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कोहली के राहुल प्रेम से लेकर इन 5 कारणों से टीम इंडिया की कटी नाक

इंग्लैंड के सामने लॉर्ड्स टेस्ट में विराट के धुरंधर मिट्टी के शेर साबित हुए. टीम में इन सेलेक्शन और खराब रणनीतियों की वजह से विराट ब्रिगेड को सरेंडर करना पड़ा.

विराट कोहली विराट कोहली
तरुण वर्मा
  • लंदन (इंग्लैंड),
  • 13 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 3:22 PM IST

इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में टीम इंडिया का लचर प्रदर्शन उसे ले डूबा. बारिश से प्रभावित इस टेस्ट मैच में टीम इंडिया चौथे दिन ही पारी और 159 रनों से यह मैच गंवा बैठी.

ओवरकास्ट कंडीशंस में भारतीय बल्लेबाजों के पास आग उगलते इंग्लिश गेंदबाजों के सामने कोई जवाब नहीं था. पहली पारी में 107 रनों पर ही ढेर होने के बाद दूसरी पारी में भी विराट के धुरंधरों ने सरेंडर कर दिया और सिर्फ 130 रनों पर धराशाई हो गए.

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लॉर्ड्स टेस्ट मैच में कप्तान विराट कोहली की कुछ गलतियां टीम इंडिया पर भारी पड़ी हैं. टीम चयन से लेकर कप्तानी के मोर्चे तक विराट जूझते हुए नजर आए.

आइए एक नजर डालते हैं टीम इंडिया की गलतियों पर:

  1. आउट ऑफ फॉर्म राहुल को धवन की जगह मौका: 

विराट कोहली ने लॉर्ड्स टेस्ट मैच में शिखर धवन की जगह आउट ऑफ फॉर्म लोकेश राहुल को बरकरार रखा. राहुल के प्रदर्शन की बात करें तो मौजूदा इंग्लैंड दौरे पर टी-20 सीरीज के पहले मुकाबले में 101 रनों की पारी खेलने के बाद राहुल ने अगले दो टी-20 मैचों में 6 और 19 रन बनाए.

इसके बाद वनडे सीरीज के पहले दो मुकाबलों में राहुल ने 9 और 0 रन बनाए, जिसके बाद तीसरे वनडे से उन्हें ड्रॉप कर दिया गया. राहुल को खिलाने के लिए कोहली ने पहले टेस्ट में पुजारा को ड्रॉप किया, जिसमें इस बल्लेबाज ने 4 और 13 रन बनाए. नतीजा टीम इंडिया यह मैच 31 रनों से गंवा बैठी.

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हद तो तब हो गई जब इस आउट ऑफ फॉर्म बल्लेबाज को लॉर्ड्स टेस्ट में खिलाने के लिए कप्तान कोहली ने धवन को ड्रॉप कर दिया.  राहुल ने लॉर्ड्स टेस्ट मैच में 8 और 10 रन बनाए.

2. पुछल्ले बल्लेबाजों का कोई तोड़ न होना:

बर्मिंघम टेस्ट में सैम कुरेन टीम इंडिया के लिए सरदर्द साबित हुआ जब उन्होंने दूसरी पारी में इंग्लैंड का स्कोर सात विकेट पर 87 रन से 180 तक पहुंचा दिया.  

लॉर्ड्स टेस्ट में क्रिस वोक्स ने सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए अपने करियर का पहला शतक जड़ते हुए नाबाद 137 रनों की पारी खेलकर टीम इंडिया को मैच से बाहर कर दिया. वोक्स जब बल्लेबाजी के लिए आए तो उस समय इंग्लैंड का स्कोर 5 विकेट पर 131 रन था. उन्होंने छठे विकेट के लिए जॉनी बेयरस्टॉ के साथ मिलकर 189 रनों की साझेदारी कर दी.

3. उमेश यादव की जगह कुलदीप यादव का सेलेक्शन:

लॉर्ड्स टेस्ट मैच के पांचों दिन बारिश का पूर्वानुमान था और मैच के दौरान रुक-रुक कर बारिश होना तय थी. लेकिन इसके बावजूद ओवरकास्ट कंडीशंस में भारतीय कप्तान विराट कोहली ने तेज गेंदबाज उमेश यादव की जगह चाइनामैन कुलदीप यादव को मौका दिया.

भारतीय टीम मैच में कुलदीप यादव के रूप में अतिरिक्त स्पिन गेंदबाज के साथ उतरी जबकि जब परिस्थिति तेज गेंदबाजों के मुताबिक थी और ऐसा लगा कि तीसरा तेज गेंदबाज टीम की मदद करता. बारिश के कारण भारतीय टीम मैनेजमेंट का यह दांव उलटा पड़ गया.

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4. पहली पारी में पुजारा का रन आउट होना:

लॉर्ड्स की जिस पिच पर भारतीय बल्लेबाजों का टिकना मुश्किल था उस पर पुजारा जैसे बल्लेबाज का खड़ा होना जरूरी था लेकिन पहली पारी में कप्तान विराट कोहली की गलत कॉल की वजह से उन्हें रन आउट होकर अपना विकेट गंवाना पड़ा, नहीं तो भारत की पहली पारी की तस्वीर कुछ और ही होती.

दूसरी पारी में पुजारा ने 87 गेंदों का सामना किया. हालांकि उस दौरान उन्होंने 17 रन ही बनाए, लेकिन हालात उस समय रन बनाने से ज्यादा जरूरी विकेट पर टिकना था.

नंबर तीन पर भारतीय टीम के लिए काफी अहम भूमिका निभाने वाले पुजारा ने टेस्ट क्रिकेट में अब तक 59 मैचों की 99 पारियों में 49.45 की औसत से 4549 रन बनाए और उनका उच्चतम स्कोर 206 रन रहा है.

5. विकेटकीपिंग और बल्लेबाजी में फ्लॉप कार्तिक को पंत पर तरजीह:  ऋद्धिमान साहा की जगह भारतीय टीम में शामिल किए गए विकेटकीपिंग बल्लेबाज दिनेश कार्तिक न विकेटकीपिंग ठीक से कर पा रहे हैं और न ही बैटिंग. बर्मिंघम से लेकर लॉर्ड्स तक कुछ भी नहीं बदला कार्तिक विकेट के पीछे जूझते हुए नजर आए. इसके अलावा बल्लेबाजी में कार्तिक ने बर्मिंघम टेस्ट में 0 और 20 रन बनाए. कार्तिक ने लॉर्ड्स टेस्ट मैच में 1 और 0 रन बनाए.

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