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कठुआ गैंगरेप पर पाकिस्तान का ये क्रिकेटर बोला, आरोपियों को होनी चाहिए फांसी

पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आठ साल की बच्ची आसिफा के साथ हुई रेप और हत्या की वारदात की कड़ी निंदा की है.

शोएब अख्तर शोएब अख्तर
तरुण वर्मा
  • नई दिल्ली ,
  • 14 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 9:39 PM IST

पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आठ साल की बच्ची आसिफा के साथ हुई रेप और हत्या की वारदात की कड़ी निंदा की है, साथ ही उन्होंने ट्वीट कर इस मामले में अपनी नाराजगी जताई है.

शोएब अख्तर ने ट्वीट करते हुए लिखा, कि 'यह देखकर काफी दुख होता है कि पहले हमने जैनीब को खो दिया था और अब उसे (आसिफा को). हिन्दू-मुस्लिम या किसी भी धर्म ये हमारी बेटियां हैं, जिन्हें हमारे शहरों और गांवों में बेआबरू किया जा रहा है. शायद हमें अपराधियों से कड़ाई से निपटना चाहिए और उनके खिलाफ कोई दया नहीं दिखानी चाहिए. बस उन्हें फांसी पर लटका दो.'

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अख्तर ने एक और ट्वीट करते हुए कहा, 'मुझे कहना होगा कि मीडिया ने जैनीब मामले में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है, अब भारतीय मीडिया को निर्दोष बच्चे के समर्थन में आगे आना होगा. मैं मीडिया, भारत और पाकिस्तान की सभी मशहूर हस्तियों की प्रशंसा करता हूं.'

आपको बता दें कि जम्मू के कठुआ जिले में रस्साना जंगलों से 17 जनवरी को एक आठ साल की बच्ची आसिफा का शव बरामद हुआ था. बच्ची इससे एक सप्ताह पहले जंगल में घोड़ों को चराते हुए लापता हो गई थी. उसे एक मंदिर में कई दिन तक बंधक बनाकर रखा गया, उसे नशे में रखा गया, उसके साथ गैंग रेप किया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई.

आपको बता दें कि इससे पहले भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर ने भी ट्वीट कर सिस्टम पर अपनी नाराजगी जताई थी, उन्होंने लिखा भारत का सिस्टम काफी खराब हो गया है और हर गली में उसकी हत्या हो रही है. अगर हिम्मत है तो अराधियों को पकड़कर दिखाइए. बेटी बचाओ से अब क्या अब हम बलात्कारी बचाओ हो गए हैं?

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शोएब अख्तर सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं, इससे पहले वह कश्मीर मुद्दे को लेकर भी ट्वीट कर चुके हैं. जिसमें उन्होंने कहा कि कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान की सरकारों को एक साथ बैठकर बातचीत करने की जरूरत है. यह बातचीत उस समय तक होती रहनी चाहिए जब तक कि ये खूनी खेल रुक न जाए.

उन्होंने था लिखा कि क्या हम चाहते हैं कि हमारे बच्चे ऐसे ही माहौल में बड़े हों या रहें? 70 साल हो चुके हैं और इस दौरान दोनों देशों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है.

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