
कैलेंडर का एक फर्रा नहीं बल्कि पूरा कैलेंडर ही बदलने वाला समय आ गया है. 2022 अपने अंत पर आ चुका है. आख़िरी महीने में चेतेश्वर पुजारा ने 1443 दिन का सूखा ख़त्म किया. उन्होंने बांग्लादेश के ख़िलाफ़ पहले टेस्ट मैच की दूसरी पारी में शतक मारा. ये उनका 19वां टेस्ट शतक था. पहली पारी में वो शतक से 10 रन दूर रह गए थे. इसके अलावा, शुभमन गिल ने भी अपने टेस्ट शतकों का खाता खोल दिया. इसी पारी में उन्होंने भी 110 रन बनाये. हालांकि इस ख़ुश करने वाली ख़बर से पहले बांग्लादेश से वन-डे सीरीज़ में मिली हार के गवाह हम सभी बन ही चुके हैं. और 2022 में भारतीय क्रिकेट टीम का हाल ऐसा ही रहा. पूरे साल का रिपोर्ट कार्ड निकालें तो काफ़ी मिक्स्ड फ़ीलिंग आती हैं.
भारतीय टीम ने 2022 में कुल 7 टेस्ट, 24 वन-डे और 40 टी-20 मैच खेले. इन मैचों में उसे क्रमशः 4, 14, 28 मौकों पर जीत मिली. यानी टेस्ट में हमने जितने मैच जीते, उसके आसपास ही गंवाए, वन-डे में 14 जीते - 8 हारे और टी-20 में 28 मैच जीतकर 10 गंवाये. लेकिन मुद्दा ये है कि टीम बड़े मौकों पर चूक गयी. ऐसे मौके, जहां टीम बड़े मैच खेल रही थी या बड़े टूर्नामेंट में उतरी हुई ही, सफलता हाथ नहीं लगी. ऐसे मौकों की ऐसे मैचों की एक लिस्ट है -
# साउथ अफ़्रीका में टेस्ट सीरीज़ हारे
# साउथ अफ़्रीका में वन-डे सीरीज़ हारे
# इंग्लैण्ड में पांचवां टेस्ट (2021 सीरीज़ का बचा हुआ एक मैच) हारे और सीरीज़ ड्रॉ हो गयी
# एशिया कप में हारे
# टी-20 वर्ल्ड कप के सेमी फाइनल में 10 विकेट से हारे
# न्यूज़ीलैंड में वन-डे सीरीज़ हारे
# बांग्लादेश में वन-डे सीरीज़ हारे
जो एकमात्र टेस्ट सीरीज़ इंडिया ने जीती, वो घरेलू सीरीज़ थी और सामने श्रीलंका थी जो आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में 7वें पायदान पर है. वन-डे में, जुलाई 2022 में, इंग्लैण्ड में हुई सीरीज़ एकमात्र ऐसी सीरीज़ है जिसमें भारत ने टॉप-5 टीमों में से किसी को हराया. टी-20 में पूरे साल भारत ने कोई भी द्विपक्षीय सीरीज़ नहीं गंवाई. हालांकि न्यूज़ीलैंड में हुई सीरीज़ में बारिश ने काफ़ी मदद की और उससे पहले जून 2022 में साउथ अफ़्रीका से हुई सीरीज़ में डिसाइडर मैच में बारिश हुई और सीरीज़ 2-2 पर बराबर छूटी. लेकिन, टी-20 में एक भी सीरीज़ न हारने के बावजूद, भारत की प्रभुता पर सवाल उठे. इस साल टी-20 फ़ॉर्मेट के 2 बड़े टूर्नामेंट हुए - एशिया कप और वर्ल्ड कप. दोनों ही टूर्नामेंट्स में भारत ट्रॉफ़ी उठाने में नाकाम रहा. एशिया कप में तो सुपर-4 में श्रीलंका और पाकिस्तान से लगातार हारने के बाद फ़ाइनल में जगह ही नहीं बन सकी. वहीं ऑस्ट्रेलिया में हुए टी-20 वर्ल्ड कप के सेमी फ़ाइनल में 10 विकेट से हार मिली.
2022 में, टेस्ट क्रिकेट में हमें जो 3 मैचों में हार मिलीं, तीनों ही विदेशी ज़मीन (जोहान्सबर्ग, केपटाउन, बर्मिंघम) पर आयीं. तीनों ही मौकों पर भारत 7 विकेट के भारी अंतर से हारा.
पर्सनल अचीवमेंट्स के मामले में भारत के लिये ये साल अच्छा रहा. सूर्यकुमार यादव ख़ूब चमके. उन्होंने साल भर में 1100 से ज़्यादा टी-20 रन बनाये. 2022 में 3 अलग-अलग भारतीय बल्लेबाज़ों ने टी-20 फ़ॉर्मेट में 4 शतक मारे-
# दीपक हुड्डा - 104 वर्सेज़ आयरलैंड (28 जून 2022)
# सूर्यकुमार यादव - 117 वर्सेज़ इंग्लैण्ड (10 जुलाई 2022)
# विराट कोहली - 122* वर्सेज़ अफ़ग़ानिस्तान (8 सितम्बर 2022)
# सूर्यकुमार यादव - 111* वर्सेज़ न्यूज़ीलैंड (20 नवम्बर 2022)
इससे पहले, भारतीय बल्ले से आख़िरी बार जब शतक निकला था तो कैलेंडर पर 2018 लिखा हुआ था. हालांकि इस बीच इंडिया के ख़िलाफ़ 2 टी-20 शतक पड़े - साउथ अफ़्रीका के डेविड मिलर और राइली रुसो. इंग्लैण्ड इस मामले में इंडिया से भी आगे निकला और उसके ख़िलाफ़ 3 अंतर्राष्ट्रीय टी-20 शतक पड़े. इसके साथ ही गेंदबाज़ी के मामले में दीपक हुड्डा ने 15 मैचों में 9.5 ओवर फेंके और 4.57 की इकॉनमी से रन दिए. भुवनेश्वर कुमार ने 103.4 ओवर फेंके और उनकी इकॉनमी 7 से कम की रही.
भारतीय क्रिकेट को केंद्र में रखते हुए देखें तो साल 2022 को एक ख़ास मैच के लिये भी याद रखा जायेगा. टी-20 वर्ल्ड कप में भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ मैच. विराट कोहली इस मैच के सितारे थे और उन्होंने इस मैच से ये स्थापित किया कि उनमें अभी भी बहुत सारा क्रिकेट बाक़ी है. 160 के ठीक-ठाक टार्गेट का पीछा करने उतरी इंडियन टीम शुरुआती झटकों से उबरने के क्रम में बेहद धीमा खेल रही थी और एक मौके पर उसे 54 गेंदों में 106 रन चाहिये थे. ये ईक्वेशन 24 पे 54 रन पर पहुंच गया और फिर 18 गेंदों में 48 रन पर. इसके बाद इस दुनिया को जो देखने को मिला, वो किसी जादू से कम नहीं था.
19वें ओवर में हैरिस राउफ़ की अंतिम 2 गेंदों पर पड़े 2 छक्के सालों-साल याद किये जायेंगे. 31 रन पर 4 विकेट खो चुकी इंडियन टीम में कोहली और हार्दिक के बीच 78 गेंदों पर 113 रनों की पार्टनरशिप भी ख़ूब याद रखी जायेगी. विराट कोहली ने 53 गेंदों पर 82 रन बनाये और उन्होंने इसे अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ टी-20 पारी बताया. राउफ़ को सीधे बल्ले से उनके सर के ऊपर जो छक्का पड़ा, इन्स्टाग्राम रील्स पर वो आज भी ज़िन्दा है.
टेस्ट मैचों में एक मौका जो यादगार रहा, वो था बर्मिंघम में छठे विकेट के लिये रवीन्द्र जडेजा और ऋषभ पन्त के बीच हुई पार्टनरशिप. भारतीय टीम सितम्बर 2021 में कोविड के चलते एक मैच छोड़ आयी थी. वो मैच 'पूरा करने के लिये' टीम जुलाई 2022 में एक बार फिर इंग्लैण्ड की धरती पर थी. यहां पहली पारी में बल्लेबाज़ी करते हुए पहले 5 विकेट 98 रनों पर ही खो दिए. लेकिन इसके बाद भारतीय टीम का अगला विकेट 320 रनों पर गिरा. इस बीच, जडेजा और पन्त मिलकर 222 रन बनाये. इन रनों की रफ़्तार भी तेज़ रही. इन 222 रनों के लिये 239 गेंदें ही लगीं.
ऋषभ पन्त ने 89 गेंदों में अपना शतक पूरा किया और 111 गेंदों में 146 रन बनाकर आउट हुए. रवीन्द्र जडेजा ने 194 गेंदों में 104 रन बनाये. हालत ये थी कि इन दोनों खिलाड़ियों के बाद जसप्रीत बुमराह ने सबसे ज़्यादा 31 रन बनाये. दोनों टीमों की पहली पारी के बाद भारतीय टीम के पास 132 रनों की लीड थी. लेकिन चौथी पारी में इंग्लैण्ड ने सॉलिड बल्लेबाज़ी की और 378 रनों के टार्गेट को बेयरस्टो और रूट की 269 रनों की नाबाद पार्टनरशिप ने धराशायी कर दिया.