Advertisement

सुप्रीम कोर्ट ने टाली BCCI की याचिका, बेंच ने कहा- इतनी भी जल्दी क्या है...

बीसीसीआई ने अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह समेत अपने पदाधिकारियों के कार्यकाल के संबंध में संविधान में संशोधन के लिए याचिका दायर की है. इसकी सुनवाई एक दिन के लिए टाली गई...

Sourav ganguly and Jay Shah (Twitter) Sourav ganguly and Jay Shah (Twitter)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 5:15 PM IST
  • सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार तक सुनवाई टाली
  • भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी भी पेश हुए

सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की उस याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी, जिसमें बोर्ड ने अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह सहित अपने पदाधिकारियों के कार्यकाल के संबंध में संविधान में संशोधन का आग्रह किया था.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की बेंच ने मामले को गुरुवार के लिए स्थगित कर दिया, क्योंकि बीसीसीआई की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने सुनवाई स्थगित करने की मांग की थी.

Advertisement

बिहार क्रिकेट संघ की ओर से पेश वकील ने कहा कि पदाधिकारी अपने कार्यकाल को जारी रखे हुए हैं, जबकि तकनीकी रूप से उनका कार्यकाल खत्म हो चुका है. बेंच ने कहा, ‘कल, एक दिन में कुछ नहीं होगा, जल्दी क्या है?’

BJP नेता सुब्रमण्यम स्वामी भी पेश हुए

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता सुब्रमण्यम स्वामी भी इस मामले में खुद को पक्ष बनाने की स्वीकृति लेने के लिए पेश हुए. इससे पहले बेंच बीसीसीआई की याचिका पर आपात सुनवाई के लिए राजी हो गई. बीसीसीआई अपने पदाधिकारियों के कार्यकाल के संबंध में अपने संविधान को संशोधित करने की स्वीकृति मांग रहा है.

बीसीसीआई की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पीएस पटवालिया ने कहा कि उनका आवेदन दो साल पहले दायर किया गया था और दो हफ्ते बाद अदालत ने इस मामले को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया था.

Advertisement

पटवालिया ने कहा, ‘लेकिन इसके बाद कोरोना आ गया और मामले को सूचीबद्ध नहीं किया जा सका. कृपया इस मामले को आपात सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कीजिए क्योंकि दो साल से संविधान में संशोधन का इंतजार किया जा रहा है.’ 

संविधान में संशोधन न्यायालय की स्वीकृति के बाद ही

पटवालिया ने कहा कि न्यायालय के पूर्व के आदेश में कहा गया था कि संविधान में संशोधन न्यायालय की स्वीकृति के बाद ही किया जा सकता है. इससे पहले न्यायमूर्ति आरएम लोढा की अगुआई वाली समिति ने बीसीसीआई में सुधारवादी कदम उठाने की सिफारिश की थी जिसे शीर्ष अदालत ने स्वीकार किया था. सिफारिशों के अनुसार राज्य क्रिकेट संघ या बीसीसीआई के स्तर पर छह साल के कार्यकाल के बाद पदाधिकारियों को तीन साल के ब्रेक से गुजरना होगा.

बीसीसीआई ने अपने प्रस्तावित संशोधन में अपने पदाधिकारियों के लिए ब्रेक के समय को खत्म करने की स्वीकृति देने की मांग की है जिससे कि बीसीसीआई अध्यक्ष गांगुली और सचिव शाह संबंधित राज्य क्रिकेट संघों में छह साल पूरे करने के बावजूद अपने पदों पर बने रह पाएंगे.

उच्चतम न्यायालय द्वारा स्वीकृत बीसीसीआई के संविधान के अनुसार अगर कोई पदाधिकारी राज्य क्रिकेट संघ या बीसीसीआई में तीन साल के लगातार दो कार्यकाल पूरे करता है तो उसे तीन साल का अनिवार्य ब्रेक लेना होगा. गांगुली बंगाल क्रिकेट संघ जबकि शाह गुजरात क्रिकेट संघ में पदाधिकारी थे.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement