
विराट कोहली अपने पुराने फॉर्म में लौट चुके हैं. कोहली ने श्रीलंका के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज में दो मौकों पर शतकीय पारियां खेलीं. इससे पहले उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ आखिरी वनडे मुकाबले में भी शतक जड़ा था. कोहली का प्रचंड फॉर्म में आना भारतीय टीम के लिए शुभ संकेत हैं. वैसे भी इस साल अक्टूबर-नंवबर में भारतीय जमीन पर वनडे विश्व कप भी आयोजित होना है, जहां कोहली पर सबकी निगाहें होंगी.
अब विराट कोहली ने टीम इंडिया से जड़े उन तीन लोगों की तारीफ की है जिनके चलते टीम इंडिया के खिलाड़ियों की प्रैक्टिस अच्छे से होती है. ये तीन शख्स हैं रघु, नुवान और दयानंद गरानी. तीनों ही बतौर थ्रो डाउन स्पेशलिस्ट टीम इंडिया से जुड़े हुए हैं. विराट कोहली ने गिल को दिए इंटरव्यू में तीनों का जिक्र किया.
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वे हमें नेट्स में चुनौती देते हैं: कोहली
कोहली ने कहा, 'रघु को तो आप सब जानते ही हैं, हमने उनके बारे में बहुत कुछ बोला है. फिर नुवान जो श्रीलंका से हैं, लेकिन वह अब भारतीय ज्यादा हैं. और दया... वह कुछ साल पहले शामिल हुए थे और अब टीम का अभिन्न अंग हैं. मेरी राय में उन्होंने हमें हर रोज विश्व स्तरीय अभ्यास दिया है. वे हमें नेट्स में उसी तरह चुनौती देते हैं जैसे कोई तेज गेंदबाज हमें 145 या 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाज कर रहा हो और वे हमेशा हमें आउट करने की कोशिश करते हैं.'
विराट कहते हैं, 'कभी-कभी यह तेजी से लगता है, लेकिन मेरे करियर में इन्होंने काफी अंतर पैदा किया है. मैं पहले जैसा क्रिकेटर था और आज जिस तरह का हूं, उसका बहुत सारा श्रेय इस बात को जाता है कि कैसे इन लोगों ने हमें नियमित रूप से अभ्यास कराने में मदद की. उनका योगदान अविश्वसनीय रहा है. आप लोगों को इनका चेहरा और नाम याद रखना चाहिए क्योंकि हमारी सफलता के पीछे इन्हीं लोगों का बहुत बड़ा हाथ होता है.'
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रघुवेंद्र को भारतीय खिलाड़ी 'रघु' कहकर पुकारते हैं. लगभग 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद फेंकने की अपनी अनूठी क्षमता के कारण रघु ने टीम इंडिया के खिलाड़ियों के बीच अपनी अलग पहचान बनाई है. नुवान सेनेविरत्ने की बात करें तो वह दो प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं. दयानंद गरानी की बात की जाए तो उनमें दोनों हाथों से बॉलिंग करने की काबिलियत है. दयानंद एनसीए में ट्रेनिंग भी ले चुके हैं.