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टी-20 वर्ल्डकप के लिए कप्तान रोहित शर्मा की अगुवाई में टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया में है. दूसरी ओर कप्तान शिखर धवन की अगुवाई में एक टीम इंडिया ने साउथ अफ्रीका को वनडे सीरीज में पटकनी दी है. एक साथ दो-दो टीम इंडिया एक्शन में है, तो फैन्स को लगातार एक्शन देखने को मिल रहा है. लेकिन ये एक्शन चयनकर्ताओं के लिए टेंशन का कारण बन रहा है, क्योंकि टीम इंडिया की प्लेइंग-11 में एंट्री के लिए दावेदारों की संख्या भी बढ़ रही है.
धवन एंड कंपनी ने बढ़ा दी टेंशन?
शिखर धवन की कप्तानी में युवा टीम इंडिया ने कमाल किया, सीरीज में पिछड़ने के बाद जबरदस्त वापसी की और बाद में 2-1 से सीरीज जीत भी ली. शिखर धवन खुद वनडे टीम में वापसी के लिए संघर्ष कर रहे हैं और उनका लक्ष्य 2023 का वर्ल्डकप है. दूसरी ओर ईशान किशन, श्रेयस अय्यर ने धमाकेदार पारी खेल हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचा है.
अगर बॉलिंग यूनिट की बात करें तो मोहम्मद सिराज ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ सीरीज में दमदार प्रदर्शन किया. सिराज ने 3 मैच में 5 विकेट लिए और उनकी इकॉनोमी 5 से भी कम की रही. यही कारण है कि वह प्लेयर ऑफ द सीरीज भी बने और अब टी-20 वर्ल्डकप 2022 के लिए ऑस्ट्रेलिया भी जा रहे हैं.
सीनियर्स के लिए होगी चिंता?
अगर भारत की असली प्लेइंग-11 की बात करें तो लगातार दावेदारों की संख्या बढ़ती जा रही है. रोहित, राहुल और कोहली जैसे सीनियर प्लेयर्स के अलावा मिडिल ऑर्डर में अभी भी एक रेस-सी लगी है. जहां श्रेयस अय्यर, संजू सैमसन, ऋषभ पंत, ईशान किशन, दीपक हुड्डा समेत अन्य कई प्लेयर्स मिडिल ऑर्डर में एंट्री के लिए इंतज़ार कर रहे हैं.
दूसरी ओर ओपनिंग जोड़ी के लिए भी ऋतुराज गायकवाड़, शुभमन गिल, राहुल त्रिपाठी जैसे युवा तैयार हैं. दूसरी ओर मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार से आगे शार्दुल ठाकुर, मोहम्मद सिराज, आवेश खान जैसे प्लेयर्स भी तैयार हैं.
टीम-ए और टीम-बी के बीच चल रही इस रेस ने सेलेक्टर्स की चिंता बढ़ा दी है. टी-20 वर्ल्डकप के बाद भी टीम इंडिया को लगातार मैच खेलने हैं, ऐसे में एक तरफ कुछ सीनियर्स को आराम मिल सकता हैतो युवा प्लेयर्स को मौका मिलने का भी चांस है. ऐसे में करीब दो दर्जन दावेदारों को लगातार मौका देना और उसके बाद बड़ी सीरीज़ के लिए 15 खिलाड़ियों का चयन करना आसान नहीं होगा.