Advertisement

U-19 World Cup, Yash Dhull: मुश्किलों भरा रहा है यश ढुल का सफर, जाने इस युवा बल्लेबाज की कहानी

अंडर-19 विश्व कप 2022 के लिए दिल्ली के युवा बल्लेबाज यश ढुल को भारतीय टीम की कप्तानी सौंपी गई है.  दिल्ली के ही दो खिलाड़ी विराट कोहली और उन्मुक्त चंद अंडर-19 विश्व कप में जीत दिला चुके हैं. ऐसे में यश ढुल भी इन दोनों के नक्शे कदम पर चलते हुए भारत के लिए ट्रॉफी जीतना चाहेंगे.

Yash Dhull (twitter) Yash Dhull (twitter)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 9:08 AM IST
  • यश ढुल अंडर-19 वर्ल्ड कप में भारत की कप्तानी करेंगे 
  • दिल्ली के जनकपुरी इलाके के रहने वाले हैं यश

U-19 World Cup, Yash Dhull: अंडर-19 विश्व कप 2022 के लिए दिल्ली के युवा बल्लेबाज यश ढुल को भारतीय टीम की कप्तानी सौंपी गई है.  दिल्ली के ही दो खिलाड़ी विराट कोहली और उन्मुक्त चंद अंडर-19 विश्व कप में जीत दिला चुके हैं. ऐसे में यश ढुल भी इन दोनों खिलाड़ियों के नक्शे कदम पर चलते हुए भारत के लिए ट्रॉफी जीतना चाहेंगे.

Advertisement

यश ढुल के लिए अंडर-19 तक का सफर आसान नहीं रहा है. यश के पिता एक कॉस्मेटिक ब्रांड के साथ एक एक्जीक्यूटिव के रूप में काम करते थे, लेकिन अपने बच्चे के करियर को संवारने के लिए उन्हें अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी. विजय ढुल ने एक इंटरव्यू में बताया कि यश को अच्छे बैट दिलाने के लिए उन्होंने घर के बजट में कटौती कर डाली थी.

वीनू मांकड़ ट्रॉफी में उन्होंने डीडीसीए के लिए पांच मैचों में 75.50 की शानदार औसत से 302 रन बनाए. नई दिल्ली के जनकपुरी के रहने वाले यश के पास दिल्ली की अंडर-16, अंडर-19 और भारत की अंडर-19 टीम का नेतृत्व करने का अनुभव है. दाएं हाथ के मध्य क्रम के बल्लेबाज ने 11 साल की उम्र में बाल भवन स्कूल की अकादमी में प्रवेश किया और यहीं से अपने खेल को विकसित किया.

Advertisement

यश के पिता विजय ढुल ने इंटरव्यू में कहा, 'मुझे यह सुनिश्चित करना था कि उसे कम उम्र से ही खेलने के लिए सबसे अच्छी किट और गियर मिले.  मैंने उसे बेहतरीन इंग्लिश विलो बैट दिए. उसके पास सिर्फ एक बल्ला नहीं था, मैं उन्हें अपग्रेड करता रहा. हमने अपने खर्चे में कटौती की थी. मेरे पिता एक आर्मी मैन थे, उन्हें जो पेंशन मिलती थी उसका इस्तेमाल घर चलाने में होता था. यश को हमेशा आश्चर्य होता था कि हम इसे मैनेज कर रहे हैं.'

यश का कोई रोल मॉडल नहीं

क्रिकेट के क्षेत्र में उनके रोल मॉडल के बारे में पूछे जाने पर ढुल ने किसी विशेष खिलाड़ी का नाम लेने से परहेज किया. यश ने कहा, 'कोई भी जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलता है, उससे सीखने के लिए काफी चीजें हैं. मैं हर किसी के खेल का बारीकी से अध्ययन करता हूं.  मैं किसी की नकल नहीं करता, लेकिन हर कोई मेरा हीरो है.'

मां ने पहचाना टैलेंट

पिता विजय ढुल बताते हैं कि यश की मां ने उनके क्रिकेट का टैलेंट सबसे पहले पहचाना था. उन्होंने एक किस्से को याद करते हुए बताया कि 4 साल की उम्र में यश की मां ने पहली बार यश की गेंद की समझ और क्रिकेट की रुचि पर ध्यान दिया था. इसके बाद खुद यश के पिता अपने बेटे को घर की छत पर प्रैक्टिस करवाते थे. 12 साल की उम्र में यश ने दिल्ली अंडर-14 का प्रतिनिधित्व किया था तब घर वालों को अपनी मेहनत में थोड़ी सफलता नजर आई थी.

Advertisement



 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement