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मयंक अग्रवाल (90 रन) और कृष्णप्पा गौतम (3/27) के दम पर कर्नाटक ने तीसरी बार विजय हजारे ट्रॉफी पर कब्जा जमाया. मंगलवार को फिरोजशाह कोटला मैदान पर खेले गए फाइनल में उसने सौराष्ट्र को 41 रनों से हराकर खिताबी जीत दर्ज की. कर्नाटक ने इससे पहले 2014-15 में यह खिताब अपने नाम किया था. सौराष्ट्र ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया. कर्नाटक ने मयंक की शानदार पारी के दम पर 45.5 ओवरों में सभी विकेट गंवाकर 253 रन बनाए.
किसने कितनी बार जीती यह ट्रॉफी
5 बार तमिलनाडु
3 बार कर्नाटक
2 बार मुंबई
एक-एक बार अन्य 7 टीमें
-विजय हजारे ट्राफी चैंपियन बनने से कर्नाटक ने चार मार्च से धर्मशाला में होने वाली देवधर ट्रॉफी में खेलने की अर्हता भी हासिल की. इसमें दो अन्य टीमें भारत ‘ए’ और भारत ‘बी’ की होंगी.
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79 गेंदों पर 11 चौके और तीन छक्के लगाने वाले मयंक के अलावा रविकुमार सामर्थ ने 49 तथा पवन देशपांडे ने 48 रनों की पारी खेली. श्रेयस गोपाल ने भी 31 रनों का योगदान दिया. सौराष्ट्र की ओर से कमलेश मकवाना ने 34 रन देकर चार सफलताएं अर्जित कीं.
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जवाब में सौराष्ट्र की टीम कप्तान चेतेश्वर पुजारा (94) की शानदार अर्धशतकीय पारी के बावजूद 46.3 ओवरों में सभी विकेट गंवाकर 212 रन ही बना सकी और हार गई. पुजारा ने 127 गेंदों का सामना कर 10 चौके और एक छक्का लगाया. वह रन आउट हुए. इसके अलावा कोई और बल्लेबाज चल नहीं सका.रवींद्र जडेजा 38 गेंदों पर 15 रन ही बना पाए.
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कर्नाटक की ओर से कृष्णपप्पा गौतम और प्रसिद्ध कृष्णा को तीन-तीन विकेट मिले. इसके अलावा, स्टुअर्ट बिन्नी और पवन देशपांडे को एक-एक सफलता मिली.