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टी20 वर्ल्ड कप 2022 में भारतीय टीम ने अबतक शानदार प्रदर्शन किया है. पहले मैच में भारतीय टीम ने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को चार विकेट से मात दी थी. वहीं दूसरे मुकाबले में उसने 'कमजोर' नीदरलैंड को 56 रनों से पराजित किया. अब भारतीय टीम सुपर-12 में स्टेज साउथ अफ्रीका, बांग्लादेश और जिम्बाब्वे का सामना करने वाली है. यदि भारत इन तीन में से दो मुकाबलों में जीत हासिल कर लेती है तो वह सेमीफाइनल में पहुंच जाएगी.
जिम्बाब्वे और बांग्लादेश के खिलाफ तो भारतीय टीम को जीत दर्ज करने में कोई खास दिक्कत नहीं होनी चाहिए लेकिन साउथ अफ्रीका के खिलाफ भारतीय टीम की अग्निपरीक्षा होने वाली रही है. जीत के रथ पर सवार भारतीय टीम को साउथ अफ्रीका के खिलाफ मुकाबले में पिछली गलतियों को दोहराने से बचना होगा. साउथ अफ्रीका के खिलाफ मुकाबला 30 अक्टूबर को पर्थ स्टेडियम में खेला जाएगा.
केएल राहुल की फॉर्म: टीम इंडिया के लिए चिंता का विषय केएल राहुल की खराब फॉर्म है. केएल राहुल पाकिस्तान और नीदरलैंड के खिलाफ कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाए. पाकिस्तान के खिलाफ राहुल महज चार रन बनाकर नसीम शाह की गेंद पर बोल्ड हो गए थे. वहीं दूसरे मुकाबले में उन्हें पॉल वैन मीकेरन ने एलबीडब्ल्यू आउट किया था. नीदरलैंड के खिलाफ केएल राहुल ने महज 9 रनों का योगदान दिया. अब भारतीय टीम प्रबंधन उम्मीद कर रहा होगा कि केएल राहुल जल्द पुराने फॉर्म में लौट आएं ताकि टीम को अच्छी शुरुआत मिल सके.
जडेजा की खल रही कमी: रवींद्र जडेजा चोट के चलते टी20 वर्ल्ड कप से बाहर हो गए थे. जडेजा गेंदबाजी और बल्लेबाजी के अलावा फील्डिंग में भी अपने प्रदर्शन से छाप छोड़ते आए हैं. उनकी अनुपस्थिति में अक्षर पटेल को प्लेइंग-11 में जगह मिल रही है, जो पूरी तरह उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए. पाकिस्तान के खिलाफ अक्षर ने एक ही ओवर में 21 रन दे दिए थे. हालांकि नीदरलैंड के खिलाफ उन्होंने जरूर बढ़िया प्रदर्शन किया था. अक्षर पटेल को आने वाले मुकाबलों में तीनों डिपार्टमेंट में अच्छा खेल दिखाना होगा.
खराब फील्डिंग: हालिया समय में भारतीय टीम का फील्डिंग में प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है. भारतीय फील्डरों ने मैदान पर कई गलतियां की हैं. उदाहररण के लिए पाकिस्तान के खिलाफ मैच में भारत ने शान मसूद आसानी से रन-आउट हो जाते लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. इसके अलावा भी भारतीय फील्डर्स ने कुछ मौके गंवाए थे. भारत को आने वाले मैचों में अच्छा खेल दिखाना है तो उन्हें अपनी फील्डिंग को उच्चतम लेवल पर ले जाना होगा.
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मिडिल ओवर्स में रन-रेट: नीदरलैंड के खिलाफ जब टॉस जीतकर भारत ने पहले बल्लेबाजी का फैसला किया तो सबको उम्मीद थी कि भारत 200 का आंकड़ा छूने में कामयाब रहेगा लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. इसके पीछे की वजह मिडिल ओवर्स रहा जिसमें भारतीय टीम उतनी तेज गति से रन नहीं बना पाई. हालिया एशिया कप में भी ऐसा ही देखने को मिला था जहां मिडिल ओवर्स में भारतीय टीम रन-गति तेज नहीं कर पाई थी.