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Ind vs Aus: एक कान से नहीं सुन पाता टीम इंडिया का ये बॉलर, ब्रिस्बेन टेस्ट में अश्विन की जगह मिला मौका

 IPL-13 के बाद नेट बॉलर के रूप में ऑस्ट्रेलिया लाए गए वॉशिंगटन सुंदर की किस्मत चमकी और उन्हें दिग्गज ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन की जगह टेस्ट डेब्यू का मौका मिला. वॉशिंगटन सुंदर भारत के 301वें टेस्ट खिलाड़ी के तौर पर डेब्यू कर रहे हैं.

Washington Sundar test debut Washington Sundar test debut
aajtak.in
  • ब्रिस्बेन,
  • 15 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 10:38 AM IST
  • ब्रिस्बेन टेस्ट में वॉशिंगटन सुंदर को मिला डेब्यू का मौका
  • ऑफ स्पिनर अश्विन की जगह खेल रहे हैं सुंदर
  • एक कान से नहीं सुन पाते वॉशिंगटन सुंदर

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिस्बेन में खेले जा रहे चौथे टेस्ट मैच में रविचंद्रन अश्विन की जगह ऑफ स्पिनर वॉशिंगटन सुंदर को डेब्यू का मौका मिला. IPL-13 के बाद नेट बॉलर के रूप में ऑस्ट्रेलिया लाए गए वॉशिंगटन सुंदर की किस्मत चमकी और उन्हें दिग्गज ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन की जगह टेस्ट डेब्यू का मौका मिला. वॉशिंगटन सुंदर भारत के 301वें टेस्ट खिलाड़ी के तौर पर डेब्यू कर रहे हैं.

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एक कान से नहीं सुन पाते वॉशिंगटन सुंदर

अश्विन सिडनी में भारत को ऐतिहासिक ड्रॉ कराने के दौरान चोटिल हो गए थे. इससे पहले सुंदर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीमित ओवर की सीरीज में खेले थे. वॉशिंगटन सुंदर की बात करें तो वह सिर्फ एक कान से सुन पाते हैं. जब वो चार साल के थे, तब उनकी बीमारी का पता चला. कई अस्पतालों में इलाज के बाद पता चला कि ये रोग असाध्य है. 

सुंदर को भी इसके चलते परेशानी का सामना करना पड़ता था. लेकिन उन्होंने इस कमजोरी को हावी नहीं होने दिया. सुंदर ने 2016 में तमिलनाडु टीम में जगह बनाई थी. वे कहते हैं, मुझे मालूम है कि फील्डिंग के दौरान साथी खिलाड़ियों को कॉर्डिनेट करने में दिक्कत होती है, पर उन्होंने कभी इसके चलते मुझसे शिकायत नहीं की वे मेरी कमजोरी को लेकर कभी कुछ नहीं कहते.

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सुंदर के नाम के साथ क्यों जुड़ा वॉशिंगटन?

सुंदर पार्थिव पटेल के बाद सबसे कम उम्र में टीम इंडिया की ओर से वनडे में डेब्यू करने वाले खिलाड़ी बने थे. सुंदर ने 18 साल 69 दिन में, जबकि पार्थिव ने 2003 में 17 साल 301 दिन में वनडे डेब्यू किया था. वॉशिंगटन सुंदर के नाम में एक राज छुपा है. दरअसल, उनके पिता एम सुंदर ने अपने गॉडफादर पीडी वॉशिंगटन के नाम पर अपने बेटे का नाम रखा था. पीडी वॉशिंगटन ने सुंदर के पिता की काफी मदद की और मुश्किल वक्त में परिवार के साथ खड़े रहे. इसीलिए सुंदर के पिता उन्हें अपना गॉडफादर मानते हैं.  

जर्सी नंबर में छिपा गहरा राज 

अपने नाम को लेकर चर्चा का विषय बन चुके वॉशिंगटन सुंदर हमेशा 55 नंबर की जर्सी पहनकर खेलते हैं. सुंदर की जर्सी के नंबर का भी एक खास मतलब है. एक वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में सुंदर ने बताया था कि उनकी जन्मतिथि और जन्म का वक्त इस जर्सी नंबर के पीछे की सबसे बड़ी वजह है. सुंदर का जन्म 5 अक्टूबर को सुबह 5 बजकर 5 मिनट पर हुआ था. यही वजह से कि वो उन्होंने 55 नंबर की जर्सी पहनकर मैदान पर उतरते हैं. 

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