
Virat Kohli India vs Sri Lanka: भारतीय टीम ने श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज में धमाकेदार आगाज किया है. गुवाहाटी मैच में 67 रनों से जीत दर्ज करने के साथ ही टीम इंडिया ने तीन मैचों की वनडे सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली है. इस मैच में पूर्व भारतीय कप्तान विराट कोहली ने ताबड़तोड़ अंदाज में शतक लगाया.
मैच में कोहली ने 87 बॉल पर 113 रनों की आतिशी पारी खेली. इस दौरान उन्होंने एक छक्का और 12 चौके लगाए. इस दमदार शतकीय पारी के बदौलत भारतीय टीम जीती और कोहली को प्लेयर ऑफ द मैच भी चुना गया.
हताश नहीं होना चाहिए, चीजों को सरल रखें
मगर मुकाबले के बाद कोहली ने एक ऐसा बयान दिया, जिसने सभी को चौंकाया है. कोहली ने कहा कि वह अब हर एक मैच को अपना आखिरी मुकाबला मानकर ही खेलते हैं. हर मैच को एंजॉय करते हैं. कोहली के इस बयान के मायने क्या हो सकते हैं, इसका सटीक जवाब तो वही दे सकेंगे. मगर एक बात तो साफ है कि अब कोहली बगैर किसी टेंशन के बिंदास मैच खेलने लगे हैं.
प्लेयर ऑफ द मैच के बाद विराट कोहली ने कहा, 'मैंने एक बात जो सीखी है, वह ये है कि हताशा आपको कहीं नहीं ले जाती. खेल बहुत ही सरल होता है. हम अपने लगाव और इच्छाओं से इसे मुश्किल बनाते हैं और लोगों के नजरिए से सोचते हैं और उसी तरह बनने लगते हैं. जबकि वो नहीं, जो हम हैं.'
निडर होकर और सही कारणों के साथ खेलें
पूर्व भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कहा, 'वास्तविकता में बगैर किसी डर के खेलने की जरूरत है. आपको सही कारणों के साथ खेलना चाहिए. लगभग हर एक मैच इसी तरह खेलता हूं, जैसे यह आखिरी मैच है. इसको लेकर मैं खुश भी हूं. इसको लेकर दुखी नहीं होना चाहिए. यही चीजें मैंने सीखी हैं.'
कोहली ने कहा, 'मैं चीजों को पकड़कर नहीं रखता हूं. यह खेल इसी तरह आगे बढ़ने वाला है. कई खिलाड़ी अतीत में भी खेल चुके हैं. मैं हमेशा नहीं खेलूंगा. मैं खुश हूं और अपने खेल को एंजॉय कर रहा हूं. मैं जब खेलूंगा, तब तक इसी तरह मजे लेकर खेलता रहूंगा.'
उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि मैंने अपनी पारी में कुछ अलग किया. मेरी तैयारी और इरादा हमेशा एक जैसा रहता है. मुझे लगा कि मैं गेंद को अच्छे से हिट कर रहा हूं. यह उस लय के करीब था जिसके साथ मैं खेलता हूं, मुझे समझ में आया कि हमें अतिरिक्त 25-30 रनों की जरूरत है.'