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Vishnu Solanki: विष्णु सोलंकी पर टूटा विपत्तियों का पहाड़, नवजात बेटी के बाद अब पिता का भी हुआ निधन

बड़ौदा को अपना अगला मैच 3 मार्च से खेलना है, जहां उसकी भिड़ंत हैदराबाद से होनी है. हर कोई चाहेगा कि विष्णु को इस मुश्किल घड़ी से उबरने के लिए कुछ समय मिले.

Vishnu Solanki (BCCI) Vishnu Solanki (BCCI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 28 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 6:42 PM IST
  • विष्णु सोलंकी के पिता का हुआ निधन
  • इससे पहले नवजात बेटी का भी हुआ था देहांत

Vishnu Solanki: बड़ौदा के बल्लेबाज विष्णु सोलंकी पर विपत्तियों का पहाड़ टूट पड़ा है. केवल दो सप्ताह के समय में उनके साथ दो दुखद घटनाएं हुई हैं. कुछ दिनों पहले विष्णु की नवजात बेटी का निधन हो गया था, अब उनके पिता भी दुनिया को छोड़ कर चले गए. विष्णु ने पिता की मृत्यु की खबर मिलने के बाद वीडियो कॉल पर अंतिम संस्कार देखा.

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बीते 10 फरवरी को 29 वर्षीय विष्णु एक बेटी के पिता बने थे. लेकिन एक दिन बाद अस्पताल में उस शिशु की मृत्यु हो गई. विष्णु उस समय बायो-बबल में थे, लेकिन दुखद समाचार के बाद अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए अपने गृहनगर के लिए रवाना हो गए. बाद में वह रणजी ट्रॉफी खेलने के बड़ौदा टीम से वापस जुड़ गए. चंडीगढ़ के खिलाफ मुकाबले में विष्णु ने 161 बॉल पर 103 रनों की नाबाद पारी खेली.

सचिन तेंदुलकर की दिलाई थी याद 

उनके शतक ने लोगों को महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर की याद दिला दी, जो अपने पिता की मृत्यु के कुछ दिनों बाद ब्रिस्टल में वापस आ गए थे क्योंकि उनकी मां रजनी नहीं चाहती थीं कि वह अपने राष्ट्रीय कर्तव्य को भूल जाएं. एक युवा विराट कोहली को भी नहीं भूलना चाहिए, जिन्होंने 97 रन बनाए और उसके बाद पिता के अंतिम संस्कार में शामिल हुए.

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रविवार को रणजी मैच के अंतिम दिन विष्णु को खबर दी गई कि उनके बीमार पिता (जो बीमारी से जूझ रहे थे) का अस्पताल में निधन हो गया है. बीसीए के एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी से कहा, 'विष्णु के पास अपनी बेटी की मौत के बाद टीम में नहीं लौटने का विकल्प था, लेकिन वह टीम मैन है. वह अपनी टीम को बीच मझधार में नहीं छोड़ना चाहता थे. यही उन्हें एक खास इंसान बनाता है.'

बड़ौदा को अपना अगला मैच 3 मार्च से खेलना है, जहां उसकी भिड़ंत हैदराबाद से होनी है. हर कोई चाहेगा कि विष्णु को इस मुश्किल घड़ी से उबरने के लिए कुछ समय मिले. कोई नहीं जानता कि विष्णु सोलंकी कभी भारत की शर्ट पहनेंगे या नहीं, लेकिन जब फौलादी स्वभाव की बात आती है, तो उनका नाम भी लोगों के जेहन में आएगा.




 

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