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टेल ऑफ टू टीम इंडिया! 'गंभीर' दौर में जूनियर्स जीत के रथ पर सवार, तो सीनियर्स के प्रदर्शन पर सवाल

आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में अब दो हफ्ते का समय बचा है. इससे पहले टीम इंडिया के लिए राहत भरी खबर आई जब भारतीय टीम ने इंग्लैंड के साथ खेली गई 5 मैचों की टी20 सीरीज में 4-1 से उसे रौंदा. इस जीत ने भले ही खिलाड़ियों का मनोबल ऊंचा किया हो. लेकिन...

गौतम गंभीर और रोहित शर्मा. गौतम गंभीर और रोहित शर्मा.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 10:49 AM IST

आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में अब दो हफ्ते का समय बचा है. इससे पहले टीम इंडिया के लिए राहत भरी खबर आई जब भारतीय टीम ने इंग्लैंड के साथ खेली गई 5 मैचों की टी20 सीरीज में 4-1 से उसे रौंदा. इस जीत ने भले ही खिलाड़ियों का मनोबल ऊंचा किया हो. लेकिन आईसीसी के इस टूर्नामेंट से पहले एक सवाल जो मुंह बाए खड़ा है वो ये है कि गौतम गंभीर की कोचिंग में जब युवा खिलाड़ियों से सजी टीम इंडिया मैदान में उतरती है तो उसका प्रदर्शन लाजवाब होता है. लेकिन यही टीम इंडिया जब सीनियर्स खिलाड़ियों की मौजूदगी में खेलने जाती है तो प्रदर्शन लचर नजर आता है. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि गौतम गंभीर के कोचिंग कार्यकाल में सूर्या ब्रिगेड हीरो है लेकिन रोहित के आते ही जीरो क्यों...

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गौतम गंभीर से जगी थी आस लेकिन...

9 जुलाई 2024 वो तारीख थी जब गौतम गंभीर ने राहुल द्रविड़ को रिप्लेस करके टीम इंडिया के कोच के रूप में जिम्मेदारी संभाली थी. जब गंभीर कोच बने थे तब उम्मीदें ज्यादा थीं. क्योंकि गौतम गंभीर खुद दो बार के वर्ल्ड चैंपियन (2007, 2011) रहे हैं. वहीं, उनकी कोचिंग का जलवा आईपीएल में देखने को मिला था, जब उन्होंने केकेआर को 10 साल बाद 2024 में चैंपियन बनाया था. लखनऊ की कोचिंग करते वक्त भी उनकी रणनीतियों की काफी तारीफ हुई थी. लेकिन टीम इंडिया की कोचिंग संभालते हुए गंभीर के लिए हर रिजल्ट अच्छे नहीं रहे हैं. उनकी प्लानिंग, स्ट्रैटजी और रवैया सबकुछ सवालों में रहा है. इसे समझने के लिए पहले गंभीर के कार्यकाल में खेले गए हर फॉर्मेट में भारत के प्रदर्शन को देखना होगा.

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टी20 में कैसा रहा भारत का प्रदर्शन

गौतम गंभीर ने भारत के लिए अपने कोचिंग कार्यकाल की शुरुआत श्रीलंका के खिलाफ खेली गई टी20 सीरीज से की थी. इस सीरीज में भारतीय टीम ने 3-0 से शानदार जीत हासिल की थी. इसके बाद बांग्लादेश और साउथ अफ्रीका को भी भारतीय टीम ने मात दी. वहीं, हाल ही में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को 4-1 से रौंद दिया. ऐसे में ये बात साफ है कि गंभीर के दौर में भारतीय टीम टी20 सीरीज में तो अपराजेय है. 

वनडे में ऐसा रहा है प्रदर्शन

वनडे फॉर्मेट में टीम इंडिया का प्रदर्शन उतना अच्छा नहीं रहा है. हालांकि, गंभीर के कार्यकाल में भारत ने अभी तक एक ही वनडे सीरीज खेली है. लेकिन इसके मायने काफी अहम है क्योंकि श्रीलंका के खिलाफ खेली गई तीन मैचों की सीरीज का पहला मैच टाई रहा था. लेकिन अगले दोनों मैच में भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा था. ये हार इसलिए इतनी बड़ी थी क्योंकि 27 साल बाद श्रीलंका ने भारत से कोई द्विपक्षीय सीरीज जीती थी.

टेस्ट में तो सवाल ही सवाल

गौतम गंभीर के कार्यकाल में टीम इंडिया ने पहली टेस्ट सीरीज बांग्लादेश के खिलाफ खेली थी. इसमें टीम इंडिया ने 2-0 से जीत हासिल की थी. लेकिन इसके बाद टेस्ट क्रिकेट में भारत के प्रदर्शन को लेकर सवाल उठने लगे. न्यूजीलैंड के साथ खेली गई सीरीज में टीम इंडिया को अपने घर में 3-0 से हार का सामना करना पड़ा. ये 12 साल बाद था जब भारत को अपने घर में टेस्ट सीरीज में हार मिली थी. इसके बाद इससे बड़ा जख्म भारतीय टीम को तब मिला जब टीम बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के लिए ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर गई. इस सीरीज के पहले मैच में रोहित शर्मा नहीं खेले थे. बुमराह की कप्तानी में भारत ने पहला मैच जीत लिया. लेकिन रोहित के आते ही भारतीय टीम का प्रदर्शन लचर हो गया. आखिरकार भारत को 1-3 से हार का सामना करना पड़ा. ये सीरीज हार इसलिए सबसे बड़ा जख्म कही गई क्योंकि इसने ऑस्ट्रेलिया में करीब एक दशक के भारत के दबदबे को खत्म कर दिया था और आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप में भारत के पहुंचने के सपने को भी खत्म कर दिया था. 

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Tale of Two Team India

गंभीर के अबतक के पूरे कार्यकाल पर नजर डालें तो एक बात तो साफ है कि गंभीर के दौर में युवा खिलाड़ियों का प्रदर्शन शानदार रहा है. टी20 में भारतीय टीम कमाल कर रही है. लेकिन जैसे ही टीम की कमान रोहित शर्मा के हाथों में आती है टीम में विराट कोहली जैसे सीनियर्स खिलाड़ी आते हैं प्रदर्शन, तालमेल और प्लानिंग सब कुछ बिखरा सा नजर आता है. बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में तो सीनियर्स और गंभीर के बीच मतभेद खुलकर भी सामने आए. कई रिपोर्ट में दावा किया गया कि टीम के भीतर सबकुछ ठीक नहीं है. रोहित ने खुद को मैच से बाहर भी कर लिया. बीसीसीआई के नए फरमानों पर भी विवाद गहराया. खबरें आईं कि सीनियर खिलाड़ियों के साथ गंभीर का तालमेल ठीक नहीं है. यहां तक कहा गया कि गंभीर की स्टाइल ऑफ कोचिंग ग्रेग चैपल की तरह है.  

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IPL इफेक्ट भी हो सकता है एक कारण...

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गौतम गंभीर ने जब अपनी कप्तानी में केकेआर को चैंपियन बनाया था तब फाइनल में उनके प्रयोग की काफी चर्चा हुई थी. गंभीर जब कोच बने तब भी उन्होंने कई खिलाड़ियों के साथ प्रयोग किए. लेकिन इस बात से नकारा नहीं जा सकता है कि गंभीर की कोचिंग का जो अनुभव है वो आईपीएल का है. जिसका फायदा टी20 में  तो मिलता है. लेकिन वनडे और टेस्ट सीरीज में प्लानिंग अलग तरह से ही होती है. गौतम गंभीर छोटे फॉर्मेट के माने हुए कोच है. 

गंभीर की कोचिंग में भारत का अब तक का प्रदर्शन:

टी20 सीरीज vs श्रीलंका: 3-0 से जीत
वनडे सीरीज vs श्रीलंका: 0-2 से हार
टेस्ट सीरीज vs बांग्लादेश: 2-0 से जीत
टी20 सीरीज vs बांग्लादेश: 3-0 से जीत
टेस्ट सीरीज vs न्यूजीलैंड: 0-3 से हार
टेस्ट सीरीज vs ऑस्ट्रेलिया: 1-3 से हार
टी20 सीरीज vs इंग्लैंड: 4-1 से जीत


चैंपियंस ट्रॉफी गंभीर के लिए लिटमस टेस्ट

निराशाजनक प्रदर्शन के बावजूद गौतम गंभीर के लिए अभी कोई बड़ा खतरा नहीं दिख रहा है. लेकिन 6 फरवरी से होने वाली इंग्लैंड के साथ वनडे सीरीज और फिर उसके तुरंत बाद शुरू हो रही चैंपियंस ट्रॉफी गंभीर के लिए लिटमस टेस्ट जैसी होगी.

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