
इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच एशेज सीरीज का पहला गाबा टेस्ट विवादों में आ गया है. मार्च के बाद पहली बार गेंदबाजी कर रहे बेन स्टोक्स ने अपने पहले ही ओवर की शुरुआती 3 गेंदें नोबॉल कर दीं, लेकिन यहां समझने वाली बात यह है कि अंपायर इसे देख ही नहीं सके. यानी यह तीन बॉल एक्स्ट्रा में मानी ही नहीं गईं. इसी के एशेज सीरीज में टेक्नोलॉजी से जुड़ी समस्याएं भी उजागर हो गईं हैं, जिसकी हर तरफ आलोचना हो रही है.
अंपायर की यह गलती चौथी बॉल पर पकड़ाई. जब बेन स्टोक्स की इनस्विंग बॉल पर ओपनर डेविड वॉर्नर क्लीन बोल्ड गए. यहां पर भी फील्ड अंपायर ने नो बॉल नहीं दी. इसके बाद रिव्यू देखने पर थर्ड अंपायर ने गलती पकड़ी और नो बॉल करार देते हुए वॉर्नर को वापस बुलाया गया.
वॉर्नर को जीवनदान इंग्लैंड पर भारी पड़ा
जिस समय वॉर्नर क्लीन बोल्ड हुए थे, तब वे 17 रन बनाकर खेल रहे थे. यह जीवनदान मिलना इंग्लैंड को काफी भारी पड़ गया, क्योंकि वॉर्नर ने पहली पारी में 94 रन बनाए. साथ ही मार्नस लाबुशेन के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 156 रनों की पार्टनरशिप की.
स्टोक्स ने 14 नोबॉल कीं, लेकिन 2 बार ही पकड़े गए
इस पूरे मामले के बाद ऑस्ट्रेलिया के ब्रॉडकास्टर चैनल 7 ने खुलासा किया कि गाबा टेस्ट के दूसरे दिन बेन स्टोक्स ने कुल 14 बार नो बॉल की थी, लेकिन उनमें से उन्हें सिर्फ 2 बार ही पकड़ा गया. वहीं, ऑस्ट्रेलियाई टीम के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग ने मैच की कमेंट्री के दौरान इस तरह की खराब अंपायरिंग की आलोचना की.
फील्ड अंपायर को ही ध्यान रखना होगा
वहीं, इस पूरे मामले में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने कहा कि गाबा में टेक्नोलॉजी से जुड़ी समस्या नहीं है. थर्ड अंपायर पॉल विल्सन हर बॉल पर नजर नहीं रख सकते कि वह नो बॉल है या नहीं. इसका मतलब है कि फील्ड अंपायर्स को ही इस पर फैसला करना होगा.
पिछले साल हुआ नियम में बदलाव
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने पिछले साल ही नो बॉल से जुड़े नियमों में कुछ बड़े बदलाव किए थे. इसी में यह फैसला भी किया था कि अब से नो बॉल पर फील्ड अंपायर के साथ थर्ड अंपायर भी नजर रखेंगे. यानी फील्ड अंपायर से गलती होती है, तो थर्ड अंपायर भी टीवी में देखकर नो बॉल दे सकते हैं.