
विराट कोहली के टी20 टीम की कमान छोड़ने के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि उन्हें वनडे टीम की कप्तानी भी छोड़नी पड़ सकती है. भारतीय टी20 टीम की कमान छोड़ने के बाद विराट ने अपनी इंडियन प्रीमियर लीग टीम रॉयल चैलंजर्स बैंगलुरु टीम की कमान भी छोड़ दी थी.
टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल में न्यूजीलैंड से मिली हार के बाद विराट कोहली पर बतौर कप्तान काफी दबाव बढ़ता जा रहा था. विराट की कप्तानी में यह तीसरा ICC इवेंट भारत ने गंवाया था. इसके पहले 2017 में खेली गई चैम्पियंस ट्रॉफी में फाइनल में पाकिस्तान को हाथों और न्यूजीलैंड ने 2019 विश्व कप के सेमीफाइनल में हार मिली थी.
तीनों मुकाबलों में बतौर कप्तान विराट कोहली के निर्णयों पर कई सवाल खड़े हुए थे. दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए हुए टीम सेलेक्शन में विराट कोहली की जगह सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा को वनडे और टी-20 टीम की कमान सौंपी गई है. रोहित ने न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 सीरीज में भी कप्तानी की थी.
जब वनडे और टेस्ट में मिले अलग कप्तान
भारतीय क्रिकेट में ऐसा कम ही देखने को मिलता है, जब टेस्ट और सीमित ओवर की क्रिकेट में टीम की कमान अलग खिलाड़ियों के हाथ हो. पहली बार जब ऐसा हुआ था तब अनिल कुंबले टेस्ट और महेंद्र सिंह धोनी वनडे कप्तान थे. अनिल कुंबले के संन्यास के बाद महेंद्र सिंह धोनी ने टेस्ट की कमान भी संभाली थी. ये लंबे समय तक लागू नहीं हो पाया था.
इसके बाद महेंद्र सिंह धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से अचानक संन्यास ले लिया था, तब उनकी जगह विराट कोहली टेस्ट टीम के कप्तान बने थे. हालांकि, महेंद्र सिंह धोनी कुछ वक्त तक वनडे, टी-20 की कप्तानी करते रहे थे. तब करीब दो साल तक ऐसा हुआ था, साल 2017 में एमएस धोनी ने सभी फॉर्मेट से कप्तानी छोड़ दी थी.
कई टीमें अपना रहीं ये फॉर्मूला
कई विदेशी टीमें इस फॉर्मूले के साथ मैदान पर उतरती हैं. ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, वेस्टइंडीज, इंग्लैंड, श्रीलंका की टीमें अभी इस फॉर्मूले के साथ उतरती हैं. इनमें से कई टीमों के लिए यह काफी सफल भी रहा है. ऑस्ट्रेलिया ने हाल ही में टी20 विश्व कप अपने नाम किया है, इस टीम के कप्तान एरोन फिंच थे बल्कि टेस्ट में टिम पेन कप्तानी करते थे.
ऑस्ट्रेलिया के नए टेस्ट कप्तान पैट कमिंस हैं. 2019 में इंग्लैंड ने विश्व कप जीता था जिसके कप्तान इयोन मॉर्गन थे और इंग्लैंड के टेस्ट कप्तान जो रूट. इनके अलावा वेस्टइंडीज ने भी 2016 में विश्व कप टी -20 इसी फॉर्मूले के तहत जीता था.
अलग फॉर्मेट के अलग कप्तान होने से सभी टीमों को उस फॉर्मेट के हिसाब से एक अलग कोर ग्रुप के साथ टीम को तैयार करने का मौका मिल जाता है. अगर आप इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीकी टीमों पर नजर डालेंगे तो कप्तान के साथ टीम के कोर ग्रुप में भी काफी बदलाव देखने को मिलता है.
भारतीय टीम भी रोहित को वनडे और टी-20 का कप्तान बनाने के बाद शायद इसी फॉर्मूले के साथ आने वाले 2 बड़े ICC इवेंट्स में उतरेगी. 2022 में टी20 विश्व कप के साथ, 2023 में वर्ल्ड कप के लिए भारत को नए कप्तान के साथ उतरना है ऐसे में उम्मीद है कि भारतीय टीम इन दो वर्षों में युवा खिलाड़ियों को तरजीह देगी.