
अनुभवी क्रिकेटर युवराज सिंह का रणजी ट्रॉफी मैच नहीं खेलकर एनसीए (राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी) में ट्रेनिंग करने का फैसला बीसीसीआई के अधिकारियों के एक वर्ग को पसंद नहीं आ रहा है. युवराज अब तक पंजाब के पांच में से चार रणजी मैचों में नहीं खेले हैं. वह विदर्भ के खिलाफ सिर्फ एक मैच में खेले हैं, जिसमें उन्होंने 20 और 42 रन बनाए हैं. बीसीसीआई के कुछ अधिकारी अब राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में उनकी मौजूदगी पर सवाल उठा रहे हैं, क्योंकि उन्होंने अभी किसी तरह की चोट के बारे में नहीं बताया है.
पता चला है कि युवराज यो-यो फिटनेस टेस्ट को पास करने के लिये बेताब हैं, जिसमें पहले वह असफल हो गए थे. लेकिन ऐसा प्रतिस्पर्धी मैचों में नहीं खेलकर हो रहा है. भारतीय टीम में वापसी भी युवराज के लिए जरूरी है, क्योंकि उनके आईपीएल नीलामी पूल में वापसी की उम्मीद है और फ्रेंचाइजी टीमों के लिए भारतीय टीम से बाहर चल रहे खिलाड़ी को लेना पहला विकल्प नहीं होता.
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर पीटीआई से कहा, ‘ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं है कि युवराज रिहैबिलिटेशन कर रहे हैं, लेकिन हमें पता चला है कि वह यो-यो टेस्ट पास करने के लिए विशेष फिटनेस ट्रेनिंग कर रहे हैं. लेकिन रणजी ट्रॉफी छोड़ना अच्छी चीज है या नहीं, इस पर युवराज को फैसला करना होगा.'
अधिकारी ने कहा, ‘क्या इसका मतलब है कि अगर वह 16.1 (भारतीय टीम प्रबंधन द्वारा निर्धारित फिटनेस मानक) को हासिल कर लेते हैं और उनके खाते में कोई रन नहीं होते हैं, तो क्या उन्हें श्रीलंका के खिलाफ सीमित ओवरों की सीरीज के लिए चुना जाएगा? ’ हालांकि युवराज से इस मामले पर बातचीत नहीं की जा सकी है.
बीसीसीआई अधिकारी ने साथ ही कहा, ‘हमने सुना है कि युवराज ने पंजाब टीम प्रबंधन को बताया है कि उन्हें भारतीय टीम ने फिटनेस टेस्ट कराने को कहा है, जबकि चयनकर्ताओं ने हमेशा ही रणजी ट्रॉफी के प्रदर्शन पर जोर दिया है. ईशांत शर्मा को देखिए- वह भी भारतीय टीम का हिस्सा हैं, लेकिन उन्हें कोलकता टेस्ट से एक दिन पहले ही रिलीज कर दिया, ताकि वह महाराष्ट्र के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच खेल सकें.’