Advertisement

शास्त्री को विश्वास, साउथ अफ्रीका में इतिहास रचेगी टीम इंडिया

शास्त्री ने कहा, 'दक्षिण अफ्रीका में हम एक भी सीरीज नहीं जीते हैं. यहां हमारी टीम के पास कुछ अलग करने का बेहतरीन मौका है.'

शास्त्री और कोहली शास्त्री और कोहली
विश्व मोहन मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 26 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 11:14 AM IST

भारत ने दक्षिण अफ्रीका में कभी भी सीरीज नहीं जीती है, लेकिन कोच रवि शास्त्री अगामी दौरे पर इतिहास बदलने को लेकर आश्वस्त हैं. भारतीय टीम इस समय बेहतरीन फॉर्म में है और इस साल वह एक भी द्विपक्षीय सीरीज नहीं हारी है.

शास्त्री ने कहा, 'अगले महीने से शुरू होने वाले दौरे पर हमारी मानसिकता में कोई बदलाव नहीं होगा. हमारे लिए सभी विपक्षी टीमें एक समान हैं. हम हर विपक्षी टीम का सम्मान करते हैं और हर मैच हमारा घरेलू मैच होता है.'

Advertisement

शास्त्री ने एक समाचार चैनल से कहा, 'अगला दौरा दक्षिण अफ्रीका का है, जहां हम एक भी सीरीज नहीं जीते हैं. यहां हमारी टीम के पास कुछ अलग करने का बेहतरीन मौका है.'

उन्होंने कहा, 'हमें विश्वास है. हम वहां जा रहे हैं और हम दक्षिण अफ्रीका को अन्य टीमों की तरह ही समझेंगे. हां, हम उनका सम्मान करेंगे, लेकिन हम वहां जीतने के लिए जा रहे हैं.'

2017: इस साल के वो 5 मैच जिन्हें दोबारा याद नहीं करना चाहेगी टीम इंडिया

शास्त्री ने उन पूर्व खिलाड़ियों को भी आड़े हाथों लिया, जिन्होंने महेंद्र सिंह धोनी की हाल ही में आलोचना की थी और उनके लिमिटेड ओवर्स की टीम में स्थान को लेकर सवाल उठाए थे. शास्त्री का मानना है कि धोनी अपने से 10 साल जूनियर खिलाड़ी से भी ज्यादा फिट हैं.

Advertisement

शास्त्री ने कहा, 'वह अभी भी सर्वश्रेष्ठ हैं, सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विश्व में. आप जो कुछ चीजें उनमें देखेंगे आपको वो किसी और में नहीं मिलेंगी. वह टेस्ट क्रिकेट नहीं खेलते हैं, इसलिए उन्हें 2019 वर्ल्ड कप तक ज्यादा से ज्यादा क्रिकेट खेलनी चाहिए.'

विराट कोहली की कप्तानी पर शास्त्री ने कहा कि उनके काम करने का तरीका दूसरे खिलाड़ियों को अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करता है. उन्होंने कहा, 'विराट में जो सबसे अच्छी बात है, वो उनका काम करने का तरीका.'

शादी के बाद कोहली को लगा झटका, नंबर वन का खिताब छिना, रोहित ने लगाई लंबी छलांग

शास्त्री ने कहा, 'विराट जानते हैं कि उन्हें किस तरह का खिलाड़ी बनना है और उसके लिए उन्हें क्या करना है. इसलिए उनका जोर फिटनेस पर होता है, वह काफी बलिदान देते हैं. 29 साल का होने के नाते भी वह काफी कुछ करना चाहते हैं और यह उनकी जिंदगी का हिस्सा बन गया है.'

उन्होंने कहा, 'जब आपके पास इस तरह का कप्तान होता है, जो काफी कुछ हासिल करना चाहता है और उसके सपने भी देखता है तो इसका असर दूसरे खिलाड़ियों पर भी पड़ता है. दूसरे भी वैसा ही करना चाहते हैं. वह अपने लिए उच्च पैमाने तय करना चाहते हैं और बहानों को नापसंद करते हैं.'

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement