Advertisement

विराट कोहली की वनडे कप्तानी पर भी खतरा..? जानिए कौन से हैं वो 'फैक्टर'

कोहली ने कहा है कि वह अन्य दो प्रारूपों में कप्तान बने रहेंगे, लेकिन कोई भी स्पष्ट तौर पर यह नहीं कह सकता कि वह स्वदेश में 2023 में होने वाले विश्व कप में भारत की 50 ओवरों की टीम के कप्तान होंगे.

Virat Kohli (Getty) Virat Kohli (Getty)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 9:40 AM IST
  • कोहली ने अगले महीने वर्ल्ड कप के बाद भारत की टी20 कप्तानी छोड़ने का फैसला किया है
  • टी20 की कप्तानी छोड़ने के बावजूद कोहली की 50 ओवर की कप्तानी पर भी खतरा

विराट कोहली का अगले महीने वर्ल्ड कप के बाद भारत की टी20 कप्तानी छोड़ने का फैसला निश्चित तौर पर बल्ले से लय हासिल करने से जुड़ा है, लेकिन इससे संकेत मिलते हैं कि वनडे ढांचे में भी उन्हें इसी तरह की चीजों का सामना करना पड़ सकता है. कोहली ने कहा है कि वह अन्य दो प्रारूपों में कप्तान बने रहेंगे, लेकिन कोई भी स्पष्ट तौर पर यह नहीं कह सकता कि वह स्वदेश में 2023 में होने वाले वर्ल्ड कप में भारत की 50 ओवरों की टीम के कप्तान होंगे.

Advertisement

काम के बोझ का प्रबंधन टी20 कप्तानी छोड़ने के लिए बिल्कुल स्वीकार्य कारण है, लेकिन अगर 2023 तक भारत के कार्यक्रम को देखा जाए तो विश्व कप के अलावा टीम को लगभग 20 द्विपक्षीय टी20 मुकाबले खेलने हैं, जिनमें कोहली कप्तान नहीं होंगे. बीसीसीआई के एक सूत्र ने पीटीआई को बताया, ‘विराट को पता है कि अगर टीम यूएई में टी20 विश्व कप में अच्छा प्रदर्शन नहीं करती है तो उन्हें सीमित ओवरों की कप्तान से हटाया जा सकता था. जहां तक सीमित ओवरों की कप्तानी का सवाल है तो उन्होंने हटकर अच्छा किया है.’

50 ओवर प्रारूप में भी विशुद्ध बल्लेबाज के रूप में उतरना पड़ सकता है

उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने अपने ऊपर से थोड़ा दबाव कम किया है क्योंकि ऐसा लग रहा है कि वह अपनी शर्तों पर यह काम कर रहे थे. अगर टी20 में प्रदर्शन में गिरावट आती है तो शायद 50 ओवर में प्रारूप में ऐसा नहीं हो.’ बीसीसीआई अगर निकट भविष्य में कोहली से 50 ओवर के प्रारूप की कप्तानी भी ले लेते हैं तो यह हैरानी भरा नहीं होगा. टी20 विश्व कप में ट्रॉफी जीतने में नाकाम रहने के बाद कोहली को 50 ओवर प्रारूप में भी विशुद्ध बल्लेबाज के रूप में उतरना पड़ सकता है.

Advertisement

'... पिछले कुछ समय से ड्रेसिंग रूप में पूर्ण समर्थन हासिल नहीं है'

इसमें कोई संदेह नहीं कि ड्रेसिंग रूम में भी उपकप्तान रोहित शर्मा को ‘नेतृत्वकर्ता’ माना जाता है, जिन्होंने युवा खिलाड़ियों को साथ लेकर चलना सीख लिया है और वह इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में मुंबई इंडियंस के साथ साल दर साल ऐसा करते आए हैं. कोहली को पिछले कुछ समय से ड्रेसिंग रूप में पूर्ण समर्थन हासिल नहीं है. उनको करीब से देखने वालों का मानना है कि उनकी कार्यशैली में लचीलापन नहीं है. साउथेम्पटन में विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (WTC) फाइनल में दो स्पिनरों के साथ उतरना हो या 2019 विश्व कप से पहले चौथे स्थान पर किसी खिलाड़ी को स्थापित नहीं होने देना, उनके अंदर लचीलेपन की कमी देखने को मिलती है.

कोहली के पितृत्व अवकाश पर जाने से चीजें काफी बदल गईं

भारत ने इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज में भले ही 2-1 की बढ़त बनाई हो, लेकिन दुनिया के नंबर एक ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को नहीं खिलाने के फैसले पर सवाल उठते हैं. पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड टेस्ट से पूर्व उन्हें पूर्ण समर्थन हासिल था, लेकिन उस मैच में भारत के 36 रनों पर सिमटने और फिर कोहली के पितृत्व अवकाश पर जाने से चीजें काफी बदल गईं. किसी ने खुलकर नहीं कहा, लेकिन भारत ने जब अपनी सर्वश्रेष्ठ टीम के साथ खेल रहे ऑस्ट्रेलिया (2018-19 के विपरीत) को पिछड़ने के बावजूद हराया तो खिलाड़ी अधिक एकजुट महसूस कर रहे थे. कोहली जब इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज के लिए टीम से जुड़े तो उन्हें पता था कि युवा खिलाड़ियों ने अपने व्यक्तिगत प्रदर्शन से अपनी छाप छोड़ी है.

Advertisement

'मैदान के बाहर कोहली से संपर्क कर पाना बेहद मुश्किल है'

एक पूर्व खिलाड़ी ने अनौपचारिक बातचीत के दौरान पीटीआई से कहा था, ‘विराट के साथ समस्या संवाद की है. महेंद्र सिंह धोनी के मामले में, उनका कमरा चौबीस घंटे खुला रहता था और खिलाड़ी अंदर जा सकता था, वीडियो गेम खेल सकता था, खाना खा सकता था और जरूरत पड़ने पर क्रिकेट के बारे में बात कर सकता था.’ उन्होंने कहा, ‘मैदान के बाहर कोहली से संपर्क कर पाना बेहद मुश्किल है.’

पूर्व क्रिकेटर ने कहा, ‘रोहित में धोनी की झलक है, लेकिन अलग तरीके से. वह जूनियर खिलाड़ियों को खाने पर ले जाते हैं, जब वह निराश होते हैं तो उनकी पीठ थपथपाते है और उन्हें खिलाड़ियों के मानसिक पहलू के बारे में पता है.’

मुश्किल समय में खिलाड़ियों को मझधार में छोड़ देते हैं..?

जहां तक जूनियर खिलाड़ियों का सवाल है तो कोहली के खिलाफ सबसे बड़ी शिकायत यह है कि वह मुश्किल समय में उन्हें मझधार में छोड़ देते हैं. एक अन्य क्रिकेटर ने कहा, ‘ऑस्ट्रेलिया में पांच विकेट के बाद कुलदीप यादव योजनाओं से बाहर हो गए. ऋषभ पंत जब फॉर्म में नहीं थे तो उनके साथ भी ऐसा ही हुआ. भारतीय पिचों पर ठोस प्रदर्शन करने वाले सीनियर गेंदबाज उमेश यादव को कभी यह जवाब नहीं मिला कि किसी के चोटिल नहीं होने तक उनके नाम पर विचार क्यों नहीं किया जाता.’

Advertisement

बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को जारी बोर्ड की प्रेस विज्ञप्ति के रोचक पहलू के संदर्भ में कहा, ‘अगर आप सौरव और जय शाह के बयान देखो, दोनों ने शुभकामनाएं दी हैं, लेकिन एक भी शब्द नहीं कहा कि वह 2023 विश्व कप तक कप्तान रहेंगे या नहीं. इसलिए वह कप्तान रहेंगे इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सकता.’पता चला है कि टी20 विश्व कप के बाद पद छोड़ने वाले रवि शास्त्री ने कोहली से विस्तार से बात की है और वह अब अपना ध्यान 100 अंतरराष्ट्रीय शतक के सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड को तोड़ने के अपने लक्ष्य पर लगाएंगे.

... बोर्ड के पास क्या प्रस्ताव लेकर गए थे कोहली?

कहा जा रहा है कि कोहली चयन समिति के पास यह प्रस्ताव लेकर गए थे कि रोहित को एक दिवसीय उपकप्तानी से हटा दिया जाए, क्योंकि वह 34 साल के हैं. वह चाहते थे कि एक दिवसीय टीम की उपकप्तानी केएल राहुल को सौंपी जाए, जबकि टी20 प्रारूप में यह जिम्मेदारी पंत निभाएं.

सूत्र ने कहा, ‘बोर्ड को यह पसंद नहीं आया जिसका मानना है कि कोहली असल उत्तराधिकारी नहीं चाहते.’ कोहली के टी20 कप्तानी छोड़ने पर रोहित को यह जिम्मेदारी मिलना लगभग तय है और ऐसे में पंत, राहुल और जसप्रीत बुमराह उपकप्तानी के दावेदार हो सकते हैं. दिल्ली कैपिटल्स की टीम अगर आईपीएल खिताब जीत लेती है तो उसके कप्तान पंत सबसे बड़े दावेदार बन जाएंगे. सूत्र ने कहा, ‘पंत मजबूत दावेदार हैं, लेकिन आप राहुल को नहीं नकार सकते क्योंकि वह भी आईपीएल कप्तान है जसप्रीत बुमराह भी छिपा रुस्तम साबित हो सकते हैं.’

Advertisement

इऩपुट- PTI

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement