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Rohit Sharma Profile: रोहित शर्मा की पूरी कहानी: बोरिवली से लेकर टीम इंडिया का कप्तान बनने तक

रोहित शर्मा जब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आए, तब उनके साथ 'टैलेंट' शब्द हमेशा जुड़ता था. साथ ही एक इमेज ये भी थी कि वह एक मुंबई के सम्पन्न परिवार से आते हैं, लेकिन बोरिवली की गलियों में क्रिकेट खेलने वाले इस युवा को कई संघर्ष से गुजरना पड़ा और आज वह देश का कप्तान है.

Rohit Sharma Rohit Sharma
मोहित ग्रोवर
  • नई दिल्ली,
  • 11 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 10:08 AM IST

भारतीय टीम ने एक साल पहले ऑस्ट्रेलिया को गाबा के मैदान में मात देकर इतिहास रचा था, जो 32 साल में नहीं हो पाया था उसे टीम इंडिया ने कर दिखाया था. इस ऐतिहासिक जीत पर हाल ही में एक डॉक्यूमेंट्री रिलीज़ हुई थी ‘Down Underdog Story’. इसी में बात करते हुए मशहूर एंकर गौरव कपूर एक बात कहते हैं कि जब भी आप बैकफुट पर जाएं या आप कोई पंच खाएं, तो वो ऐसा होना चाहिए कि आप पूरी तरह ज़मीन में धंस जाए, क्योंकि तब आपके पास बाउंसबैक करने का अलावा कोई रास्ता बचता ही नहीं है. 

हम यहां उस सीरीज़ की बात नहीं करेंगे, लेकिन एक ऐसे खिलाड़ी की बात करेंगे जिस पर गौरव कपूर की कही ये बात बड़ी ही सटीक बैठती है. भारतीय टीम का नया महाराज, रोहित शर्मा. जो एक नया इतिहास रचने जा रहा हैं, टीम की कमान अब रोहित शर्मा के हाथ में आ रही है. साल 2011 का वर्ल्डकप, जिसे भारतीय टीम ने जीता. उसके लिए जब टीम का ऐलान हुआ था, तब रोहित शर्मा का नाम उसमें शामिल नहीं था. 

रोहित शर्मा के लिए पंच खाने का मोमेंट यही था, उस वक्त उन्होंने एक ट्वीट किया था कि अब आंकलन का मौका आ गया है. उस बात को दस साल हो गए हैं, आज रोहित शर्मा भारतीय टीम के कप्तान हैं और अगले एक साल में उनपर भारत को दो वर्ल्डकप में जीत दिलाने का जिम्मा है. जो खिलाड़ी वर्ल्डकप की टीम में जगह नहीं बना पाया था, वो कैसे वर्ल्डकप में जाने से पहले भारतीय टीम का कप्तान बन गया. रोहित शर्मा के इस पूरे सफर को साथ जीते हैं...  

बोरिवली का डॉन रोहित शर्मा

साल 1999 में मुंबई के बोरिवली स्पोर्ट्स एंड कल्चरल एसोसिएशन (BSCA) की तरफ से एक बच्चा ऑफ स्पिनर के तौर पर टीम में खेल रहा था, तब वहां पर अलग-अलग कोचिंग कैंप चल रहे थे और उन्हीं के प्लेयर्स के बीच स्कूलों वाला टूर्नामेंट खेला जाता था. ये ऑफ स्पिनर रोहित शर्मा था, जिसे बाद में दुनिया ने हिटमैन के नाम से जाना. तब 800 रुपये महीने के हिसाब से क्रिकेट सिखाया जाता था, क्योंकि रोहित शर्मा के माता-पिता बोरिवली से काफी दूर रहते थे तो वह अपने चाचा के घर ही रहते थे, ताकि वह क्रिकेट की प्रैक्टिस कर सके. यहां पर ही एक दिन दिनेश लाड, जिनके अंडर में कोचिंग लिए कई खिलाड़ी टीम इंडिया के लिए खेल चुके हैं या घरेलू क्रिकेट में जलवा बिखेर रहे हैं. दिनेश लाड अपने स्कूल स्वामी विवेकानंद इंटरनेशनल स्कूल के लिए टीम बना रहे थे, उन्हें एक दिन रोहित शर्मा ऑफ स्पिन करता हुआ दिखा जो आखिरी ओवर्स में भी अपनी टीम के लिए रन बचा रहा था. 

बॉलिंग को देखकर ही दिनेश लाड ने रोहित शर्मा से बात की, वह उनके मम्मी-पापा से मिलना चाह रहे थे लेकिन रोहित ने बताया कि वह यहां नहीं है, तो दिनेश लाड ने रोहित के चाचा से मिलने की कोशिश की. दिनेश लाड के कहने पर रोहित को स्वामी विवेकानंद स्कूल में जोड़ने की कोशिश की गई, ताकि वह क्रिकेट टीम का हिस्सा बन सके. लेकिन सारी दिक्कत पैसों की थी, क्योंकि इस स्कूल की फीस 275 रुपये प्रति महीने थी, लेकिन रोहित का परिवार ये नहीं दे सकता था. तब दिनेश लाड की अपील पर किसी तरह स्कूल ने रोहित शर्मा की फीस को माफ किया, वह पहला ऐसा बच्चा था जिसे सिर्फ क्रिकेट टीम में शामिल करने के लिए स्कूल में मुफ्त में एडमिशन दिया गया. दिनेश लाड ने जिस बच्चे को सिर्फ कुछ ओवर ही ऑफ स्पिन डालते देखा, उसके लिए उनकी पहली कोशिश सफल हो गई थी. 

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ऑफ स्पिनर कैसे बन गया बल्लेबाज?

12 साल के रोहित शर्मा ने दिनेश लाड के अंडर में क्रिकेट की प्रैक्टिस शुरू की, तो वह पहले साल सिर्फ बॉलिंग ही कर रहा था. क्योंकि उसे बतौर ऑफ स्पिनर ही देखा गया था, हैरिस शील्ड समेत अन्य कुछ लोकल टूर्नामेंट में भी रोहित शर्मा को ऑफ स्पिनर का ही जिम्मा दिया गया था. लेकिन जब पहला साल खत्म हुआ, तो एक दिन दिनेश लाड स्कूल में एंट्री ले रहे थे वहां एक बच्चा बैटिंग प्रैक्टिस कर रहा था और बॉल को नॉक कर रहा था. ये रोहित शर्मा ही था, दिनेश लाड से पूछा कि तुम बैटिंग भी कर लेते हो? जवाब मिला- हां, सर. कोच ने पूछा तो बैटिंग करेगा? जवाब मिला- हां, करूंगा सर. 

उस दिन के बाद से रोहित शर्मा की नेट्स में बैटिंग प्रैक्टिस शुरू हुई और कोच दिनेश लाड को मालूम पड़ा कि ऑफ स्पिन करने वाला ये बच्चा सिर्फ बॉल ही नहीं, बल्ला भी बहुत जोरदार तरीके से घूमाता है. उसके बाद गाइल्स फील्ड टूर्नामेंट सामने आया, रोहित शर्मा को पहली बार ओपनिंग करने के लिए भेजा गया और उसने 140 रन बना डाले. बस, वो दिन है और आज का दिन है, जब रोहित शर्मा की गिनती मौजूदा वक्त से सबसे बेहतरीन ओपनर में होती है. 

रोहित शर्मा जब दसवीं क्लास में आए, तब बतौर बल्लेबाज वह अपने पीक पर थे. उस दौर में उन्होंने हैरिस शील्ड समेत अन्य कई स्कूल टूर्नामेंट में लगातार सेंचुरी जड़ी थी. दिनेश लाड ने उसके बाद रोहित शर्मा पर पूरी तरह फोकस किया, यहां तक कि उसे क्रिकेट बैट, किट भी तोहफे में दी. क्योंकि वह जानते थे कि रोहित शर्मा जिस बैकग्राउंड से आता है, उसके लिए यह खरीदना काफी मुश्किल होगा. लेकिन बैट मिलने के बाद रोहित का लक कुछ देर के लिए भटका, क्योंकि उसका दो टूर्नामेंट में चयन तो हुआ लेकिन प्लेइंग-11 में जगह नहीं मिल पाई. एक टूर्नामेंट में जगह नहीं मिलने पर तो रोहित शर्मा अपने कोच के पास आकर खूब रोए भी. लेकिन रोहित शर्मा को बाद में मौके मिले, अंडर-14, अंडर-15, अंडर-16, अंडर-17 और फिर अंडर-19 रोहित ने लगातार मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज ही अपना गेम खेला, बड़े स्कोर किए और वह धीरे-धीरे एक-एक सीढ़ी चढ़ने लगे थे.

टीम इंडिया में एंट्री और वर्ल्डकप टीम में शामिल ना होने का झटका

साल 2007 में रोहित शर्मा 20 साल के थे और उन्हें आयरलैंड, इंग्लैंड दौरे के लिए टीम में चुना गया था. आयरलैंड के खिलाफ ही उनका डेब्यू हुआ, लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ खेलने का मौका नहीं मिला. फिर टी-20 वर्ल्डकप आया और युवा महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में उनका चयन हुआ. रोहित शर्मा को शुरुआती मैच में मौका नहीं मिला था. तब रोहित ने अफ्रीका के होटल से ही अपने कोच को फोन किया और कहा कि सर, पक गया यार. क्योंकि खेलने को नहीं मिल रहा था, तब कोच दिनेश ने समझाया कि वो टीम इंडिया है, कोई गली क्रिकेट की टीम नहीं. इसलिए संयम बरतें, खैर उसके बाद रोहित शर्मा को साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेलने का मौका मिला, जिसमें उन्होंने फिफ्टी जमाई थी. रोहित शर्मा की बड़ी स्टेज पर एंट्री हो चुकी थी. 

टी-20 वर्ल्डकप के बाद रोहित शर्मा की किस्मत पलट गई, उसके बाद आईपीएल आया और रोहित शर्मा को तीन करोड़ रुपये में हैदराबाद डेक्कन चार्जर्स (अब सनराइजर्स हैदराबाद) ने खरीद लिया. गरीब बैकग्राउंड से आए रोहित शर्मा क्रिकेट की वजह से अब पैसों के बीच में थे, माता-पिता भी बोरिवली में आ गए थे और किराये के कमरे पर रह रहे थे. लेकिन जब रोहित के पास पैसा आया, तब उन्होंने अपने लिए घर लेने से पहले गाड़ी ली. जिसपर कोच, घर वाले सब खफा हुए लेकिन वो तो गाड़ी ले चुके थे. 

रोहित ने इसके बाद घर भी लिया, लेकिन बांद्रा में. कोच दिनेश लाड उनसे खफा हुए, क्योंकि वह इसकी वजह से प्रैक्टिस से दूर जा रहे थे. खैर, 2009, 2010 रोहित शर्मा के लिए बतौर क्रिकेटर बेहतर नहीं गया. जिसकी वजह उनका प्रैक्टिस से दूर होना, दोस्तों के साथ वक्त बिताना था जो उनके कोच दिनेश लाड का कहना था. वर्ल्डकप से पहले रोहित शर्मा का उस वक्त खेले गए 15-16 वनडे में औसत 20 से भी नीचे चला गया था, ऐसे में टीम में चयनित होना मुश्किल ही था. 

हुआ भी यही, रोहित शर्मा का वर्ल्डकप-2011 की टीम में नाम नहीं आया था. रोहित शर्मा के लिए नींद और सफलता की खुशी से जागने का यही पल था. रोहित शर्मा को इस बात का एहसास हुआ कि वह भटक गए थे, उसी के बाद वह कोच दिनेश लाड के पास गए और उनसे लंबी चर्चा की. तब कोच ने समझाया कि गलती उनकी खुद की थी, रोहित ने वादा किया कि सर, आज के बाद आपको मेरी ओर से कोई शिकायत नहीं मिलेगी. रोहित शर्मा ने इसके बाद अपने कोच के साथ मिलकर काम किया, वर्ल्डकप के बाद रोहित शर्मा की टीम इंडिया में वापसी हुई. वापसी के बाद रोहित शर्मा ने नौ पारियों में से 6 में अर्धशतक जमाया. वर्ल्डकप के उस झटके के बाद रोहित शर्मा ने कभी वापस मुड़कर नहीं देखा. 

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रोहित का हिटमैन बनना

साल 2011 में वर्ल्डकप से ठीक पहले टीम इंडिया जब साउथ अफ्रीका के खिलाफ सीरीज खेल रही थी, तब रोहित शर्मा ने पहली बार वनडे क्रिकेट में ओपनिंग की थी. तीन पारियों में वह ओपन करने आए, लेकिन कोई खास कमाल नहीं कर पाए. लेकिन रोहित शर्मा के हिटमैन बनने की कहानी यहीं से शुरू हुई. ठीक दो साल बाद जब टीम इंडिया एमएस धोनी की अगुवाई में चैम्पियंस ट्रॉफी खेलने इंग्लैंड पहुंची, तब धोनी ने हर किसी को हैरान करते हुए रोहित शर्मा, शिखर धवन की ओपनिंग जोड़ी को दुनिया के सामने रख दिया. 

रोहित शर्मा की किस्मत यहां से ही बदली. बतौर ओपनर उन्होंने शिखर के साथ बेहतरीन शुरुआत दी. जिसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. ओपनर के तौर पर रोहित शर्मा का पहला धमाका ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जयपुर में आया, जब भारत को 360 रन चेज़ करने थे और रोहित ने 141 रनों की पारी खेली थी. 

साल 2013 के बाद से लेकर अबतक वनडे क्रिकेट में रोहित शर्मा बतौर ओपनर 27 शतक जड़ चुके हैं, इसके साथ ही उनके नाम 3 दोहरे शतक का भी रिकॉर्ड है. वनडे क्रिकेट में अगर साल 2013 से बाद दुनिया के बल्लेबाजों का रिकॉर्ड देखें, तो रोहित शर्मा सबसे ज्यादा रनों के मामले में दूसरे नंबर पर आते हैं. विराट कोहली ही उनसे आगे हैं, साल 2013 के बाद से 10 फरवरी 2022 तक रोहित शर्मा 143 मैच में 7292 रन बना चुके हैं, इनमें 27 शतक, 3 दोहरे शतक भी शामिल हैं. 

इस कार्यकाल में रोहित शर्मा ने विराट कोहली से 21 पारी कम खेली हैं. किसी एक वर्ल्डकप में सबसे ज्यादा शतक हो या फिर आईसीसी इवेंट्स में सबसे ज्यादा शतक, श्रीलंका के खिलाफ 264 रनों की खेली गई ऐतिहासिक पारी हो या फिर ताबड़तोड़ छक्के लगाना, रोहित शर्मा ने जब से ओपनिंग का जिम्मा संभाला तब से ही उन्होंने वनडे क्रिकेट के रुख को बदल दिया. 

रोहित शर्मा- द टेस्ट क्रिकेटर

रोहित शर्मा ने इस बात का जिक्र कई बार किया है कि वह खुद को बतौर टेस्ट क्रिकेटर स्थापित करना चाहते हैं, उनके पिता की भी यही इच्छा रही. टीम इंडिया ने वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप में हार के बाद इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज खेली और दुनिया ने एक नए रोहित शर्मा को देखा. व्हाइट बॉल क्रिकेट में तीन दोहरे शतक जड़ने वाले रोहित शर्मा टेस्ट क्रिकेट में जब बॉल छोड़-छोड़कर संयम के साथ खेल रहे थे तब लोगों को हैरानी हुई.

इंग्लैंड दौरे पर खेले गए चार टेस्ट मैच में रोहित शर्मा ने अकेले ही करीब 1000 बॉल खेल लीं, इस दौरान आखिरी पारी में 127 रनों वाला बड़ा शतक भी आया. लेकिन उसके अलावा रोहित शर्मा ने हर मैच में टीम इंडिया को शानदार शुरुआत दिलवाई और अंग्रेज गेंदबाजों को खूब छकाया भी, क्रिकेट की किताब के हिसाब से शॉट और संयम ने रोहित शर्मा को बतौर टेस्ट ओपनर अव्वल दर्जे पर स्थापित किया. 

2021 की शुरुआत में भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया में थी, जहां पहले टेस्ट में 36 पर ऑलआउट होने के बाद दूसरे टेस्ट में जीत के साथ वापसी हुई थी और रोहित शर्मा टीम के साथ तीसरे मैच से पहले जुड़े थे. आईपीएल में चोट लगने की वजह से उन्हें भारत में रुकना पड़ा था, लेकिन सीरीज के आखिरी दो टेस्ट में वह बतौर ओपनर खेले और टीम को अच्छी शुरुआत दिलवाई. भले ही ऑस्ट्रेलिया में रोहित के बल्ले से बड़ा स्कोर ना निकला हो, लेकिन नई गेंद को पुरानी करने में उन्होंने टीम की मदद जरूर की.  

ऑस्ट्रेलिया के बाद रोहित शर्मा के लिए सबसे बड़ा मौका इंग्लैंड के सामने आया है. पहले इंग्लैंड की टीम ने भारत का दौरा किया, उसके बाद वर्ल्ड चैम्पियनशिप के फाइनल के बाद टीम इंडिया ने इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज खेली. घर में खेली गई सीरीज में रोहित शर्मा अंग्रेजों पर बरस पड़े और चेन्नई टेस्ट में 161 रनों की ज़बरदस्त पारी खेली. 

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शर्मा जी ही अब नए बॉस 

सोशल मीडिया वर्ल्ड में ‘शर्मा जी का लड़का’ मीम काफी चलता है, ये लड़का हर चीज़ में बेस्ट होता है और उसके नंबर भी बढ़िया ही आते हैं. भारतीय क्रिकेट भी इस वक्त शर्माजी के हाथ में आया है, रोहित शर्मा टीम इंडिया के नए बॉस हैं. विराट कोहली के कप्तानी छोड़ने के बाद रोहित शर्मा को व्हाइट बॉल फॉर्मेट का कप्तान बनाया गया. उन्होंने टी-20 की सीरीज़ न्यूज़ीलैंड के खिलाफ जीती, वेस्टइंडीज़ के खिलाफ वनडे सीरीज़ भी जीत ली. 

अब कप्तान रोहित शर्मा के सामने दो बड़ी चुनौती हैं, इनमें सबसे बड़ी है वर्ल्ड कप. भारत ने साल 2013 के बाद कोई आईसीसी इवेंट नहीं जीता है, ऐसे में विश्व की सबसे बेहतरीन टीम लगातार किसी खिताब से दूर रह रही है ये सही नहीं है. इसी साल यानी नवंबर 2022 में ऑस्ट्रेलिया में टी-20 वर्ल्डकप होना है और उसके बाद 2023 में भारत में ही वनडे का वर्ल्डकप होना है. ऐसे में टीम इंडिया के सामने दो मौके हैं, जिनमें से एक मौका घर में ही है और ऐसे कप्तान रोहित शर्मा से इतिहास रचने की उम्मीद है. 

(रोहित पर लिखी किताब 'द हिटमैन', उनके कई इंटरव्यू के इनपुट के साथ)

 

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