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T20 वर्ल्ड कप में पहली बार होगा DRS का इस्तेमाल, हर टीम को मिलेंगे इतने रिव्यू!

आगामी टी20 वर्ल्ड कप का आयोजन 17 अक्टूबर से यूएई और ओमान में होना है.  इससे पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की गवर्निंग काउंसिल ने इस विश्व कप में डीआरएस के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है. टी20‌ वर्ल्ड कप के इतिहास में पहली बार डीआरएस (निर्णय समीक्षा प्रणाली) का उपयोग किया जाएगा.

Virat Kohli, (@BCCI) Virat Kohli, (@BCCI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 10 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 2:34 PM IST
  • टी20 वर्ल्ड कप में पहली बार होगा डीआरएस
  • ICC की गवर्निंग काउंसिल ने लिया इसका निर्णय

आगामी टी20 वर्ल्ड कप का आयोजन 17 अक्टूबर से यूएई और ओमान में होना है. इससे पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की गवर्निंग काउंसिल ने इस विश्व कप में डीआरएस के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है. टी20‌ वर्ल्ड कप के इतिहास में पहली बार DRS (निर्णय समीक्षा प्रणाली) का उपयोग किया जाएगा. ईएसपीएन क्रिकइंफो के मुताबिक आईसीसी की ओर से जारी खेल शर्तों के अनुसार प्रत्येक टीम को प्रति पारी अधिकतम दो डीआरएस मिलेगा. 

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गवर्निंग काउंसिल ने पिछले साल जून में क्रिकेट के सभी प्रारूपों में मैच की प्रत्येक पारी में प्रति टीम के लिए एक अतिरिक्त डीआरएस की मंजूरी दी थी. ऐसा कोरोना वायरस के चलते मैदान पर कम अनुभवी अंपायरों की मौजूदगी को देखते हुए किया गया था. इसके बाद टी20 और वनडे में एक पारी में हरेक टीम को दो और टेस्ट में प्रति पारी तीन रिव्यू दिए जाने लगे हैं.

आईसीसी ने देरी और बारिश से बाधित मैचों के लिए न्यूनतम ओवरों की संख्या बढ़ाने का भी फैसला किया है. टी20 विश्व कप के ग्रुप मैचों के दौरान डकवर्थ एंड लुईस पद्धति से परिणाम हासिल करने के लिए दोनों टीमों को कम से कम पांच ओवर बल्लेबाजी करनी होगी. लेकिन सेमीफाइनल और फाइनल के लिए यह नियम अलग होगा, जिसमें प्रत्येक टीम को कम से कम 10 ओवरों की बल्लेबाजी करना अनिवार्य होगा.

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पुरुषों के टी20 विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में डीआरएस का उपयोग इससे पहले नहीं हुआ था. क्योंकि पिछली बार टी20 विश्व कप का आयोजन 2016 में हुआ था, तब जब टी20 इंटरनेशनल में डीआरएस प्रणाली उपलब्ध नहीं थी. हालांकि महिलाओं के टी20 विश्व कप में इसका उपयोग किया जा चुका है. 2018 में कैरिबियाई धरती पर हुए महिला टी20 विश्व कप में डीआरएस मौजूद था. इसके बाद पिछले साल ऑस्ट्रेलिया में हुए महिला टी20 विश्व कप में इस सिस्टम का उपयोग हुआ था. 

मैदानी अंपायरों के निर्णय में त्रुटि को दूर करने के लिए क्रिकेट में डीआरएस की शुरुआत हुई थी. डीआरएस के तहत बल्लेबाज या फील्डिंग टीम अंपायर के निर्णय को चुनौती दे सकता है. साथ ही अंपायर भी स्टम्पिंग जैसे किसी फैसले को लेकर तीसरे अंपायर से मदद ले सकते हैं. 2017 से इसका इस्तेमाल आईसीसी के सभी बड़े टूर्नामेंटों जैसे पुरुषों की चैम्पियंस ट्रॉफी, 50 ओवरों का महिला एवं पुरुष वर्ल्ड कप में होता आ रहा है. 

आईसीसी की प्लेइंग कंडीशंस के तहत पुरुष और महिलाओं की द्विपक्षीय सीरीज में डीआरएस का उपयोग अनिवार्य नहीं है. द्विपक्षीय सीरीज में डीआरएस का उपयोग करने का निर्णय भाग लेने वाले देशों के क्रिकेट बोर्ड पर निर्भर होता है. 

 

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