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2021 में कोहली नहीं कर पाए कुछ ‘तूफानी…’, टीम इंडिया को चैम्पियन बनाने की ख्वाहिश रही अधूरी

महेंद्र सिंह धोनी ने 2017 में जब सीमित ओवरों की कप्तानी छोड़ी, तो विराट कोहली भारतीय क्रिकेट के बेताज बादशाह बन गए. अगले तीन साल तक उन्हें कोई चुनौती नहीं मिली और हर तरफ उनकी चमक दिखी...

Virat Kohli (Getty) Virat Kohli (Getty)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 30 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 11:57 AM IST
  • कोहली के लिए साल 2021 अच्छा नहीं रहा
  • बीसीसीआई ने वनडे की कप्तानी से हटाया
  • वनडे-टी20 में रोहित शर्मा को कमान सौंपी

साल 2021 खत्म होने वाला है. इस साल टीम इंडिया को कोई बड़ी उपलब्धि हासिल नहीं हुई. ICC टूर्नामेंट्स में खिताब नहीं जीत पाने का टीम इंडिया का सिलसिला जारी रहा, हालांकि ऑस्ट्रेलिया में ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज जीतने का श्रेय जरूर हासिल किया. महेंद्र सिंह धोनी ने 2017 में जब सीमित ओवरों की कप्तानी छोड़ी, तो विराट कोहली भारतीय क्रिकेट के बेताज बादशाह बन गए. अगले तीन साल तक उन्हें कोई चुनौती नहीं मिली और हर तरफ उनकी चमक दिखी.

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ICC खिताब जीतने में फिर रहे नाकाम

बीसीसीआई में मजबूत प्रशासन के अभाव में कोहली ही फैसले लेने लगे और भारतीय टीम के अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए किसी ने ऐतराज भी नहीं जताया, हालांकि आईसीसी खिताब जीतने में वे नाकाम रहे.

फिर सौरव गांगुली और जय शाह ने 2019 में दुनिया के सबसे शक्तिशाली क्रिकेट बोर्ड की सत्ता की बागडोर संभाली. एक साल तक सब कुछ ठीक ठाक चलता रहा, लेकिन 2020 वर्ल्ड कप के बाद कोहली ने टी20 टीम की कप्तानी छोड़ने का फैसला किया. उनका वनडे टीम की कप्तानी छोड़ने का कोई इरादा नहीं था, लेकिन टूर्नामेंट से भारत की जल्दी रवानगी के बाद यह लगभग तय हो गया था.

...गांगुली और उनके मतभेद उजागर

कोहली से वनडे टीम की कप्तानी छिनी गई, जिसके बाद गांगुली और उनके मतभेद उजागर हो गए. दोनों ने एक-दूसरे के बयानों का सार्वजनिक तौर पर खंडन किया. सीमित ओवरों की कप्तानी अब रोहित शर्मा को सौंप दी गई. अपने सुनहरे करियर में 70 इंटरनेशनल शतक जमा चुके कोहली को किसी को कुछ साबित नहीं करना है, लेकिन दो साल से बतौर बल्लेबाज उनकी औसत फॉर्म और बीसीसीआई से मतभेद के बाद अब वह जरूर दिखाना चाहेंगे कि उन्हें दुनिया का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज क्यों माना जाता है.

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कोहली-रवि शास्त्री का दौर भी खत्म 

टी20 वर्ल्ड कप से भारत के जल्दी बाहर होने के साथ ही कोहली और रवि शास्त्री का दौर भी खत्म हो गया. कोहली की अगुवाई वाली टेस्ट टीम की क्षमता पर किसी को संदेह नहीं था, लेकिन वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल में न्यूजीलैंड के हाथों हार से निराशा हाथ लगी. भारत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जगह बनाई, लेकिन न्यूजीलैंड ने खिताबी मुकाबले में उसे उन्नीस साबित कर दिया.

पर AUS में लगातार दूसरी सीरीज जीत

भारत ने इस साल ऑस्ट्रेलिया में लगातार दूसरी सीरीज जीती. यह जीत इसलिए भी अहम थी क्योंकि खिलाड़ियों की चोटों से जूझ रही भारतीय टीम के पास प्रमुख खिलाड़ी भी ब्रिस्बेन में निर्णायक मैच में उतारने के लिए नहीं थे.

एडिलेड टेस्ट में 36 रन पर सिमटने के बाद भारतीय टीम ने जिस तरह वापसी करके सीरीज जीती, यह विजयगाथा क्रिकेट की किवदंतियों में शुमार हो गई. ब्रिस्बेन में ऑस्ट्रेलिया 33 साल बाद कोई टेस्ट हारा. कोहली पहले टेस्ट के बाद अपने बच्चे के जन्म के कारण स्वदेश लौट आए थे. उनकी गैर मौजूदगी में अजिंक्य रहाणे ने मोर्चे से अगुवाई की और भारत की जीत के सूत्रधार रहे.

अब नए साल में कोहली से बड़ी उम्मीदें

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कोहली और टीम विदेश में एक और सीरीज जीतने के करीब थे, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इंग्लैंड में पांचवां और आखिरी टेस्ट रद्द करना पड़ा. भारत सीरीज में 2-1 से आगे है और आखिरी टेस्ट अगले साल खेला जाएगा. भारत अगर सीरीज जीत लेता है तो इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतने वाले कोहली पहले एशियाई कप्तान बन जाएंगे. रोहित और नए कोच राहुल द्रविड़ को टी20 विश्व कप और वनडे विश्व कप में अच्छे प्रदर्शन के लिए काफी मेहनत करनी होगी जो क्रमश: 2022 और 2023 में होने हैं.

 

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