
टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद की पत्नी पूनम आजाद का 2 सितंबर (सोमवार) को निधन हो गया. कीर्ति ने एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए इस बात की जानकारी दी. जब भारतीय क्रिकेट टीम ने कपिल देव की अगुवाई में साल 1983 का वर्ल्ड कप जीता था, तो कीर्ति आजाद भी उस टीम का हिस्सा थे.
कीर्ति आजाद ने X पर लिखा, 'मेरी पत्नी पूनम अब नहीं रहीं. दोपहर 12:40 बजे वह स्वर्ग सिधार गईं.' कीर्ति ने ये भी बताया कि पूनम आजाद का अंतिम संस्कार दुर्गापुर के दामोदर वैली श्मशान घाट में 2 सितंबर को ही किया जाएगा. पूनम आजाद भी राजनीति में एक्टिव थीं. पूनम 2017 में कांग्रेस में शामिल होने से पहले आम आदमी पार्टी की नेता थीं. कीर्ति और पूनम के दो बेटे हैं- सूर्यवर्धन और सौम्यवर्धन. सूर्यवर्धन और सौम्यवर्धन दिल्ली के लिए जूनियर लेवल पर खेल चुके हैं.
कीर्ति आाजाद फिलहाल तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर वर्धमान-दुर्गापुर सीट से सांसद हैं. उन्होंने हालिया लोकसभा चुनाव में बीजेपी के दिलीप घोष को हराया था. कीर्ति ने भारत के लिए 7 टेस्ट और 25 वनडे मैच खेले. टेस्ट क्रिकेट में कीर्ति ने 135 रन बनाने के साथ-साथ तीन विकेट लिए. वहीं वनडे इंटरनेशनल में कीर्ति के नाम पर 269 रन और 7 विकेट दर्ज हैं.
पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने जताया दुख
ममता बनर्जी ने लिखा, 'यह जानकर दुख हुआ कि हमारे सांसद और विश्व कप विजेता क्रिकेटर कीर्ति आजाद की पत्नी पूनम झा आजाद का निधन हो गया है. मैं पूनम को लंबे समय से जानती थी. मुझे यह भी पता था कि वह पिछले कुछ सालों से गंभीर रूप से बीमार थीं. कीर्ति और परिवार के अन्य सदस्यों ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की. कीर्ति और परिवार के अन्य सदस्यों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना. उनकी आत्मा को शांति मिले.'
कीर्ति के पिता थे बिहार के मुख्यमंत्री
कीर्ति आजाद ने क्रिकेट में हाथ आजमने के बाद अपने पिता भागवत झा आजाद (बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री) के नक्शेकदम पर चलते हुए राजनीति में एंट्री ली. कीर्ति भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर दरभंगा लोकसभा सीट से भी तीन बार सांसद रह चुके हैं. फिर कीर्ति आजाद ने फरवरी 2019 में कांग्रेस पार्टी जॉइन कर ली और धनबाद से 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा. हालांकि वह उस चुनाव में हार गए थे. बाद में कीर्ति ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए.