
India Vs England Test Series: भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ 5 मैचों की घरेलू टेस्ट सीरीज में धमाल मचाते हुए शानदार जीत दर्ज की है. रोहित शर्मा की कप्तानी में भारतीय टीम ने सीरीज में 3-1 से अजेय बढ़त बना ली है. जबकि आखिरी मुकाबला अब भी बाकी है. यह 5वां टेस्ट मैच 7 मार्च से धर्मशाला में खेला जाएगा.
यह मैदान एक तरह से भारतीय टीम और चाइनामैन गेंदबाज के रूप में पहचाने जाने वाले कुलदीप यादव के लिए लकी रहा है. साथ ही विराट कोहली और अनिल कुंबले की इस मैदान से बेहद कड़वी यादें जुड़ी हुई हैं.
रहाणे की कप्तानी में जीते थे इकलौता धर्मशाला टेस्ट
पहला तो ये है कि भारतीय टीम ने इस मैदान पर अब तक एक ही टेस्ट मैच खेला है, जिसमें जीत दर्ज की है. यह मुकाबला मार्च 2017 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला गया था. इसमें अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में भारतीय टीम ने 8 विकेट से जीत दर्ज की थी.
साथ ही इसी मुकाबले के साथ स्टार स्पिनर कुलदीप यादव ने टेस्ट में डेब्यू भी किया था. इस डेब्यू टेस्ट में कुलदीप ने पहली पारी में 4 विकेट लिए थे. जबकि दूसरी पारी में कोई सफलता नहीं मिली थी. मगर इसी चाइनामैन गेंदबाज के कारण कोहली और कुंबले के लिए यह मैदान कड़वी यादें भी छोड़ गया है.
कुलदीप के खातिर भिड़े थे कोहली और कुंबले
दरअसल, 2017 में भारतीय टीम की कमान कोहली के हाथों में थी. जबकि कुंबले भारतीय टीम के हेड कोच रहा करते थे. इस दौरान कोहली कंधे में चोट के कारण धर्मशाला टेस्ट नहीं खेले थे. उनकी गैरमौजूदगी में रहाणे ने कमान संभाली थी.
तब कुंबले चाह रहे थे कि कुलदीप यादव को इस मैच में मौका दिया जाए, लेकिन कोहली ने तब इससे साफ इनकार कर दिया था. कोहली प्लेइंग-11 में अमित मिश्रा को देखना चाह रहे थे. हालांकि आखिर में जीत कुंबले की हुई और कुलदीप को डेब्यू का मौका मिला. यह फैसला कहीं ना कहीं सही भी साबित हुआ था.
क्योंकि तब धर्मशाला टेस्ट में डेब्यू करने वाले 22 साल के कुलदीप ने अपनी चाइनामैन गेंदबाजी से ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को खासा परेशान किया था. पहली पारी में उन्होंने 4 विकेट लिए थे, जो कंगारुओं पर जीत में निर्णायक साबित हुए थे.
कुंबले ने खुद ही कोच पद से इस्तीफा दे दिया था
बता दें कि कुंबले ने इस विवाद से एक साल पहले यानी 2016 में ही भारतीय टीम का कोच पद संभाला था. उन्हें एक साल के लिए ही इस पद पर नियुक्त किया गया था. 2017 में भी कुंबले का कार्यकाल बढ़ाया जा सकता था, लेकिन कोहली समेत कुछ खिलाड़ी कुंबले के व्यवहार से खुश नहीं थे. ऐसे में चैम्पियंस ट्रॉफी 2017 के फाइनल में पाकिस्तान से हार के बाद कुंबले की भी कोचिंग पद से विदाई हो गई.
कुंबले ने खुद ही इस्तीफा दे दिया था. कुंबले ने अपने इस्तीफे में कोहली के साथ अपने संबंधों को अस्थिर बताया था और अपना पद छोड़ दिया था जिसके बाद शास्त्री को टीम का मुख्य कोच बनाया गया.