
पूर्व भारतीय कप्तान विराट कोहली ने आज (4 मार्च) को एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. वह करियर का 100वां टेस्ट खेलने वाले 12वें भारतीय बन गए हैं. इस मौके पर भारतीय टीम के कोच और पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने उन्हें सम्मानित किया. कोहली को 100वां टेस्ट खेलने के लिए स्पेशल कैप सौंपी. मोहाली में सम्मान के दौरान कोहली के साथ उनकी पत्नी अनुष्का शर्मा भी मौजूद रहीं.
भारत के लिए पहली बार टेस्ट क्रिकेट खेलने उतरने पर विराट कोहली ने कभी सोचा भी नहीं था कि वह सौ टेस्ट खेलेंगे. उन्होंने कहा कि उन्होंने अपना सब कुछ इस खेल को दिया और अभी भी हर मैच से पहले उन्हें बेचैनी होती है. श्रीलंका के खिलाफ शुक्रवार से शुरू हुआ टेस्ट कोहली के करियर का 100 टेस्ट है.
कोहली ने 2011 में डेब्यू किया था
कोहली ने 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ पदार्पण किया था. जिसमें उन्होंने 4 और 15 रन बनाए थे. इस दिग्गज बल्लेबाज ने इसके बाद रनों का अंबार लगाने में कोताही नहीं बरती और अभी तक उनके नाम पर सबसे लंबे प्रारूप में 50.39 की औसत से 7962 रन दर्ज हैं.
कोहली ने टेस्ट मैच से एक दिन पहले भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) द्वारा जारी वीडियो में कहा, ‘जीवन के बारे में कोई कयास नहीं लगाया जा सकता. आप कभी सोच भी नहीं सकते कि भविष्य में कितने अद्भुत पल आपके जीवन में आने हैं.’
कभी नहीं सोचा था 100 टेस्ट खेलूंगा
उन्होंने कहा, ‘आपको नहीं पता होता कि भविष्य में क्या होना है. इसलिए अच्छा यह है कि घबराना नहीं है और उसे लेकर हतोत्साहित नहीं होना है. मेरा पूरा जीवन और करियर इस बात का उदाहरण है कि कुछ भी हो सकता है. ईमानदारी से कहूं तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं 100 टेस्ट मैच खेलूंगा. यह लंबा सफर रहा है. इन 100 टेस्ट मैच तक पहुंचने के दौरान हमने काफी क्रिकेट खेला. बहुत अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट हो रही है. मैं भाग्यशाली हूं जो कि अपना 100वां टेस्ट मैच खेलने जा रहा हूं.’
इस मैच में स्टेडियम में 50 फीसदी दर्शकों को प्रवेश की अनुमति दी गई है और कोहली ने कहा कि यह खास है. कोहली से पहले भारत की तरफ से 100 टेस्ट मैच खेलने वाले खिलाड़ियों में सुनील गावस्कर, दिलीप वेंगसरकर, कपिल देव, सचिन तेंदुलकर, अनिल कुंबले, राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली, वीवीएस लक्ष्मण, वीरेंद्र सहवाग, हरभजन सिंह और ईशांत शर्मा शामिल हैं.
फिटनेस पर कड़ी मेहनत की है
कोहली ने कहा, ‘ईश्वर की बड़ी कृपा रही है. मैंने अपनी फिटनेस पर वास्तव में कड़ी मेहनत की है. यह मेरे लिए, मेरे परिवार के लिए, मेरे कोच के लिए बड़ा क्षण है, जो मेरे इस मुकाम तक पहुंचने से बहुत खुश हैं. मैने टेस्ट में यहां तक पहुंचने के लिए काफी मेहनत की है. मैं टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहता था और हमेशा चाहता था कि खेल का यह पारंपरिक और विशुद्ध रूप जीवित रहे.’
उन्होंने कहा, ‘अगर आप अपने माहौल में कुछ भी प्रभाव छोड़ पाते हैं तो यह गर्व की बात है. मैं बहुत खुशकिस्मत हूं क्योंकि ऐसा मौका लोगों को कम ही मिलता है और मुझे मिला है. मैने इस प्रारूप को अपना सब कुछ दिया है. मैंने अपनी पूरी क्षमता से जिम्मेदारी निभाई.’
कोहली जब टेस्ट कप्तान बने तब भारत आईसीसी रैंकिंग में सातवें स्थान पर था और उनके कप्तानी छोड़ने के समय लगातार पांच साल नंबर वन टेस्ट टीम रहा. उन्होंने कहा, ‘मुझे अच्छी तरह से याद है जब मैंने टेस्ट कप्तानी संभाली थी. मेरा टीम के लिए एक नजरिया था और हम पांच साल लगातार नंबर एक रहे. मुझे इस पर गर्व है.’
'मुझे आज भी पहला शतक याद है'
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जनवरी 2012 में अपने पहले टेस्ट शतक को याद करते हुए उन्होंने कहा, ‘मेरा पहला टेस्ट शतक मुझे आज भी याद है. वह हमेशा मेरे लिए खास रहेगा और आस्ट्रेलिया में बनने के कारण और भी खास है.’
अपने करियर की खास यादों के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ‘2015 से 2020 के बीच जिस तरह का क्रिकेट हमने खेला, वह अपने आप में खास है. हम कुछ कठिन मैच हारे और कुछ में शानदार वापसी की. मुझे इस पूरे दौर पर गर्व है.’
उन्होंने अपने जीवन में बड़ा प्रभाव छोड़ने के लिए पत्नी अनुष्का शर्मा को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा, ‘ मैं ईश्वर का शुक्रगुजार हूं कि उसके जैसी पत्नी मुझे मिली. वह मेरी शक्ति का स्रोत रही है. उसके मेरे जीवन में आने के बाद से मैं बेहतर होता गया और वह भी. हमने एक-दूसरे को निखारने में मदद की.’