
Sourav Ganguly: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को अब नया अध्यक्ष मिलना लगभग तय माना जा रहा है. बोर्ड के अलग-अलग पदों पर चुनाव होना है, लेकिन माना जा रहा है कि नतीजे निर्विरोध ही निकल जाएंगे. मौजूदा बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली की जगह 1983 वर्ल्ड कप की विजेता टीम के सदस्य रहे रोजर बिन्नी नए अध्यक्ष बन सकते हैं. यानी गांगुली का बतौर बोर्ड अध्यक्ष अब सफर खत्म होने जा रहा है, सौरव ने साल 2019 में यह पद संभाला था.
रोजर बिन्नी के सौरव गांगुली की जगह बीसीसीआई का अध्यक्ष बनने की संभावना से जुड़ी खबरों के बीच पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान को ‘अपमानित करने की कोशिश’ करने का आरोप लगाया, क्योंकि वह उन्हें पार्टी में शामिल करने में विफल रहे.
जय शाह सचिव पद पर बने रहेंगे!
तृणमूल के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि भाजपा ने पिछले साल के विधानसभा चुनाव से पहले लोगों के बीच यह संदेश फैलाने की कोशिश की थी कि राज्य में बेहद लोकप्रिय गांगुली पार्टी में शामिल होंगे. टीएमसी के सांसद डॉक्टर शांतनु सेन ने कहा कि यह राजनीतिक प्रतिशोध का एक उदाहरण है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह दूसरे कार्यकाल के लिए बीसीसीआई के सचिव पद पर बने रह सकते हैं, लेकिन गांगुली अध्यक्ष पद पर ऐसा नहीं कर सकते. ये इसलिए क्योंकि गांगुली कोलकाता से हैं और भाजपा जॉइन नहीं की है?
शांतनु ने कहा कि हम गांगुली के साथ हैं. हालांकि भाजपा ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि उन्होंने कभी ‘प्रिंस ऑफ कोलकाता’ के नाम से लोकप्रिय गांगुली को पार्टी में शामिल करने की कोशिश नहीं की.
गांगुली ने अमित शाह का ऑफर ठुकराया, तो ऐसा कर रहे
टीएमसी के सांसद डॉक्टर शांतनु सेन ने आजतक से कहा कि अमित शाह इसी साल मई में एक रात डिनर के लिए गांगुली के घर गए थे. यहां शाह ने, 'उनसे (गांगुली) कई बार भाजपा जॉइन करने के लिए कहा था. वह चाहते थे कि बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सामने गांगुली भाजपा का चेहरा बनें.' गांगुली ने ये ऑफर ठुकरा दिया तो उनसे पद छीना जा रहा है. गांगुली बंगाल के बेटे हैं.
शांतनु ने कहा, 'ये सिर्फ राजनीतिक रूप से किया गया कृत्य नहीं, बल्कि खेलों का भी भगवाकरण है. भाजपा ने सभी टॉप पदों पर अपने परिवार के सदस्यों और नेताओं के रिश्तेदारों को बैठाया है.' वहीं, दिलीप घोष ने आजतक से कहा, 'मुझे नहीं पता कि शांतनु सेन या फिर उनकी पार्टी ने किसी भी तरह से सौरव गांगुली की मदद की हो. टीएमसी राजनीति करने की आदी है और वह यहां भी राजनीति ही कर रहे हैं.'
भाजपा इस तरह की बातों पर जवाब दे
वहीं, कुणाल घोष ने कहा, 'भाजपा बंगाल के लोगों के बीच एक संदेश फैलाना चाहती थी जैसे कि वह सौरव को पार्टी में शामिल करने जा रही हो. हम इस मामले में सीधे तौर पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं लेकिन चूंकि भाजपा ने चुनाव के दौरान और बाद में इस तरह का प्रचार किया इसलिए निश्चित रूप से भाजपा की जिम्मेदारी होगी कि वह इस तरह की अटकलों का जवाब दे (कि गांगुली को बीसीसीआई प्रमुख के रूप में दूसरा कार्यकाल नहीं मिलने के पीछे राजनीति है). ऐसा लगता है कि भाजपा सौरव को नीचा दिखाने की कोशिश कर रही है.'
भाजपा ने आरोपों को निराधार बताया
अमित शाह का जिक्र करते हुए तृणमूल के राज्य महासचिव ने कहा कि 'भाजपा के एक बड़े नेता' इस साल मई में गांगुली के घर रात्रि भोज के लिए गए थे. आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने इसे निराधार करार दिया.
उन्होंने कहा, 'हमें नहीं पता कि भाजपा ने सौरव गांगुली को पार्टी में शामिल करने की कोशिश कब की. सौरव गांगुली एक दिग्गज क्रिकेटर हैं. कुछ लोग अब बीसीसीआई में बदलाव पर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं. क्या उनकी कोई भूमिका थी जब उन्होंने बीसीसीआई अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला था. टीएमसी को हर मुद्दे का राजनीतिकरण करना बंद कर देना चाहिए.'