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युवराज सिंह का फिर छलका दर्द, बोले- धोनी और विराट ने नहीं किया सपोर्ट

17 साल लंबे अंतरराष्ट्रीय करियर के दौरान कई कप्तानों के अधीन खेल चुके युवराज सिंह ने खुलासा किया कि उनके लिए सबसे अच्छा कप्तान कौन साबित हुआ.

Yuvraj Singh said that he had more memories of playing under Sourav Ganguly. Yuvraj Singh said that he had more memories of playing under Sourav Ganguly.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 01 अप्रैल 2020,
  • अपडेटेड 10:13 AM IST

  • युवराज को कप्तान के तौर पर किसका मिला सपोर्ट?
  • 2011 वर्ल्ड कप में रहे थे 'प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट'

17 साल लंबे अंतरराष्ट्रीय करियर के दौरान कई कप्तानों के अधीन खेल चुके युवराज सिंह ने खुलासा किया कि उनके लिए सबसे अच्छा कप्तान कौन साबित हुआ. 38 साल के युवराज ने सौरव गांगुली की कप्तानी के दिनों को याद किया है.

बाएं हाथ के बल्लेबाज युवराज सिंह ने कहा कि मौजूदा बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली की कप्तानी को वह ज्यादा याद करते हैं. युवराज हालांकि महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में 2011 वर्ल्ड कप के दौरन 'प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट' रहे थे.

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स्पोर्टस्टार से एक इंटरव्यू के दौरान भारत के पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी ने कहा, 'मैंने सौरव (गांगुली) की कप्तानी में खेला है और उन्होंने मेरा बहुत सपोर्ट किया. मेरे पास सौरव की कप्तानी की अधिक यादें हैं, क्योंकि उन्होंने मेरा समर्थन किया. मुझे माही (एमएस धोनी) और विराट (कोहली) से इस तरह का सपोर्ट नहीं मिला.'

युवराज ने अपने वनडे इंटरनेशनल करियर में कुल 14 शतक जमाए हैं. युवी ने 304 वनडे में 8701 रन बनाए. उन्होंने श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन को सबसे कठिन गेंदबाज के तौर पर चुना.

युवराज ने कहा, 'मुझे मुरलीधरन के खिलाफ काफी जूझना पड़ा था. उनकी गेंदबाजी को समझ नहीं पाता था. तब सचिन (तेंदुलकर) ने मुझे उनके खिलाफ स्वीप शुरू करने के लिए कहा था. इसके बाद मेरे लिए मुरली के खिलाफ खेलना आसान हो गया.'

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युवराज ने माना, 'ग्लेन (मैक्ग्रा) की गेंदें मुझे ज्यादा परेशान करतीं... लेकिन सौभाग्य से मैं उनके (मैक्ग्रा) के खिलाफ ज्यादा नहीं खेल पाया. मैं टेस्ट मैचों में बाहर बैठकर सीनियर्स के लिए चीयर करता था.'

युवराज सिंह मुश्किल परिस्थितियों में अपने शानदार प्रदर्शन के लिए जाने जाते थे, इस चैम्पियन ऑलराउंर ने अपनी यादगार पारियों के बारे में भी बात की.

युवराज ने कहा, 'बेंगलुरु में 169 रनों की पारी (2007 में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच, जिसमें भारत ने 61 रनों पर 4 विकेट गंवा दिए थे). विश्व कप-2011 के क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नाबाद 57 रन. ये पारियां दबाव में आई थीं, साथ ही छक्के (स्टुअर्ट ब्रॉड के खिलाफ) बहुत यादगार रहे.'

इस धुरंधर ऑलराउंडर ने 2019 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा कर दी थी. युवराज भारत की दो वर्ल्ड चैम्पियन (2007 में वर्ल्ड टी20 और 2011 में वर्ल्ड कप) टीमों का हिस्सा रहे और दोनों ही टूर्नामेंट्स में उन्होंने अपने प्रदर्शन से खास छाप छोड़ी थी.

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