फायदा मिल सकता है. कोहली से पहले महेंद्र सिंह धोनी ही टीम के कप्तान थे, जो विकेटकीपर बल्लेबाज ही थे. उन्होंने भारतीय टीम को टी20 और वनडे वर्ल्ड कप जिताया है. चैम्पियंस ट्रॉफी भी अपने नाम की थी. युवराज समेत कई दिग्गजों का मानना है कि विकेट के पीछे से खेल को बेहतर तरीके से समझा जा सकता है.

बल्लेबाजी में तीनों फॉर्मेंट में शानदार प्रदर्शन

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ऋषभ पंत लगातार तीनों फॉर्मेट (टेस्ट, वनडे, टी20) में बेहतरीन प्रदर्शन करते रहे हैं. खासकर विदेशी जमीन पर उनका बल्ला मुश्किल हालात में जमकर चलता है. यह बात उन्होंने पिछले साल ऑस्ट्रेलिया और इसी साल साउथ अफ्रीका दौरे पर भी साबित किया है. पंत ने जनवरी 2021 में गाबा टेस्ट में नाबाद 89 रनों की पारी खेलकर जीत दिलाई थी. हाल ही में उन्होंने केपटाउन टेस्ट की दूसरी पारी में भी नाबाद शतक जमाया था. हालांकि टीम यह मैच नहीं जीत सकी थी.

सुनील गावस्कर ने भी 'आजतक' से यही बात कही है. हाल ही में गावस्कर ने कहा था कि मेरा मानना है कि रोहित शर्मा को जिस तरह से आईपीएल में कप्तानी मिली थी, उसी तरह से ऋषभ पंत को भी कप्तानी की जिम्मेदारी सौंपनी चाहिए. रोहित ने कप्तानी के बाद ही बड़ी पारियां बनानी सीखी, उसी तरह पंत को भी शानदार बड़ी पारियां खेलने में मदद मिलेगी. जैसी शतकीय पारी उन्होंने न्यूलैंड्स (केपटाउन टेस्ट की दूसरी पारी) में खेली.

युवा कप्तान मिलेगा, जो लंबे समय तक चल सकता है

ऋषभ पंत की उम्र अभी महज 24 साल ही है. यदि उन्हें यह कप्तानी की जिम्मेदारी सौंपी जाती है, तो वे लंबे समय तक टीम को आगे ले जा सकते हैं. भारतीय क्रिकेट इतिहास में मंसूर अली खान यानी नवाब पटौदी को भी 21 साल की उम्र में कमान सौंपी गई थी. तब उन्होंने भी टीम को शानदार तरीके से आगे बढ़ाया था. वहीं, रोहित शर्मा अभी 34 और केएल राहुल 29 साल के हैं.

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युवा खिलाड़ी को कप्तान बनाना सही रहेगा? इस सवाल पर सुनील गावस्कर ने कहा कि हां, मैं यह बात कह रहा हूं. नवाब पटौदी भी 21 साल की उम्र में ही कप्तान बने थे, जब नारी कॉन्ट्रेक्टर चोटिल हो गए थे. आप देखिए, इसके बाद पटौदी ने क्या किया. उन्होंने कप्तानी उसी तरह संभाली, जिस तरह पानी पर बतख तैरती है. मेरा मानना है कि हमने आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स की शानदार कप्तानी करते हुए ऋषभ पंत को देखा है. मुझे विश्वास है कि उनमें भारतीय क्रिकेट को आगे ले जाने की शानदार क्षमता है.

आईपीएल में भी कप्तानी का कमाल दिखाया

आईपीएल में भी 2020 सीजन में दिल्ली कैपिटल्स के नियमित कप्तान श्रेयस अय्यर चोटिल होकर टूर्नामेंट से बाहर हो गए थे. तब ऋषभ पंत को कप्तानी सौंपी गई थी. अय्यर ने अपनी कप्तानी में पहले ही सीजन (2020) में दिल्ली की टीम को फाइनल में पहुंचा दिया था. तब मुंबई इंडियंस ने खिताब जीता था. इसके बाद 2021 सीजन में श्रेयस अय्यर की वापसी हो गई थी, लेकिन दिल्ली टीम ने पंत की कप्तानी में ही विश्वास बनाए रखा. इस सीजन में भी पंत ने शानदार कप्तानी की और दिल्ली टीम को क्वालिफायर-2 तक पहुंचाया.

लगातार परिपक्व हो रहे हैं पंत

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लगातार इंटरनेशनल मैच खेलने के साथ ही ऋषभ पंत परिपक्व होते जा रहे हैं. इसका उदाहरण उन्होंने कई बार पेश किया है. सबसे बड़ा उदाहरण आप पिछली साउथ अफ्रीका टेस्ट सीरीज में देख सकते हैं. यहां जोहानिसबर्ग टेस्ट की दूसरी पारी में पंत ने गैरजिम्मेदाराना शॉट खेला था और जल्दी आउट होकर टीम इंडिया को मुश्किल में छोड़ गए थे. भारतीय टीम यहां हार गई थी. पंत के शॉट की हर तरफ आलोचना हुई थी. कुछ ने तो पंत को सबक सिखाने के लिए बाहर करने तक की बात कह दी थी, लेकिन कोच और टीम मैनेजमेंट ने उन पर भरोसा बनाए रखा.

इसका परिणाम यह हुआ कि पंत ने अपनी गलती से सीखा और केपटाउन टेस्ट की दूसरी पारी में जब भारतीय टीम दूसरी बार मुश्किल में फंसी, तब उन्होंने रुककर बल्लेबाजी की. साथ ही ऋषभ पंत ने तेजी से रन बनाना भी जारी रखा. इसका परिणाम यह हुआ कि उन्होंने नाबाद शतक जड़ दिया. उन्होंने पूरे 100 रन की पारी खेली. इसकी हर तरफ तारीफ भी हुई.

 

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