
टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड को हराकर 12 साल बाद आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी पर कब्जा जमा लिया है. रविवार को खेले गए मैच में भारत ने 252 रनों का लक्ष्य चेज करके 4 विकेट से जीत हासिल की और सातवीं बार आईसीसी खिताब पर कब्जा जमाया. ये तीसरी बार है जब टीम इंडिया ने चैंपियंस ट्रॉफी अपने नाम की है. ऐसा करने वाली वो दुनिया की पहली टीम है. इस पूरी सीरीज में भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन शानदार रहा. लेकिन विराट कोहली के लिए ये सीरीज कई मायनो में खास रही. ग्रुप स्टेज में पाकिस्तान के खिलाफ नाबाद शतक हो या फिर सेमीफाइनल में संकटमोचक पारी. कोहली ने साबित किया कि वो क्यों क्रिकेट के किंग हैं.
ऐसा रहा कोहली का सफर
चैंपियंस ट्रॉफी में टम इंडिया का पहला मैच बांग्लादेश के खिलाफ था. इस मैच में भारत को जीत के लिए 229 रनों की जरूरत थी. इस मुकाबले में कोहली ने 22 रनों की पारी खेली थी. इसके बाद भारत का अगला मैच पाकिस्तान के खिलाफ 23 फरवरी को था. जिसमें 242 रनों का पीछा करने उतरी भारतीय टीम के लिए विराट कोहली संकटमोटक बने. कोहली ने इस मैच में शानदार 100 रनों की नाबाद पारी खेली और भारत को आसान जीत दिलाई. इसके बाद ग्रुप स्टेज के आखिरी मैच में भारत का मुकाबला न्यूजीलैंड से था. इस मुकाबले में विराट का बल्ला खामोश रहा और वो केवल 11 रनों की ही पारी खेल सके.
नॉकआउट में ऐसा रहा प्रदर्शन
चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल मैच में भारत-ऑस्ट्रेलिया की टीम आमने-सामने थी. ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने 265 रनों का लक्ष्य रखा था. लेकिन टीम इंडिया को रोहित और गिल के रूप में दो शुरुआती झटके मिले थे. लेकिन एक बार फिर विराट कोहली संकटमोचक बने और उन्होंने 84 रनों की शानदार पारी खेली और भारत को फाइनल का टिकट दिला दिया. हालांकि फाइनल मैच में कोहली सिर्फ एक रन ही बना सके.
इस चैंपियंस ट्रॉफी में रनों के लिहाज से देखा जाए तो कोहली ने कुल 218 रन बनाए. जिसमें एक शतक और एक अर्धशतक शामिल हैं. वो इस सीरीज में 5वें हाइएस्ट रन गेटर हैं.
विराट के लिए क्यों खास है ये खिताब
विराट कोहली के लिए ये खिताब कई मायनो में खास है. उनका ये चौथा आईसीसी खिताब है. 2011, 2013, 2024 और अब चैंपियंस ट्रॉफी. वहीं वो दूसरी बार चैंपियंस ट्रॉफी विजेता टीम का हिस्सा हैं. कोहली के लिए ये खिताब इसलिए भी खास है क्योंकि पिछले 9 महीनों में भारत ने दो आईसीसी खिताब अपने नाम किए हैं. अब जब कोहली के संन्यास की अटकलें चल रही हैं तो इससे सुनहरा मौका नहीं हो सकता है.