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Champions Trophy Mohammed Shami: ' कब अपने पांव जमीन पर रख पाऊंगा...', क्रिकेट करियर में वापसी पर शमी ने डार्क फेज की सुनाई कहानी

आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी के लिए टीम इंडिया अपने अभियान का आगाज 20 फरवरी को बांग्लादेश के खिलाफ मैच से करेगी. भारतीय तेज गेंदबाजी का दारोमदार मोहम्मद शमी पर होगा. उम्मीद है कि शमी इस टूर्नामेंट में भारत को जसप्रीत बुमराह की कमी महसूस नहीं होने देंगे.

Mohammed Shami (PTI Mohammed Shami (PTI
aajtak.in
  • दुबई,
  • 20 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 12:00 PM IST

Mohammed Shami injury: आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी के लिए टीम इंडिया अपने अभियान का आगाज 20 फरवरी को बांग्लादेश के खिलाफ मैच से करेगी. भारतीय तेज गेंदबाजी का दारोमदार मोहम्मद शमी पर होगा. जसप्रीत बुमराह चोट के कारण टीम से बाहर हैं. उम्मीद है कि शमी इस टूर्नामेंट में भारत को बुमराह की कमी महसूस नहीं होने देंगे. 

तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी चोट के बाद फिर से भारत की तरफ से खेलने को लेकर आश्वस्त नहीं थे. भारत के अनुभवी तेज गेंदबाज शमी ने खुद खुलासा किया है कि टखने की चोट के बाद ऐसे क्षण भी आए जब उन्हें डर था कि उनका इंटरनेशनल करियर खत्म हो जाएगा. 

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ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नवंबर 2023 में वनडे वर्ल्ड कप फाइनल के दौरान शमी के टखने में चोट लग गई थी, जिसके लिए सर्जरी की जरूरत पड़ी. उनके बाएं घुटने में सूजन ने चीजों को और जटिल बना दिया और उन्हें 14 महीने तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से बाहर रहना पड़ा.’

'अचानक खुद को ऑपरेशन टेबल पर देखना पड़ा...'

शमी ने आईसीसी से कहा, ‘वर्ल्ड कप के दौरान शानदार फॉर्म के बाद मुझे अचानक खुद को ऑपरेशन टेबल पर देखना पड़ा. उस शानदार फॉर्म के बाद चोटिल होना वास्तव में बेहद मुश्किल दौर था.’

उन्होंने कहा, ‘पहले दो महीनों में अक्सर मुझे संदेह हो जाता था कि क्या मैं फिर से खेल पाऊंगा या नहीं क्योंकि इस तरह की चोट और 14 महीने तक बाहर रहने से आपके हौसले पस्त हो सकते हैं.’

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इस 34 साल के खिलाड़ी ने हालांकि इस महीने के शुरू में इंग्लैंड के खिलाफ दो टी20 और इतने ही वनडे मैच में खेल कर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सफल वापसी की. अब जसप्रीत बुमराह के चोटिल होने के कारण चैम्पियंस ट्रॉफी में वह भारतीय गेंदबाजी के अगुआ हैं.

जब डॉक्टर ने कहा था - खेलना तो अभी दूर की बात है

शमी ने कहा, ‘मेरा डॉक्टर से पहले सवाल यही था कि मुझे वापस मैदान पर लौटने में कितना समय लगेगा. डॉक्टर ने मुझसे कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता मुझे चलाना, फिर जॉगिंग कराना और उसके बाद दौड़ाना है. प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में खेलना तो अभी दूर की बात है.’

एक सक्रिय खिलाड़ी से बैसाखी पर निर्भर होने का दौर शमी के लिए मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण था. उन्होंने कहा, ‘मैं हमेशा यही सोचता रहता था कि मैं कब अपने पांव जमीन पर रख पाऊंगा. मेरे मन में कई तरह के विचार आ रहे थे. 60 दिनों के बाद जब उन्होंने मुझसे अपने पैर जमीन पर रखने के लिए कहा, तो आप मुझ पर विश्वास नहीं करेंगे, लेकिन मैं अपना पैर जमीन पर रखने से पहले कभी नहीं डरा था.’

शमी ने कहा, ‘ऐसा लगा जैसे मैं दोबारा शुरुआत कर रहा हूं, जैसे कोई बच्चा चलना सीख रहा हो. मैं किसी तरह की मुश्किल आने को लेकर चिंतित था. इस बीच देश की तरफ से फिर से खेलने की अदम्य इच्छा शक्ति ने मुझे प्रेरित किए रखा.’

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