
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर नेवले को शुभ मानते हैं. 24 साल बाद उन्होंने इस राज को खोला है. सचिन ने कोलकाता में उस वाकये को याद करते कहा कि कैसे 1993 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हीरो कप सेमीफाइनल में आखिरी ओवर में मिली जीत में एक नेवला भारत के लिए भाग्यशाली साबित हुआ था.
सचिन ने फेंका था वह आखिरी ओवर
मैन विद गोल्डन आर्म कहे गए सचिन आखिरी ओवर फेंक रहे थे और दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए 6 रन की जरूरत थी. भारत ने ईडन गार्डन्स पर यादगार जीत दर्ज की थी. कोलकाता फुल मैराथन के ब्रांड दूत सचिन ने दौड़ से एक दिन पहले कहा कि मुझे नहीं पता कि आपमें से कितने ने इस पर गौर किया होगा. क्योंकि यह पहला डे-नाइट मैच था और मैच के दूसरे हाफ में बार-बार एक नेवला आ रहा था.
जब भी नेवला मैदान पर आता, हमें विकेट मिलता था
उन्होंने कहा- जब भी नेवला मैदान पर आता, हमें विकेट मिलता था. उसके बाद रन बनने लगते और फिर वह नेवला आता, तो हमें विकेट मिलता . मैं उस नेवले के आने का इंतजार कर रहा था, जब मुझे आखिरी ओवर फेंकना था. सचिन बल्ले से नाकाम रहे थे.
अजहर की तरकीब चल निकली
कप्तान मो.अजहरूद्दीन ने उन्हें आखिरी ओवर फेंकने का जिम्मा सौंपा था. यह एक जुआ था जो चल निकला. सचिन ने 3 गेंदें खाली डालीं, जिसके बाद एलन डोनाल्ड रन आउट हो गए और आखिरी गेंद पर ब्रायन मैकमिलन चौका नहीं लगा पाए. उन्होंने कहा कि कोलकाता में हम हमेशा एक लतीफा सुनते सुनाते थे कि पहले दो विकेट लेलो, बाकी के 8 विकेट दर्शक ही ले लेते हैं.