
टी20 वर्ल्ड कप 2022 में भारतीय टीम ने सुपर-12 के आखिरी मैच में जिम्बाब्वे को 71 रनों से हरा दिया. एमसीजी में आयोजित मुकाबले में पहले बैटिंग करते हुए भारत ने पांच विकेट पर 186 रन बनाए थे. जवाब में जिम्बाब्वे की टीम 115 रनों पर सिमट गई है. इस जीत के साथ ही भारत ने ग्रुप-2 में टॉप पर रहकर सेमीफाइनल में अपनी जगह बनाई है. अब सेमीफाइनल में भारत का सामना 10 नवंबर को एडिलेड में इंग्लैंड से होना है.
भारतीय टीम ने सुपर-12 स्टेज में कुल पांच मुकाबले खेले जिसमें उसे चार मैचों में जीत और एक में हार का सामना करना पड़ा. यानी कि उसने कुल आठ अंक हासिल किया. ग्रुप-2 में भारत के बाद पाकिस्तान की टीम रही जिसने तीन मैच जीतकर छह प्वाइंट हासिल किए. साउथ अफ्रीका की टीम पांच अंकों के साथ तीसरे और नीदरलैंड चौथे नंबर पर रहा. अगले दो पायदानों पर क्रमश: बांग्लादेश और जिम्बाब्वे की टीम रही.
कहने का अर्थ यह है कि भारतीय टीम को अब वर्ल्ड कप जीतने के लिए दो मुकाबले जीतने हैं. इंग्लैंड को मात देने पर भारतीय टीम फाइनल में पहुंच जाएगी, जहां उसका सामना 9 नवंबर को न्यूजीलैंड और पाकिस्तान के बीच होने वाले पहले सेमीफाइनल मैच की विजेता टीम से होगा. भारतीय टीम ने पूरे टूर्नामेंट में अबतक जिस तरह का प्रदर्शन किया है उससे उम्मीद जगी है कि वह 15 साल के खिताबी सूखे को जरूर खत्म करेगी. आइए जानते हैं भारतीय टीम के इस सफर के बारे में-
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पाकिस्तान के खिलाफ यादगार जीत: भारत ने टी20 वर्ल्ड कप में अपने अभियान की शुरुआत 23 अक्टूबर को पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले से की. मेलबर्न में आयोजित उस मैच में पाकिस्तान ने टॉस हारकर पहले बैटिंग करते हुए आठ विकेट पर 159 रन का स्कोर बनाया था. जवाब में भारतीय टीम चार विकेट से मैच जीतने में सफल रही. इस जीत में विराट कोहली का अहम किरदार था. विराट कोहली 53 गेंदों का सामना करते हुए कुल छह चौकों और चार छक्कों की मदद से नाबाद 82 रनों की अद्भुत पारी खेली थी. हार्दिक ने भी 40 रनों की पारी खेलकर कोहली का बखूबी साथ निभाया था.
नीदलैंड को किया पस्त: भारतीय टीम का अगला मुकाबला 27 अक्टूबर को नीदरलैंड से हुआ. सिडनी में खेले गए उस मैच में भारत ने नीदरलैंड को 56 रनों से मात दी थी. टॉस जीतकर पहले बैटिंग करते हुए भारतीय टीम ने दो विकेट पर 179 रनों का स्कोर खड़ा किया था. रोहित शर्मा (53), विराट कोहली (62*) और सूर्यकुमार यादव (51*) ने शानदार पारियां खेली थी. जवाब में डच टीम 20 ओवर्स में नौ विकेट पर 123 रन ही बना पाई थी. भारत की ओर से भुवनेश्वर कुमार, अक्षर पटेल, अर्शदीप सिंह और रविचंद्रन अश्विन दो-दो सफलताएं प्राप्त कीं.
पर्थ में नहीं चला जादू: रोहित ब्रिगेड लगातार दो जीत के बाद पर्थ पहुंची जहां 30 अक्टूबर को उसका मुकाबला साउथ अफ्रीका से हुआ. हालांकि भारत का इस मैच में प्रदर्शन काफी खराब रहा और उसे पा्ंच विकेट से हार झेलनी पड़ी. एनगिडी (चार विकेट) और पार्नेल (तीन विकेट) की कहर बरपाती गेंदों के सामने भारतीय टीम बेबस दिखी. नतीजतन टीम का स्कोर 9 विकेट पर 133 रन तक ही पहुंच पाया. सूर्यकुमार यादव ने सबसे ज्यादा 68 रन बनाए थे. जवाब में साउथ अफ्रीका ने 19.4 ओवर में निर्धारित टारगेट हासिल कर लिया था. अफ्रीकी टीम की जीत के हीरो मार्करम और मिलर रहे जिन्होंने अर्धशतकीय पारियां खेली थीं.
बांग्लादेश को चटाई धूल: टीम इंडिया का अगला मैच 3 नवंबर कोल एडिलेड के मैदान पर बांग्लादेश से हुआ. उस मैच में पहले बैटिंग करते हुए भारत ने 6 विकेट पर 184 रनों का स्कोर खड़ा किया था. विराट कोहली ने सबसे ज्यादा नाबाद 64 रनों की पारी खेली. जवाब में बारिश के चलते बांग्लादेश को 16 ओवर में 151 रनों का संशोधित टारगेट मिला था लेकिन वह लिटन दास (60 रन) की तूफानी पारी के बावजूद छह विकेट पर 145 रन ही बना सकी. भारत की ओर से अर्शदीप सिंह और हार्दिक पंड्या ने दो-दो विकेट लिए.
जिम्बाब्वे के खिलाफ एकतरफा जीत: भारतीय टीम ने सुपर-12 के आखिरी मैच में जिम्बाब्वे का सामना किया. एमसीजी में खेले गए मुकाबले में भारत ने पहले बैटिंग करते हुए पांच विकेट पर 186 रन बनाए. सूर्यकुमार यादव ने नाबाद 61 और केएल राहुल ने 50 रनों का योगदान दिया. जवाब में जिम्बाब्वे की टीम 17.2 ओवर में 115 रन पर सिमट गई. रेयान बर्ल (34), सिकंदर रजा (34) और क्रेग इर्विन (13) ही दोहरे अंकों तक पहुंच पाए. टीम इंडिया के लिए आर अश्विन ने सबसे ज्यादा तीन खिलाड़ियों को आउट किया. वहीं मोहम्मद शमी और हार्दिक पंड्या को दो-दो सफलताएं प्राप्त हुईं.