
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) का बायजूस और पेटीएम के साथ कुछ भी सही नहीं चल रहा है. बायजूस टीम इंडिया की जर्सी का स्पॉन्सर है. उस पर भारतीय क्रिकेट बोर्ड का करोड़ों रुपए बकाया है. जबकि टाइटल स्पॉन्सर पेटीएम बीसीसीआई का साथ छोड़ना चाहता है.
बता दें कि बायजूस ने इसी साल अप्रैल महीने में बीसीसीआई के साथ अपने करार को आगे बढ़ाया था. यह करार 2023 वनडे वर्ल्ड कप तक बढ़ाए जाने पर सहमति बनी थी. इस मंजूरी के लिए करार के तहत 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी भी की गई थी.
बीसीसीआई और बायजूस ने रखी अपनी बात
इस पूरे मामले को लेकर गुरुवार को हुई बीसीसीआई की अपेक्स काउंसिल की मीटिंग में भी चर्चा की गई थी. इस बैठक के बाद बीसीसीआई के एक सूत्र ने पीटीआई को बताया कि आज की तारीख में बायजूस पर बीसीसीआई का 86.21 करोड़ रुपए बकाया है.
हालांकि, एक बायजूस के प्रवक्ता ने पीटीआई से कहा कि हमने बीसीसीआई के साथ करार को आगे जरूर बढ़ाया है, लेकिन अब तक इस करार पर साइन नहीं हुए हैं. एक बार साइन हो जाएंगे, तो करार के मुताबिक ही भुगतान कर दिया जाएगा. यही वजह है कि अब तक हम पर ऐसा कोई बकाया नहीं है.
पेटीएम भी स्पॉन्सरशिप से हटना चाहता है
वहीं, दूसरी ओर पेटीएम ने भारतीय बोर्ड से अपने घरेलू क्रिकेट 'टाइटल' अधिकार से मास्टरकार्ड को देने का आग्रह किया है. मतलब अपने अधिकार किसी दूसरी कंपनी को ट्रांसफर करने का अधिकार चाहता है. BCCI और पेटीएम के बीच सितंबर 2019 से 31 मार्च 2023 तक का करार है.
सूत्र ने कहा, 'पेटीएम ने भारतीय बोर्ड से स्पॉन्सरशिप को किसी दूसरी कंपनी को ट्रांसफर करने का आग्रह किया है और बोर्ड इस पर विचार कर रहा है.' बता दें कि पेटीएम इस समय भारत में होने वाली इंटरनेशनल और घरेलू क्रिकेट के मैचों का 'टाइटल' स्पॉन्सर है. इस करार को उसने अगस्त 2019 में चार साल के लिए बढ़ाया था.