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सौरव गांगुली-जय शाह के कार्यकाल पर मिलेगी BCCI को राहत? SC में हरीश साल्वे रखेंगे पक्ष

बीसीसीआई अपने संविधान में कुछ बदलाव करना चाहता है, जिसके लिए उसे सुप्रीम कोर्ट की इजाजत चाहिए. सर्वोच्च अदालत में बुधवार को इस मसले पर सुनवाई होनी है, जिसमें हरीश साल्वे वर्चुअल तौर पर पक्ष रखेंगे.

हरीश साल्वे (फाइल फोटो) हरीश साल्वे (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 19 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 12:57 PM IST
  • बीसीसीआई मामले में बुधवार को सुनवाई
  • नियमों में बदलाव के लिए दायर की है याचिका

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई अपील पर बुधवार को सुनवाई होनी है. बीसीसीआई ने अध्यक्ष सौरव गांगुली, सचिव जय शाह समेत अन्य अधिकारियों के कार्यकाल से जुड़े नियम में बदलाव करने की इजाजत मांगी है और सुप्रीम कोर्ट के सामने अपील की है. अब इस मामले में वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे वर्चुअल माध्यम से बोर्ड की ओर से पेश होंगे. 

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जानकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट द्वारा बीसीसीआई को इसके लिए इजाजत दे दी गई है. चीफ जस्टिस एनवी. रमणा, जस्टिस कृष्णा मुरारी, जस्टिस हिमा कोहली की बेंच के सामने बीसीसीआई के अपील ने इस मुद्दे को उठाया था, जिसकी इजाजत दे दी गई है. हरीश साल्वे की गिनती देश के सबसे वरिष्ठ और महंगे वकीलों में होती है. 

सौरव गांगुली और जय शाह का कार्यकाल खत्म होने को है, लेकिन उससे पहले बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कूलिंग ऑफ पीरियड को बढ़ाने की इजाजत मांगी है. इसके लिए नियमों में कुछ बदलाव करना है जो सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बाद ही हो सकता है.

बोर्ड की ओर से पिछले हफ्ते ही सर्वोच्च अदालत में अपील की गई थी कि इस मामले को अर्जेंट सुना जाए, जिसपर अदालत राजी हो गई थी. मौजूदा नियम के मुताबिक, अगर कोई अधिकारी लगातार 6 साल तक बीसीसीआई में किसी पद तक रहता है तब 3 साल का कूलिंग ऑफ पीरियड मिलेगा. 

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यानी इन तीन साल वह किसी पद पर नहीं रहेगा, बोर्ड इसी में बदलाव करना चाहता है. इसके अलावा बीसीसीआई के संविधान में कुछ बदलाव करने की इजाजत मांगी गई है. बीसीसीआई का अध्यक्ष बनने से पहले सौरव गांगुली बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन में एक्टिव थे, जबकि सचिव बनने से पहले जय शाह गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन में एक्टिव थे. 

 

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