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वर्ल्ड कप में तेज तर्रार ऋषभ पंत या अनुभवी दिनेश कार्तिक, किसे मिलेगी जगह?

इंग्लैंड में 30 मई से शुरू हो रहे विश्व कप के लिए भारतीय टीम के सदस्य लगभग तय हैं, लेकिन टीम संयोजन पर विचार होगा. दूसरे विकेटकीपर के लिए युवा ऋषभ पंत का मुकाबला अनुभवी दिनेश कार्तिक से है.

शिखर धवन-दिनेश कार्तिक(Twitter) शिखर धवन-दिनेश कार्तिक(Twitter)
aajtak.in
  • मुंबई,
  • 15 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 11:33 AM IST

वर्ल्ड कप के लिए चयनकर्ता सोमवार को जब भारतीय टीम चुनने बैठेंगे, तो कई अहम मसले होंगे. जिनमें चौथे नंबर का स्लॉट और अतिरिक्त तेज गेंदबाज की जरूरत के अलावा 'दूसरा विकेटकीपर' का पेच भी चयनकर्ताओं को निपटाना होगा.

इंग्लैंड में 30 मई से शुरू हो रहे विश्व कप के लिए भारतीय टीम के सदस्य लगभग तय हैं, लेकिन टीम संयोजन पर विचार होगा. दूसरे विकेटकीपर के लिए युवा ऋषभ पंत का मुकाबला अनुभवी दिनेश कार्तिक से है.

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21 साल के पंत आईपीएल-12 में अब तक (रविवार तक) 245 रन बना चुके हैं, जबकि कार्तिक ने 111 रन बनाए हैं. पंत का पलड़ा भारी लग रहा है, क्योंकि वह पहले से सातवें नंबर तक कहीं भी बल्लेबाजी कर सकते हैं. विकेटकीपिंग में सुधार की गुंजाइश है, लेकिन कार्तिक का पिछले एक साल का प्रदर्शन ऐसा नहीं है कि वह पुरजोर दावा पेश कर सकें.

पंत को एक्स-फैक्टर के रूप में देखा जाता है, जिन्हें तेज तर्रार पारी के लिए जाना जाता है. वहीं कार्तिक को एक अनुभवी बल्लेबाज माना जाता है और जो विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में शांत रहने में सक्षम हैं. 33 साल के कार्तिक ने अब तक 91 वनडे इंटरनेशनल मुकाबले खेले हैं, जबकि पंत ने 5 ही वनडे में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व किया है.

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हालांकि, कप्तान और प्रसाद दोनों पहले ही यह स्पष्ट कर चुके हैं कि आईपीएल में खिलाड़ियों के प्रदर्शन के आधार पर विश्व कप के लिए टीम का चयन नहीं किया जाएगा. लेकिन सूत्रों का कहना है कि चयनकर्ताओं के लिए राहुल और पंत जैसे अन्य खिलाड़ियों को नजरअंदाज करना मुश्किल होगा.

उधर, दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज ऑलराउंडर और कोलकाता नाइट राइडर्स के कोच जैक कैलिस का मानना है कि वर्ल्ड कप के लिए दिनेश कार्तिक को भारतीय टीम में जगह न देना बहुत बड़ी बेवकूफी होगी.

एक इंटरव्यू में कैलिस कह चुके हैं-  'मैं कार्तिक को अनुभव के लिए चुनूंगा, विश्व कप में उनका अनुभव चाहूंगा. वह जानते हैं कि विपरीत परिस्थितियों में कैसे खेलते हैं और वह मध्यक्रम को मजबूती प्रदान कर सकते हैं. वह अधिक डॉट बॉल नहीं खेलते और उन्हें टीम में न चुनना भारत की बड़ी बेवकूफी होगी.'

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